लॉकडाउन बिताया पड़ोसी की बेटियों के साथ
गरम सेक्स की स्टोरी में पढ़ें कि लॉकडाउन में मैं
मेरे लेडीज़ गार्मेंट के शॉप पर एक सेक्सी भाभी ब्रा-पैंटी
देसी लवर सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे अपनी क्लास की एक लड़की पसंद आ गयी, उससे दोस्ती हो गयी. बात आगे कैसे बढ़ी? मैंने कैसे उसे प्रोपोज़ किया?
दोस्तो, मेरा नाम निलेश है, मैं इंदौर से हूँ. ये देसी लवर सेक्स कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड के बीच की है.
मैं आपको शुरूआत से सब बताना चाहूँगा, तो आपको इस देसी हिंदी सेक्स कहानी के क्लाईमेक्स तक जाने में थोड़ा समय लगेगा.
आप प्लीज़ धीरज रखते हुए आनन्द लीजिएगा.
देसी लवर सेक्स कहानी शुरू करने से पहले आप थोड़ा सा हम दोनों के बारे में जान लीजिए.
मैं छह फीट का सेक्सी बॉडी वाला हैंडसम और स्मार्ट ब्वॉय हूँ. मैं अभी बीटेक के अंतिम सेमेस्टर में हूँ.
मेरी जान का नाम पूजा है … और वो भी मस्त माल है. पूजा मुझसे थोड़ी कम लंबी है … लेकिन बेहद सेक्सी है.
हम दोनों स्कूल से साथ में पढ़ रहे हैं और अभी भी एक ही क्लास में हैं.
हमारी दोस्ती कुछ साल पहले उस समय शुरू हुई थी, जब हम स्कूल में थे.
हालांकि उस टाइम मुस्कान मेरी गर्लफ्रेंड थी, लेकिन पूजा से मेरी दोस्ती बढ़ रही थी और वह मुझे पसंद आने लगी थी.
चूंकि मुस्कान एक साल से मेरी गर्लफ्रेंड थी, तो पूजा से मेरी कुछ ज़्यादा बात नहीं बन रही थी.
पर मुझे यकीन होने लगा था कि पूजा भी मुझे पसंद करती है.
वैसे दोस्तो सच कहूँ, तो मुस्कान, पूजा से भी ज़्यादा सुंदर थी, लेकिन हमारे बीच कुछ खास प्यार नहीं था.
खैर … वो छोड़ो, तो हुआ ऐसा कि अगले साल पूजा और मैंने साइन्स ले ली लेकिन मुस्कान ने कॉमर्स ली.
तो मेरी और पूजा की दोस्ती बढ़ गई.
और उधर मुस्कान ने हमें गलत समझना शुरू कर दिया … या उसका ये बहाना था … जिसके चलते उसने मुझसे ब्रेकअप कर लिया और एक सीनियर से अपनी सैटिंग कर ली.
वो सीनियर हमारे स्कूल का स्टड था.
मुस्कान के उसके साथ सैट हो जाने से मुझे घंटा फ़र्क नहीं पड़ा … बल्कि पूजा और मेरा रास्ता खुल गया.
फिर दो साल तक पूजा और हमारी दोस्ती के कारण हमारी प्रेम कहानी की नींव बहुत गहरी होती चली गयी.
हालांकि अब तक हम दोनों में से किसी ने प्रपोज़ नहीं किया था, पर हमारी दोस्ती ऐसी हो गयी थी कि जिस दिन में नहीं जाता, उस दिन वो भी नहीं जाती.
बिल्कुल मेरा भी ऐसा ही था.
फिर बारहवीं के बाद गर्मी की छुट्टियों में पूजा और मेरी चैटिंग चालू हुई. हालांकि हम पहले भी चैट करते थे, लेकिन उस समय की चैट में और अब की चैट में फर्क आ गया था. अब हम दोनों सिर्फ़ चैट कर रहे थे.
लगभग दस दिन बाद उसने मुझसे पूछा- मुस्कान और तेरे बीच क्या क्या हुआ था?
मैंने उससे बोला- सिर्फ़ किस.
वो मेरी बात से नहीं मानी.
मैंने उसे एक दिन पूरा यही समझाया कि हम दोनों नाम का रिश्ता था, वो मेरी गर्लफ्रेंड सिर्फ नाम भर के लिए थी.
कसम खाकर मैंने उसे सब बताया, तब जाकर वो मानी.
फिर मैंने उससे पूछा कि तेरा किसी से कुछ हुआ कि नहीं!
तो उसने बोला- मुझे जो पसंद था, वो किसी और के साथ था … तो मेरा कैसे कुछ होता?
मुझे पता था कि वो मेरी बात कर रही है. लेकिन उसने मुझे वो बात बंद करने की बात की.
फिर अगले ही दिन मैंने उससे मिलने का बोला कि यार बहुत दिन हो गए मिले … कल मिलते हैं.
तो उसने भी बोला- हां ठीक है, कल नहीं आज शाम को ही मिलते हैं. तू मेरे घर आ जा!
