मालदीव में दो सहेलियों का डबल हनीमून-1
प्यारे दोस्तो, एक लम्बे अंतराल के बाद आपसे मुखातिब हूँ…
कॉलेज में एक जूनियर मेरी टीम में था. एक बार हम दोनों कैंटीन में थे तो मैंने उसे मेरे लिए खाना लाने को कहा. उसने कहा ‘जो हुक्म मैडम’ तो मेरे मन में एक शैतानी खयाल आया.
इस गर्म साइट के सभी गर्म लड़कों और प्यासी लड़कियों को मेरा हैलो। मैं सिमरन हूं और मैं एक बंगाली लड़की हूं. मैं दिल्ली में रहती हूं और अपनी लाइफ को खूब मस्ती में इंजॉय कर रही हूं. मैं जानती हूं कि एक दिन मेरी शादी हो जायेगी और फिर ये मजा नहीं मिलेगा.
इसलिए मैं शादी से पहले जिन्दगी का पूरा मजा लेना चाहती हूं. सेक्स में मुझे ऐसे लड़के बहुत पसंद हैं जो एक गुलाम बन कर मुझे खुश करें और मैं उनको एक स्लेव की तरह रखूं. इसलिए आप मुझे बीडीएसएम लवर (BDSM Sex Lover) भी कह सकते हैं.
मेरी जिन्दगी में हुई ऐसी बहुत सी कामुक घटनाएं जो मैं अपनी इन कहानियों के माध्यम से बताऊंगी.
मैंने अपनी जिन्दगी में ऐसे कई मुकाम हासिल किये हैं जिनके बारे में मैं खुले तौर पर सबको बता सकती हूं. मगर किसी लड़के को गुलाम बना कर उसके साथ सेक्स का मजा लेने की दास्तां बताना मुझे बहुत पसंद है मगर ऐसे वाकये मैं सार्वजनिक रूप से नहीं बता सकती।
इन्हीं घटनाओं में से एक है आज की ये स्टोरी जिसको याद करके ही मेरी पैंटी गीली हो जाती है और मैं फिर से ऐसे ही किसी के नीचे चुद कर मजा लेने के लिए तरस जाती हूं.
यह कहानी मेरे कॉलेज के दिनों की है. मैं अपने कॉलेज में काफी एक्टिव रहती थी. मैं अपनी क्लास की टॉपर थी और कॉलेज में होने वाले उत्सव आदि कार्यक्रमों में आगे आकर भाग लेती थी. कॉलेज के फाइनल ईयर में मैं अपने कॉलेज की उत्सव कमिटी की हेड हुआ करती थी.
कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों की टीम काफी बड़ी थी और मेरे नीचे बहुत सारे जूनियर भी काम करते थे. विक्की भी उनमें से एक लड़का था जो मेरे अंदर बहुत रुचि दिखाता था. मैंने उसे पहले दिन से ही नोटिस करना शुरू कर दिया था और वो शुरू से ही मुझे घूर कर देखा करता था.
चूंकि वो जूनियर था और मैं सीनियर इसलिए वो किसी वजह से मेरी इज्जत भी करता था और शुरूआती दिनों में तो मुझसे बात करते हुए भी काफी घबराता था. फिर कई बार फंक्शन के दिनों में साथ काम करते हुए हमारी बातें हुईं और हम एक दूसरे को जानने लगे थे.
अब अक्सर हमारी चैटिंग होना शुरू हो गयी थी. अब धीरे धीरे हम अपनी पर्सनल लाइफ भी एक दूसरे के साथ शेयर करने लगे थे. विक्की ने मुझे बताया कि कैसे उसने अपनी ही क्लास की एक लड़की को पटाया. मैंने भी उसको बताया कि कैसे मैंने अपने एक सीनियर लड़के को फंसाया था. इस तरह से हम काफी मस्ती मजाक भरी बातें किया करते थे.
एक दिन की बात है कि कॉलेज का फंक्शन खत्म हुआ था. फंक्शन खत्म होने के बाद हम दोनों कैंटीन में चले गये और लंच करने लगे.
कॉलेज के बारे में बातें करते हुए मैंने उसे कहा कि वो काउंटर से मेरे लिए ऑर्डर लेकर आ जाये।
वो बोला- जो हुक्म मैडम!
उसने मुझे हल्की सी आंख मारी और उठ कर चला गया. उसकी इस हरकत पर मुझे हैरानी सी हो रही थी.
तभी मेरे दिमाग में एक कामुक खयाल आया और सोचा कि क्यों न विक्की के साथ मस्ती की जाये? उसके बारे में तो मैं नहीं जानती थी कि वो भी इसमें रुचि लेगा या नहीं मगर मैं तो उसके बारे में सोचकर बहुत एक्साइटेड हो रही थी.
