मालिश वाले अंकल के लंड से चुदाई
कामुक्ताज डॉट कॉम पढ़ने वाले मेरे प्रिय दोस्तो, मैं आपकी
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मेरा नाम मयंक है, मैं बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में रहता हूं.
दोस्तो, मेरा नाम राहुल (बदला हुआ नाम) है, मैं अन्तर्वासना सेक्स कहानी का नियमित पाठक हूं. और गुड़गांव का रहने वाला हूं.
सभी लड़के अपना लंड हाथ में ले लें और लड़कियां, आंटी और भाभियां अपनी चूत में उंगली डाल लें.
य बात आज से तीन माह पहले की है. मैं गुड़गांव से अलवर (राजस्थान) किसी काम से जा रहा था. मैं अकेला था तो बोरियत से बचने के लिए अपने मोबाइल में सर खपा रहा था.
तभी रास्ते में मेरे वॉट्सएप पर किसी इरफान नाम से किसी का मैसेज आया.
दोस्तो, मैंने अपना विज्ञापन इंटरनेट की एक व्यस्क साइट पर डाल रखा था. उसने वहां से मेरा नंबर लिया था. दरअसल मैं मसाज करने का काम करता था और मेल एस्कॉर्ट भी था. मैं सिर्फ महिलाओं की मसाज करता था.
उसने मेरे से कहा- मेरी बीवी को मसाज चाहिए.
मैंने उससे पूछा- कब?
उसने मुझे अगले दिन के लिए कहा.
मैं ओके कह दिया.
उससे फीस आदि की बातचीत फाइनल हुई और हम दोनों ने टाइम सैट कर लिया. मुझे रात को 8 बजे उसकी बीवी की मसाज करने जाना था.
अगले दिन शाम को उसने मुझे दिल्ली के एक होटल का नाम बताया और वहां आने को कहा. मैं वहां उसके दिए हुए टाइम पर होटल के बाहर पहुंच गया.
होटल के सामने पहुंच कर मैंने उसको कॉल किया और कहा कि मैं आ गया हूँ.
उसने मुझसे कहा कि रूम नंबर 308 में आ जाओ.
मैंने अन्दर जाकर रूम नंबर 308 का पूछा कि किधर है. ये कमरा तीसरे फ्लोर पर था. मैं उस कमरे के बाहर आ गया और मैंने दरवाजे पर लगी बेल बजाई.
उसने रूम का दरवाजा खोला. मैंने उसको हाय किया, तो उसने मुझे अन्दर आने को कहा.
जैसे ही मैं अन्दर गया, तो मैं अन्दर का नजारा देख कर ही दंग रह गया. अन्दर बिस्तर पर क्या गजब का आइटम बैठा था. दोस्तो मैं बता नहीं सकता कि क्या पटाखा मेरे नसीब में मिला था. मैं दो मिनट के लिए तो मैं उसकी खूबसूरत जवानी में ही खो गया था.
फिर इरफ़ान ने मुझे बैठने को कहा.
मैं सामने सोफे पर बैठ गया. उसने मुझसे कुछ लेने का पूछा, तो मैंने सामने देखा. उसकी टेबल पर बियर और व्हिस्की दोनों ही सजी थीं. मैंने एक मग बीयर ले ली. हम दोनों बियर की चुस्कियां लेते हुए बात करने लगे.
उसने मुझसे यूं ही इधर उधर की बातें की. फिर मुझे उस लेडी से परिचय कराया. मुझे नहीं मालूम था कि ये उसकी बीवी है या कोई और माल है. मगर अंदाजा था कि ये उसकी बीवी ही होगी. वो इतनी कमसिन थी कि जैसे अभी तक उसकी सील ही न खुली हो. जबकि इरफ़ान उससे करीब दस साल बड़ा दिख रहा था.
उसके बाद मैंने इरफ़ान से कहा- मुझे जिस काम के लिए बुलाया था, क्या वो काम शुरू किया जाए?
उसने अपनी बीवी की तरफ इशारा किया और कहा- इससे पूछ लो.
मैंने उस माल से पूछा- मेम क्या आप रेडी हैं?
मेम- बस दो मिनट.
मैं- ओके जब तक मैं वॉशरूम जा कर आता हूं.
फिर मैं वॉशरूम में एक बार मुठ मारके बाहर आया और मैंने फिर से पूछा- यस मैम, क्या अब आप रेडी हैं?
उसने कहा- हां जी, मैं रेडी हूं.
मैंने मैम से कहा- मैम आप उल्टे होकर लेट जाओ.
मैम उल्टा होकर लेट गई. उसके सामने ही इरफान बैठा था, जो मुझे समझ आ गया था कि उसका हस्बैंड ही था.