मैं शाम को उसके घर पढ़ाई का ड्रामा करने के लिए बैग लेकर गया. उसकी मम्मी से ‘हाई हैलो ..’ करके मैंने पूजा से बात की उसके हाल चाल पूछे.
फिर उसकी मम्मी ने बोला- एग्जाम खत्म हो गए, तो तुम बैग लेकर कहां घूम रहे हो निलेश!
मैंने बोला- पूजा की बुक्स वापस करनी थी आंटी, इसलिए बैग में ले आया हूँ.
वो बोलीं- ठीक है.
मैंने पूजा को बुक्स का बोला तो पूजा को कुछ समझ में नहीं आया.
तो मैंने उससे कहा- पूजा ये अपनी बुक्स ले लो.
वो मुझे अपने रूम में ले गयी.
अन्दर जाकर उसने पूछा- कौन सी बुक्स लाया है नील?
पूजा मुझसे नील ही कहती है.
मैंने बैग में से एक गुलाब का फूल निकाला और उसे देकर बोला- आई लव यू पूजा!
उसने हैरान होकर मेरी तरफ देखा और पूछा- क्या?
मैंने फिर से बोला- आई लव यू.
अब उसने हंस कर बोला- अप्रैल फूल बना रहा है क्या … नील तू फालतू मज़ाक मत कर!
मैंने फूल को एक तरफ रखा और उसके हाथों को अपने हाथ में लेकर घुटने के बल बैठ कर उससे फिर से बोला- आई लव यू पूजा.
वो मुझे देखती रही और उसने बहुत धीमे से कहा- आई लव यू टू नील.
दोस्तो, मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि मुझे पूरा विश्वास था कि वो हां ही करने वाली है.
मैं उसके सामने खुश हुआ … वो भी बहुत खुश दिख रही थी.
फिर हम दोनों की आंखें मिल कर सिर्फ़ एक दूसरे की आंखों में देख रही थीं. मैं तो उसे किस करने वाला था, लेकिन उसके मन में ऐसा कुछ नहीं था.
मैं कुछ करता … उससे पहले ही उसकी मां ने हम दोनों को चाय के लिए आवाज़ दे दी.
हम दोनों एक दूसरे से दूर हो गए और स्माइल देकर एक दूसरे को देखते हुए नीचे आ गए.
मैं चाय पीते हुए आंटी और पूजा से कुछ सामान्य बातें करने लगा.
फिर अपने घर चला आया.
उसके बाद हमने दो महीने तक सिर्फ फ़ोन पर बहुत सी बातें की लेकिन मिल नहीं पाए.
क्योंकि वो अपने घर पर मिलने से कुछ डर रही थी और मेरे घर आ नहीं सकती थी.
मैं उसे एक दिन बहुत मुश्किल से मूवी के लिए तैयार कर पाया और वो अपनी सखी के साथ घर से मूवी देखने की कह कर निकल आई.
मैंने हॉल में साइड वाली सीट बुक की और उसका हाथ पकड़ कर बैठ गया.
फिल्म के दौरान हम दोनों बात करते करते बहुत करीब आ गए थे. मैंने अपना एक हाथ उसके गले में डाल दिया और उसे अपने करीब खींच लिया.
मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिए और उसके होंठों को स्मूच करने लगा.
इस हॉट सी किस में वो कुछ भी रेस्पॉन्स नहीं कर रही थी.
बस बर्फ सी ठंडी थी.
मैं उसे लगभग दो मिनट तक इसी तरह चूमता रहा.
मगर जब उसकी तरफ से कुछ भी नहीं हुआ तो मैं उसे छोड़ कर दूर हो गया.
वो भी सीधी बैठ गई.
हम दोनों ने इंटरवेल तक कोई बात नहीं की.
फिर इंटरवेल में मैंने उससे कहा कि क्या तुमको बुरा लगा?
वो बोली- बिल्कुल नहीं. बल्कि ये मेरी लाइफ का सबसे अच्छा अनुभव था.
मैंने पूछा- तो तुमने रेस्पॉन्स क्यों नहीं दिया?
वो बोली- मैंने आज से पहले ऐसा कभी कुछ नहीं किया … लेकिन जब तुम कर रहे थे … तो मैं बस तुम्हें फील कर रही थी. आई रियली लव यू नील.
मैं ये सुन कर बहुत खुश हुआ. फिर उसी समय एक वेंडर से हम दोनों ने कोल्ड ड्रिंक ले ली और पीने लगे.
कुछ ही देर में मूवी फिर से शुरू हो गई और हॉल में अंधेरा छा गया.
इस बार हम दोनों ने फिर से लिप किस की. इस बार वो रेस्पॉन्स कर रही थी.
दोस्तो, इस बार जो किस हुई थी, वैसी किस तो कभी मुस्कान के साथ भी नहीं हुई थी.
उसके किस करने से मुझे उसका प्यार महसूस हुआ.
मैं बहुत खुश हुआ.