वो ऑर्डर लेकर वापस आया और बैठ गया.
मैंने उसे जोर देकर कहा- जाते हुए तुम जो बोल कर गये थे उसका क्या मतलब था?
वो बोला- मैं अपनी मैडम की इज्जत करता हूं और मुझे यह जताना था कि मैं उसके हर हुक्म का पालन करने के लिए तैयार हूं.
मैं- तुम ये क्या बोल रहे हो विक्की?
वो बोला- ओह्ह चलो भी यार, मैं जानता हूं कि तुम्हें एक गुलाम पार्टनर की इच्छा होती है. मैं तुम्हारी सेवा करने के लिए तैयार हूं. मैंने हमेशा तुम्हारे सीनियर होने की तारीफ की है और तुमसे बेहतर मुझे कोई और नहीं मिल सकता. कम से कम मुझे अपना दास बना कर ही रख लो यार। किंतु अगर तुम्हें लगे कि मैंने तुम्हारे बारे में कुछ गलत सोच लिया है तो प्लीज इसके लिए मना कर देना. यदि तुम्हें लगे कि तुम भी इसके लिये तैयार हो तो वो भी मुझे बता दो.
दोस्तो, पता नहीं उस वक्त मेरे मन में क्या आया कि मैंने अपने पैर के पंजे से विक्की की टांग पर सहलाना शुरू कर दिया और नीचे से सहलाते हुए मैंने ऊपर की ओर उसकी जांघों के बीच में उसके टट्टों तक सहलाते हुए उसकी गोलियों को जोर से दबा दिया.
मैं बोली- मेरे गुलाम बनने से पहले दो बार सोच लो बदमाश कहीं के। तुम अभी नादाँ हो और मेरे जिस्म को पाने के लिए बहुत छोटे हो. इसके लिए तुम्हें काफी गंदे काम करने पड़ सकते हैं. अगर तुम तैयार हो तो अभी वॉशरूम में जाओ और अपना अंडरवियर उतार कर मुझे लाकर दो.
ये देख कर मैं हैरान रह गयी कि वो मेरे कहते ही उठा और जल्दी से वॉशरूम की ओर दौड़ा. मैं अपनी किस्मत पर अचंभित थी कि मेरी फेंटेसी मेरी आंखों के सामने पूरी हो रही थी जैसे कोई सपना सच हो रहा हो.
मेरे दिमाग में लड़कों को वश में करने, उनको सेक्स स्लेव बनाने और नीच बनाने के लिए अनेकों विचार पहले से ही थे. विक्की उन सब के लिए एकदम से परफेक्ट बंदा था.
उसका एक मस्त शरीर था, अच्छी शेप वाली बॉडी थी और वो सामान्यतया नीचे दबने वाले किस्म का लड़का था. मैंने तो अपने मन में ही पहले ही सारे मजे को लेकर सोचना शुरू कर दिया था, जो विक्की के साथ मुझे आने वाला था.
वो अपना सिर झुकाकर चलते हुए वापस आया. वो मेरे सामने आकर बैठ गया और उसने अपनी चड्डी टेबल के नीचे से मेरे हाथ में दे दी.
मैं- बहुत अच्छे, तुम वाकई एक वफादार पालतू कुत्ते हो।
विक्की- थैंक्यू मैडम।
मैंने उसकी जीन्स पर अपने पैर को रगड़ना शुरू किया और अपने पंजे को उसके ट्टटों पर टच करने लगी. फिर मैंने उसके टट्टों को अपने पैर से जोर से दबा दिया.
मैं- मेरे घर पर मजा लेने के लिए तैयार हो?
मैंने उससे पूछा तो उसने हां में सिर हिला दिया.
उस वक्त मेरे पास मेरे नये फ्लैट की चाबी भी थी.
ये फ्लैट शहर से बाहर की ओर था. हमने इस मकान को किराये पर देने के लिए रखा हुआ था लेकिन अभी तक इसमें कोई रहने के लिए नहीं आया था इसलिए फ्लैट खाली था. इस तरह के गंदे कामों के लिए यह एक उचित जगह थी.
हम दोनों ने ही अपने पैरेन्ट्स को कॉल किया और उनसे झूठ कह दिया कि हम अपने दोस्त के यहां रुकने लिए जा रहे हैं. उसके बाद हम दोनों गाड़ी लेकर फ्लैट के लिए निकल गये और रास्ते में हमने गंदे सेक्स का मजा लेने के लिए कुछ चीजें भी ले लीं.
फ्लैट पर पहुंचते ही मैंने उसको दरवाजे के अंदर धकेल दिया और दरवाजे की चिटकनी लगा दी.