मैंने मैम से कहा- मैम आपको अपने कपड़े उतारने पड़ेंगे, नहीं तो ये गंदे हो जाएंगे.
मैम ने मुझे मना कर दिया. उसने बोला- नो … ऊपर से ही कर दो … कपड़े उतारने की जरूरत नहीं है.
मैंने इरफान की तरफ मुँह करते हुए कहा- ऐसे तो नहीं हो पाएगा.
इरफान ने अपनी माल को बोला- उतार दे यार … कोई दिक्कत नहीं है. ये सब प्रायवेसी मेंटेन रखते हैं.
मैंने भी कहा- हां मैडम, आप मेरी तरफ से निश्चिन्त रहिये.
उसने आशा भरी निगाहों से मेरी तरफ देखा और ओके कह दिया.
उसने अपनी टी-शर्ट ऊपर से उतार दी. आह … मेरी आंखें मानो किसी जन्नत की हूर के बदन को चूमने लगी थी. मगर मैंने शराफत का चोला ओढ़ा हुआ था. इसलिए ऐसा जताया कि मुझे उसकी नंगी हो जाने से कुछ ख़ास फर्क नहीं पड़ा. इस समय वो माल मेरे सामने सिर्फ ब्रा और एक घुटने तक की लैगी किस्म की शरीरी से चिपकी हुई पजामी में रह गई थी.
मैंने धीरे धीरे उसको मसाज देना शुरू किया. मैंने उसके पीछे पीठ पर मसाज ऑयल डाला और धीरे-धीरे उसको फैला कर मसाज करने लगा. कुछ देर उसकी मक्खन पीठ पर हाथ फेरने के बाद मैंने मैम से कहा कि आपकी ब्रा थोड़ी दिक्कत कर रही है.
उसने औंधे लेते हुए ही मुझसे कहा- ठीक है आप उसे उतार दो.
मैंने पीछे से ही उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी ब्रा उसके तने हुए मम्मों पर फंस कर रह गई. अभी उसकी ब्रा ने मम्मों को नंगा नहीं किया था.
मैं फिर से धीरे-धीरे पूरी नंगी पीठ पर हाथ फेरते हुए उसके कंधों को दबा दबा कर उसे मसाज का मजा देने लगा. जब में उसकी पीठ पर नीचे से ऊपर तक मसाज करते हुए उसके कंधों तक ले जाता, तो उसी समय मैं पीठ की बगलों से आगे को हाथ ले जाकर उसके मम्मों को भी टच करने लगा था.
वो भी धीरे-धीरे अपनी मस्ती में खोने लगी थी. अब मैं कुछ ज्यादा ही हाथ को आगे ले जाते हुए उसके बदन को मसाज देते हुए उसके चूचों को टच करने लगा था. उसके कोई ऐतराज न करने पर मैंने अब उसकी बांहों पर तेल डाला और हाथों की मसाज करने लगा.
मैंने लगभग 15 से 20 मिनट हाथ की मसाज की. मुझे उसकी मालिश करते हुए अब लगभग एक घंटा हो गया था. वो पूरी गनगना गई थी.
मैंने मैम से कहा- अब आपकी पजामी उतारने पड़ेगी.
उसने आंखें मूंदे हुए ही कहा- ओके कोई प्रॉब्लम नहीं है.
उसने कमर ऊपर करते हुए गांड उठा दी. मैंने उसकी पजामी खींचते हुए उतार दी. उसने अन्दर लाल रंग की थोंग पैंटी अभी भी पहन रखी थी. इस पैंटी से उसके दोनों चूतड़ों के नजारे साफ़ हो रहे थे. चुत के लिए बस एक डोरी उसकी गांड से होते हुए नीचे चुत के ऊपर चली गई थी.
मैंने उसके एक पैर की पिंडली पर तेल डाला और मसाज करने लगा. धीरे धीरे मैं ऊपर आते हुए उसके गोल गोल चूतड़ों को सहलाने लगा. साथ ही उसके छेद को छूने लगा.
उस पर अब पूरी मस्ती छाने लगी थी.
मैंने उससे पूछा- आप कैसा फील कर रही हैं?
उसने कहा- बहुत अच्छा लग रहा है … बस ऐसे ही करते रहो.
कुछ देर बाद मैंने उससे कहा- अब आप सीधे हो जाइए और अपनी पैंटी उतार दीजिए.
मैम ने पलट कर कमर को उठाते हुए कहा- आप खुद ही उतार दो.
उसकी नंगी चूचियों पर मैंने एक निगाह डाली और अपने लंड को समझाते हुए मैंने धीरे से उसकी पैंटी उतार दी.
