दार्जीलिंग में मस्त चुदाई भरा हनीमून
पोर्नविदएक्स डॉट कॉम की अन्तर्वासना के पाठकों को विक्रम का
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इंडियन लेडी हॉट सेक्स का मजा मुझे तब मिला जब मैं एक मकान का सौदा करने गया. मैंने एक औरत की मदद लेनी चाही तो वो मेरे साथ मेरे फार्म पर आ गयी.
दोस्तो, मैं यश शर्मा,
मैं आप लोगों के सामने एक नई Indian Lady Hot Sex Kahani के साथ हाजिर हूँ.
मेरी पिछली कहानी थी: गर्म चूत की आग लंड से ही बुझती है
यूं तो मैं अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी डॉट कॉम को काफी लम्बे समय से पढ़ता आ रहा हूँ.
पर अपनी आपबीती लिखने की कभी हिम्मत नहीं थी.
यह उस समय की बात है जब लॉकडाउन का दौर चल रहा था.
उसका असर हमारे व्यापार पर भी पड़ा.
उस खाली समय का उपयोग करने के लिए मैं आप सभी दोस्तों के साथ अपनी आपबीती लिखकर कर रहा हूं.
जयपुर में रियल स्टेट का मेरा साइड बिजनेस है.
एक बार मुझसे मेरे एक साझेदार ने कहा कि यार मानसरोवर के पास एक जायदाद बिकाऊ है, मगर मकान की मालकिन एक विधवा औरत है. वो अपनी बात पर नहीं टिकती है, बार बार बदल जाती है.
उससे मैंने सारी बात समझी और उस औरत के पास चला गया.
मैंने उस प्रॉपर्टी की मालकिन से बात की मगर बातों से ही समझ आ गया कि यहां दाल इस तरह से नहीं गलेगी.
दरअसल वो सौदा तय करके दूसरे से बात करती थी कि पहले वाला इतना बोल रहा है. इस तरह से दो तीन लोगों को रेट लगवा रही थी.
एक तरकीब लगाई मैंने … मैंने उसके यहां किराए पर रहने वाली एक महिला को लालच दिया.
उसका नाम बबीता था.
वो मेरे परिचय में नहीं थी मगर मैंने उसे पटा लिया था.
मैंने उससे कहा कि मकान मालकिन किस किस से बात करती है, अगर वो सारी डिटेल मुझे बताएगी तो उसको मुनाफे में से कुछ इनाम दिलवा दूँगा.
वो मेरी बात मान गई.
अगले दिन शाम को बबीता का फोन आया कि वो मुझसे मिलना चाहती है.
उस वक्त तक सात बज गए थे. ठंड का मौसम था, वो जनवरी का महीना था, तो वैसे भी दिन छोटे होते हैं.
मेरा शाम का प्रोग्राम चालू हो चुका था. मैं दो पैग वोदका के ले चुका था.
ऐसे में उसने मुझे घर के सामने वाली गली में बुलाया था.
मैं अपनी गाड़ी से पहुंचा और उसको फोन किया कि मैं गली में आ गया हूँ.
वो पैदल पैदल आई और गाड़ी में बैठती हुई बोली- यहां से गाड़ी को कहीं और ले चलो.
जब उसने गाड़ी को गौर से देखा तो पता चला कि गाड़ी में मैंने मयखाना बना रखा है.
वो हल्की सी मुस्कुराई तो मैंने सकुचाते हुए कहा- वो ठंड ज्यादा है न और ये मेरा रोज शाम का है.
वो बोली- हां तो मुझे इससे क्या?
मैंने उसकी आंखों में चमक देखी तो आंख से इशारा करते हुए उससे भी कुछ इस तरह से पूछा, जिससे वो बुरा न माने.
मेरी उम्मीद से हट कर उसने सहमति में सर हिला दिया.
मैंने झट से एक गिलास और बनाया और उसे पकड़ा दिया.
उसने भी बिंदास पकड़ लिया.
हम दोनों चियर्स बोल कर सिप करने लगे.
मैंने कहा- मुझे मालूम नहीं था कि आप भी शौक रखती हैं.
वो आंख दबाती हुई बोली- सर्दी है न!
मैं हंस दिया और गिलास खत्म करके रख दिया और सिगरेट का पैकेट उठा लिया.
अगले ही पल उसने भी अपने पैग को खत्म किया और मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने सिगरेट निकाली और मुँह से लगा ली.