मैंने उसकी गांड पर लात मारते हुए कहा- ऐसे क्या देख रहा है कुत्ते? अपने मालिक के आगे घुटनों पर आ!
ये कहते हुए मैंने उसकी जीन्स के ऊपर से उसकी गांड पर चमाट मार दिया.
विक्की अचानक हुई इस बेइज्जती से थोड़ा हिचका लेकिन फिर भी वो मेरे कहते ही अपने घुटनों पर आ गया.
जब से उसने मेरा गुलाम बनने की बात स्वीकार की थी, तब से ही मैं गर्म होने लगी थी और उसकी हर हरकत का मजा ले रही थी.
मैंने उसको कपड़े उतार कर फिर से घुटनों पर आने के लिए कहा. उसने बहुत ही प्यार से अपनी शर्ट को खोल कर उतार दिया. फिर उसने जीन्स को उतारा और दोनों को एक साइड में रख दिया.
जीन्स उतरते ही उसका लंड तना हुआ दिखने लगा. वो सिर झुका कर नीचे फर्श पर देख रहा था और उसका लंड सामने अकड़ा हुआ था. फिर वो घुटनों के बल हो गया.
बहुत ही मस्त नजारा था- एक गठीले शरीर का लड़का, जिसकी बाजुएं काफी मजबूत थी और जिस्म एकदम से कसा हुआ और एब्स भी मस्त थे, वो जीन्स और टॉप पहने हुई एक सेक्सी इंडियन गर्ल के सामने नंगा होकर अपने घुटनों पर था.
मैं उसके करीब गयी. मैंने उसके सख्त हो चुके लंड को मुट्ठी में भर लिया और उसे जोर से भींच दिया. मैंने उसकी गोलियों को भी अपने हाथों में भरा और भींच दिया. उसने जोर से दर्द भरी सिसकारी ली और कराह गया. मैंने उसके लंड पर थप्पड़ मारा और उसे चुप रहने के लिए कहा.
मैं- अभी तो यह केवल शुरूआत है मूर्ख, अभी से तेरा लंड इतना तना हुआ है।
ये बोलकर मैंने उसके लंड की मुठ मारना शुरू कर दिया और अपने जिस्म को उसके जिस्म से रगड़ने लगी.
मैंने अपने खरबूजे के आकार के नर्म नर्म चूचों से उसके कंधे को सहलाना शुरू कर दिया और उसको अपने परफ्यूम की खुशबू देने लगी. मैं तेजी से उसके लंड की मुठ मारती रही और उसके लंड से प्रीकम बाहर आने लगा, उसी वक्त मैंने तेज तेज मुठ मार कर उसके लंड को छोड़ दिया.
उसका वीर्य निकलने से पहले ही मैंने उसको छोड़ दिया. उसने निराशा भरी नजर से मेरी ओर देखा तो मैंने उसके गाल पर एक तमाचा मार दिया और बोली- तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हारा इतना जल्दी होने दूंगी? बुजदिल। तुम्हें अपना माल बाहर निकालने के लिए मेहनत करनी होगी.
ऐसा बोलते हुए मैंने उसके गाल पर एक तमाचा और जड़ दिया.
उसने दर्द भरी आवाज में कहा- सॉरी मैडम!
मैं- हां, तुम्हें सॉरी होना ही चाहिए, कमीने! अब आगे आ और मेरी जीन्स व पैंटी को अपने मुंह से खींच.
मैं सोफे पर बैठ गयी और मैंने अपनी जीन्स को खोल लिया. मैं भी विक्की के सामने नंगी होने के लिए मरी जा रही थी जैसे। उसको नंगी चूत दिखा कर मैं उसको तड़पाने का मजा लेना चाहती थी. मैंने अपनी शर्ट को खुद ही उतार दिया था और मैं उसके सामने केवल ब्रा में बैठी थी.
वो आगे आया और मेरी जीन्स को अपने दांतों से पकड़ कर नीचे खींचने की कोशिश करने लगा. मैंने उसको अच्छी तरह करने के लिए एक थपकी दी और उसने जीन्स को मेरे टखनों से खींच कर अलग कर लिया.
मैं अब उसके सामने ब्रा और पैंटी में टांग खोल कर बैठी थी और वो मेरे जिस्म को निहार रहा था. उसके लंड में ये नजारा देख कर जोर जोर से झटके लगने लगे.
विक्की मेरी जांघों के बीच वाले हिस्से में आया और उसने मेरी पैंटी को खींच कर उतार दिया. उसी समय मैंने उसके सिर को अपनी जांघों के बीच में दबा लिया. मैं उसको अपनी गीली हो चुकी चूत की खुशबू देना चाह रही थी ताकि वो और ज्यादा तड़प जाये.