उसकी सफाचट चुत ने मेरे कलेजे को हिला दिया था. लंड ने भी अंगड़ाई भर ली थी. ये उसने भी देख लिया था.
उसे शायद मेरे लंड को फूलते देख कर अपनी मदमस्त जवानी पर गुमान हुआ और उसने अपने हाथ ऊपर करते हुए फैला दिए. वो मेरे सामने एकदम नंगी चित पड़ी थी.
मैंने आगे आते हुए उसके मम्मों पर तेल डाला और मसाज करने लगा. मम्मों पर तेल फैलाने के साथ मैंने साथ में उनको नीचे से दबाते हुए ऊपर को अपनी हथेलियां ले जाने लगा.
उसकी आंखें वासना के नशे से बोझिल होने लगी थीं. वो बार बार मेरे सीने को सूंघती और मर्दाना गंध को महसूस करते हुए आंखें बंद कर लेती.
मैंने उसके सख्त हो चुके मम्मों को दबा कर समझ लिया था कि मम्मों का साइज 34 इंच है. उसके चूतड़ों का साइज 38 इंच था, जो कि काफी भारी थे. उसके चूतड़ों को मसलते हुए मालिश करने में मुझे काफी मजा आ रहा था.
मैं उसकी चूचियों की मसाज करने के साथ साथ ही उन पर कड़क हो चुके निप्पलों को भी अपनी उंगलियों में हल्का हल्का सा दबाते हुए मींजने लगा था. इससे वो काफी ज्यादा गर्म हो चुकी थी.
इसके बाद मैंने मम्मों से हाथ सरकाते हुए नीचे निशाना साधा. मैंने अपनी उंगलियों में ज्यादा सा तेल लिया और उसकी नाभि में डालते हुए नीचे तक टपकाता चला गया. इससे तेल उसकी चूत पर चला गया.
अब मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत के आसपास फिराई. इससे वो हल्की से कसमसाई. मगर मैंने उसकी चुत की दोनों तरफ उंगलियों को फेर कर जांघ पर हथेलियों को ले जाने लगा. ऐसा मैंने तीन बार किया, तो पट्ठी की चुत ने रोना शुरू कर दिया. उसके हाथों की मुट्ठियों ने बिस्तर की चादर को भींच कर चुत की कसमसाहट दिखा दी. ये मुझे उसकी चुत फैलने से ही अंदाजा हो गया था.
अब उसने मेरी आंखों में देखते हुए कहा- ठीक से करो न!
मैं समझ गया और मैंने इस बार एक उंगली उसकी चूत की फांकों में फेर दी. उसने मेरे हाथ को पकड़ कर चुत पर दबा दिए और कहा- इधर ही करो.
मैंने उंगली चुत में डाल दी तथा अपने एक हाथ से उसका दूध सहलाने लगा.
वो एकदम गर्म हो गई और धीरे स्वर में ‘आह आह … यू आर सो गुड … डू इट मोर.’ गर्म सिसकारियां लेने लगी थी.
मैंने पूरी उंगली उसकी चूत के अन्दर डाल दी और उसको अन्दर बाहर करने लगा. अब वो जोर जोर गांड उठाते हुए जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी- आह … राहुल प्लीज फक मी … प्लीज फक मी.
इतनी देर में इरफान ने अपनी बीवी से पूछा- आमों पर मुँह लगवाना है क्या?
उसने हां का इशारा कर दिया.
इरफान ने मुझसे कहा- इसके मम्मों को चूस ले अच्छे से.
मैं उसके मम्मों को चूसने लगा.
वह फिर से चुदास भरी सिसकारियां लेने लगी- आह … आह … राहुल प्लीज फक मी.
उसके बाद मैं उसकी चूत पर अपना मुँह लेकर आ गया. मैंने जैसे ही उसकी चुत पर जीभ फेरी, उसने एक जोर से आह भरी- आह सक मी.
मैं उसकी चुत के दाने को होंठों में दबाते हुए खींचने लगा और धीरे धीरे चूसने लगा. मैंने उसकी चुत के दाने को होंठों से खींचा, तो वो भलभला कर झड़ गई.
उसकी तेज आहें और निढाल होती देह ने मेरे मुँह को रस से सराबोर कर दिया था. मैंने मुँह नहीं हटाया और उसकी चूत से निकलते नमकीन पानी को मैं चट कर गया.
मुझे उसकी रसभरी चुत को चूसने में काफी अच्छा टेस्ट आया था. मैंने उसकी चुत रस को पूरा खाने के बाद भी उसकी चुत को चाटना नहीं छोड़ा था. मैं उसकी चूत के अन्दर अपनी जीभ डाल कर उसे एक तरह से चोदने लगा.