इसी तरह पूरी फिल्म में हम दोनों ने जम कर लिपकिस किया.
फिल्म खत्म होने के पहले वो मेरे साथ बाथरूम में गई. मैं जेंट्स टॉयलेट में चला गया और वो लेडीज में.
उसने उधर जाकर अपना मेकअप ठीक किया. मैंने उसके होंठों की लिपस्टिक को चाट जो लिया था.
इधर मैंने भी अपने मुँह और गाल पर लगी लिपस्टिक को साफ़ किया.
बाहर आए तो हम दोनों वापस हॉल में गए ही नहीं, सीधे बाहर निकल आये.
हम दोनों बहुत खुश थे. एक दूसरे के हाथ को जकड़े हुए थे.
इसके बाद लगभग एक महीने तक हमारी बेहिसाब बातें हुईं और इस बार हमारी बातों में प्यार का नशा था.
हम अब एक दूसरे के बारे में हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात को जानने लगे थे.
हमने मिलने का ज़्यादा प्रयास नहीं किया क्योंकि हमें पता था कि हम दोनों एक ही कॉलेज में जाने वाले हैं. तो वहीं अपने प्यार को आगे बढ़ाएंगे.
फाइनली वो सब हुआ और हमारी तो जैसे दुनिया ही बदल गयी.
अब हम बस में साथ होते, कॉलेज में पूरा टाइम होते और पढ़ाई में सबसे आगे रहते.
मतलब ये कि हमारी जिंदगी बिल्कुल जन्नत बन गयी थी. लेकिन हमारा फिजिकल रिलेशनशिप कुछ अच्छे से नहीं चल रहा था. हमें सिर्फ़ कभी कभी बस में किस करने का मौका मिल पाता था और कुछ नहीं.
लेकिन हमारी बातें अब सेक्स की तरफ रुख़ ले चुकी थीं … और मैं उसे किसी रूम पर ले जाने के लिए मना रहा था.
वो भी चाहती थी लेकिन मान नहीं रही थी.
फिर मेरे बर्थडे पर मैंने उससे रूम पर जाने की सहमति तोहफे के रूप में मांगी.
और वो इस बार मना नहीं कर पाई.
फिर हमने तेईस दिन बाद उसके बर्थडे पर रूम पर जाने का प्लान किया.
हम दोनों व्यस्क थे तो कुछ भी परेशानी नहीं आने वाली थी. हमने सब कुछ समझदारी से प्लान किया.
हम दोनों ही वर्जिन थे.
मैंने तो कई बार मुठ भी मारी थी … लेकिन उसने तो कभी उसकी चूत में कुछ नहीं डाला था.
उसके बर्थडे पर हम एक होटल में पहुंच गए.
फाइनली हम दोनों रूम में थे. मैंने चॉकलेट वाला केक ऑर्डर कर रखा था. वो केक हमारे कमरे की टेबल पर रखा था.
वो कमरे में केक रखा देखते ही खुश हो गई.
मैंने कमरे की लाइट्स ऑफ की, एक कैंडल जलाई और उसको बर्थडे विश किया.
बहुत ज़्यादा खुशी के साथ उसने ‘थैंक्यू जान …’ बोला और मैंने केक की तरफ इशारा किया.
उसने कैंडल बुझाई, केक काटा और एक पीस उठा कर मेरे होंठों में फंसा दिया. मैंने केक का आधा भाग उसके होंठों में फंसा दिया और एक दूसरे को इसी तरह से खिलाया.
मेरे सब्र का बांध टूट रहा था, तो मैंने केक को पूरा खत्म किया और उसके चेहरे को पकड़ कर उसके होंठों को चूम लिया.
वो भी मेरे होंठों को चूम कर अलग हो गई.
मैं उसे देखने लगा.
वो भी अब पूरी तरह रेडी लग रही थी.
हम दोनों करीब हुए और होंठों को फिर से मिला दिया. हमारी आंखें खुद ही बंद हो गयी थीं और हम एक दूसरे में खोने लगे थे.
वो मेरा पूरा साथ दे रही थी और आज हमारे किस में प्यार के साथ हवस भी भरपूर थी, जिससे हम दोनों ही वाकिफ़ थे. हम होंठों के दरवाजे को धक्का देकर थोड़े अन्दर गए और एक दूसरे की जीभ के साथ खेलने लगे. हम बारी बारी से एक दूसरे की जीभ को चूस रहे थे. इसी के साथ मैंने उसके बूब्स को सहलाना भी शुरू कर दिया.
मैं फिलहाल इस देसी लवर सेक्स कहानी को यहीं रोक रहा हूँ. सेक्स कहानी के अगले अंक में आपको पूजा की कुंवारी चुत चुदाई का मजा विस्तार से लिखूंगा. आप मुझे मेरी इस सेक्स कहानी पर कमेंट करना मत भूलना.
आपका नील
देसी लवर सेक्स कहानी का अगला भाग: गर्लफ्रेंड की कुंवारी चुत चुदाई का मजा- 2
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