उसका मुंह मेरी चूत में जैसे चिपक गया था और वो बिल्कुल भी हिल नहीं पा रहा था. फिर मैंने उसको एक तमाचा और मारा और घूम गयी.
मैं बोली- अब मेरी पैंटी को उतार कर अपनी मालकिन की गांड को भी चाट।
उसने मेरी काली पैंटी को अपने दांतों से पकड़ कर एक ही बार में नीचे कर दिया. मैं खुश हो गयी और मैंने अपनी टांगें फैला दीं. विक्की ने मेरी कमर पर जीभ से चाटना शुरू कर दिया.
फिर वो नीचे की ओर चाटता हुआ मेरी गांड तक आने लगा. वो बहुत ही अच्छे से मेरी गांड को चाट रहा था. मैं उसकी जीभ को अपनी गांड के छेद पर फिसलता और रगड़ता हुआ महसूस कर रही थी और उसकी गर्म जीभ का मजा ले रही थी.
मेरे दास बन चुके मेरे कॉलेज के जूनियर ने बहुत ही मस्त तरीके से मेरी गांड को चाटा और मेरे चूतड़ों को भी चाटा. उसके बाद मैं घूम गई और सोफे पर बैठ गयी. उसके लिए ईनाम के तौर पर मैंने अपनी ब्रा को भी उतार दिया और एक तरफ फेंक दिया.
अब कमरे में एक मालकिन थी जो गुलाबी तने हुए निप्पलों वाले खरबूजे के आकार के गोरे चूचों के साथ सोफे पर नंगी बैठी हुई थी. मेरी चिकनी चूत गीली थी और मेरी गांड चिपचिपी हो गयी थी.
मेरा दास विक्की अपने तने हुए लंड के साथ अपनी मालकिन के सामने घुटनों पर था जो अपनी मालकिन को प्यासी नजरों से देख रहा था. उसके सामने ही मैंने अपने बूब्स को भींचना शुरू कर दिया.
मैंने अपने बूब्स को हथेलियों में थाम रखा था और अपने निप्पलों को उंगलियों के बीच में मसल रही थी. मैंने उन्हें मस्ती में भींचा और सिसकारी ली. विक्की हवस भरी नजरों से मुझे देख रहा था.
मैं- चल कुत्ते, अब आगे आ और अपनी मालकिन के प्यारे से छेद को चाट ले.
इतना कहकर मैंने उसे अपनी टांगों के पास खींच लिया और उसके सिर को अपनी जांघों के बीच वाले हिस्से की ओर कर लिया. मैंने फिर से अपने बूब्स को दबाया और विक्की ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
उसकी जीभ मेरे क्लिटोरिस से अंदर की ओर जाने लगी. वो इतने अच्छे से मेरी चूत को चाट रहा था जैसे कि ये उसका रोज का काम हो. उसकी जीभ मेरे क्लिटोरिस को छेड़ छेड़ कर मुझे तड़पा रही थी. उसकी चाटने की स्पीड तेज हो रही थी और वो मेरी चूत में अंदर तक पहुंच बना रहा था.
अपनी चिकनी और फिसलन भरी चूत में मैं उसकी जीभ को इंच इंच महसूस कर सकती थी. कुछ ही देर के बाद मैं बर्दाश्त करने की हालत में नहीं रही और मेरी चूत एकदम से झड़ने लगी.
विक्की मेरी चूत से निकलने वाले पानी की हर एक बूंद को पी गया और चूंकि मैंने उसको मना नहीं किया था इसलिए वो मेरी चूत का पूरा पानी चाटने के बाद फिर भी चूत को चाटता ही रहा.
झड़ने के कारण मैं बुरी तरह से हांफ रही थी. मेरी बगलों और जांघों से पसीना बहने लगा था. मेरी छाती बढ़ी हुई धड़कन के साथ ऊपर नीचे हो रही थी और मेरे बूब्स का आकार भी बढ़ा हुआ लग रहा था.
कहानी जारी रहेगी.
मेरे दास के साथ यह तो बस एक शुरूआत थी. अभी तो कई और गर्म कहानियां आपके लिए लेकर आऊंगी.
अगर आप लोगों को मेरी पहली स्टोरी पसंद आई हो और मेरे नये सेक्स गुलाम का काम पसंद आया हो या फिर आप मुझसे बात करना चाहते हों तो कमेंट करें. अपनी भी इच्छाएं और अनुभव मेरे साथ शेयर करें.
0
0
0
0
0
0
0
0
1
बंगालन भाभी Xxx स्टोरी में जानें कि एक शाम शराब