उसने अपने हाथों से मेरे बाल पकड़ लिए और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी. वो शायद फिर से गर्म होने लगी थी.
मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को लगातर चोद रहा था तथा साथ ही अपने दोनों हाथों से उसके मम्मों को दबाए जा रहा था.
लगभग 5 से 7 मिनट बाद वह एक बार फिर झड़ गई और उससे रहा नहीं गया तो उसने बेशर्म होते हुए इरफान से कहा- प्लीज आप इसको बोलो कि ये मुझको चोद दे.
इरफान ने मुझे एक कंडोम निकाल कर दिया और चोदने का कह दिया. इरफ़ान अपने सामने टेबल पर व्हिस्की का पैग खींच रहा था और सिगरेट के छल्ले उड़ा रहा था.
मैंने जिस समय उससे कंडोम लिया, उसी समय मैंने उसका गिलास उठा कर एक ही सांस में पूरा गिलास अपने हलक में उतार लिया. इसके बाद इरफ़ान ने मेरे मुँह का स्वाद ठीक करने के लिए मेरी तरफ सिगरेट बढ़ा दी.
मैंने दो शॉट खींचे और अपने लंड पर कंडोम पहन लिया. अब मैं उसकी चूत के पास गया. मेरे लंड ने अब कसम खा ली थी कि मदमस्त लौंडिया की चुत का भोसड़ा बना कर ही दम लेना है.
उसकी चूत की फांकों में मैंने लंड का टोपा रखा और ऊपर से नीचे तक दो बार सुपारे को घिसा. उससे सहन नहीं हो पाया और उसने मेरा लंड हाथ में पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगाते हुए नीचे से अपनी गांड उठा दी.
जिस वक्त वो लंड लगा रही थी, उस वक्त उसके मुँह से एक भद्दी सी गाली निकली- मान भी जा माँ के लौड़े … पेल दे न भोसड़ी के.
ठीक इसी समय उसकी गांड ने ऊपर उठ कर लंड लीलने का जतन किया और उसी समय मैंने भी लौड़े को ठाप दे दी. मैंने एक ही धक्के में अपना 9 इंच का लंड उसकी चूत में पेल दिया और आगे पीछे करने लगा.
उसकी एक दर्द भरी कराह निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह… उई माँ मार दिया कमीने …
उसे काफी दर्द हुआ, पर मैं उसके होंठों पर किस करने लगा, साथ ही उसके मम्मों को मसलने लगा.
जिससे उसको एक ही मिनट में काफी मजा आने लगा. उसके बाद वो मेरा साथ देने लगी और पूरे कमरे में फच फच की आवाज आने लगी.
अब तक इरफ़ान भी हम दोनों के करीब आ गया था. मैंने लंड आगे पीछे करते हुए इरफान से कहा- अब आप मैडम के बूब्स चूसो … और मैं चूत मारता हूं.
इरफान ने कहा- ओके …
वो उसके दूध चूसने लगा.
लगभग 15 से 20 मिनट लगातार धक्के मारने के साथ मैंने उससे कहा- मैं झड़ने वाला हूं.
वो भी शायद अपने स्खलन पर आ गई थी. उसने गांड उठाते हुए कहा- हां, जल्दी से बाहर निकाल कर अपना कंडोम हटा दो. मुझे लंड चूसना है.
मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और कंडोम हटा दिया. वह तुरंत उठी और मेरा लौड़ा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. उसके मुँह में 5-7 झटकों के बाद मैं झड़ने लगा और वह मेरा पूरा माल पी गई. उसने मेरे लंड को पूरा चाट कर एकदम साफ कर दिया.
उस रात हम दोनों ने 4 बार सेक्स किया. इरफ़ान भी अपनी बीवी की चुत चुदाई से खुश था.
उसके बाद जब भी उनको टाइम मिलता है, तो वो मुझे सीधा होटल में बुला लेते हैं और सेक्स का मजा लेते हैं. शायद इरफ़ान नपुंसक था, लेकिन पैसे वाला था इसलिए वो अपनी बीवी को दूसरे लंड से चुदवा कर खुश रखता था.
उसने मुझे इस बाबत काफी कुछ बताया था, उसकी बात को मैं अगली बार लिखूँगा.
दोस्तो, यह मेरा पहला अपॉइंटमेंट था उसके बाद मैंने अभी तक 15 अपॉइंटमेंट कर लिए हैं. आगे की सेक्स कहानी मैं बाद में लिखूंगा.
प्लीज कमेंट करके बताएं कि यह मेल एस्कॉर्ट की चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी.
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