तभी उसने भी एक सिगरेट निकाल ली.
मैंने लाइटर जलाया और उसकी सिगरेट में लौ दिखा दी.
उसने बड़े ही पेशेवर अंदाज से कश खींचा और कार के बाहर धुंआ उड़ा दिया.
मैंने अपनी भी सुलगाई और कश खींचते हुए कहा- यार, आपकी और हमारी लम्बी जमेगी.
वो भी हम्म कह कर मजा ले रही थी.
मैं उसको अपने एक मित्र के फ़ार्म पर लेकर आ गया ताकि सही से बात हो सके; साथ में मैं वोदका का मजा भी लेता रहूँ.
फ़ार्म पर आते ही मैं उसे कमरे में ले गया.
अन्दर आते ही उसने अपना राग छेड़ना शुरू कर दिया कि मुझको 5000 रूपयों की जरूरत है और मुझे आज ही किसी को देना है. मैं ये पैसे किस्तों में चुका दूँगी. इसके बदले में मैं कुछ भी कर सकती हूँ.
मैं पेशोपेश में पड़ गया कि साली चुम्मा लेते ही गाल काटने की फिराक में है.
मैंने उसे ध्यान से देखा तो वो मस्त माल दिख रही थी, मैं सोचने लगा कि इसके ऊपर हाथ फेरने को मिल जाए तो इतने में भी सौदा बुरा नहीं है.
जबकि मैंने अभी तक उसे इस नजरिये से देखा ही नहीं था.
बबीता को लगा कि कहीं मैं मना नहीं कर दूँ तो वो मेरी चापलूसी करने लगी.
मैंने भी अपना रूखा रवैया दिखाने की कोशिश की.
तभी उसने मिन्नतें करते हुए जानबूझ कर अपना पल्लू गिरा दिया.
मेरा ध्यान उसके मम्मों की ओर गया तो वो एक खूबसूरत सी परी दिख रही थी.
उसके ब्लाउज का एक बटन भी खुला हुआ था, जिसमें से उसकी दूधिया गोलाईयां दिख रही थीं.
मैं भी अब तक एक मंजा हुआ खिलाड़ी हो चुका था.
मुझे उसको तड़फता हुए देख कर मजा आ रहा था.
मैंने उसकी तरफ देखा तो वो अपने मम्मे उठाती हुई मुझे अपना जलवा दिखा रही थी.
मैंने बिस्तर पर बैठ कर अपने गिलास में फिर से वोदका भरी तो उसने मेरा गिलास उठा कर उसमें सोडा और पानी मिला दिया और गिलास उठा कर मेरे होंठों से लगा दिया.
इस वजह से वो मेरे करीब आ गई.
मैंने उसके उरोजों को हाथ लगाया तो वो मुझे रूई की तरह मुलायम से लगे.
उसने कोई आपत्ति भी नहीं की बल्कि वो मुस्कुरा दी.
इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई.
अब मुझ पर से मेरा नियत्रंण खोने लगा था.
उस पर बबीता अपना ब्लाउज खोलने लगी थी.
मैंने उसके रसीले आम अपने दोनों हाथों में ले लिए और उनका मर्दन करने लगा.
बबीता तो जैसे पागल होने लगी, उसने ब्लाउज खोल कर ब्रा सहित दोनों आम मेरे हवाले कर दिए.
मैंने उन्हें ब्रा से बाहर निकाल कर ब्रा को निकाल फैंका और बारी बारी से दोनों मम्मों को चूसने लगा.
अब बबीता ने भी मेरी शर्ट को खोल दिया और मेरी पैंट खोलने लगी.
मैंने भी उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया.
उसने पेटीकोट निकालने के लिए अपनी गांड को उठा दिया.
मैंने पेटीकोट हटाते ही देखा कि बबीता की गुलाबी पैंटी मेरे सामने थी जो सुसु की जगह से गीली हो रही थी.
उस जगह मैंने अपना मुँह रखा, तो बहुत मादक खुशबू आ रही थी.
अब मैं बबीता पर टूट पड़ा और उसकी कच्छी सहित चूत को चूसने लगा.
बीच बीच में कच्छी हटा कर उसके छेद के फलकों और दाने पर जीभ फेर देता.
बबीता तो जैसे पागल हो गई थी.
कमरे का वातावरण उसकी मादक आवाज से गूँजने लगा था ‘आ..आह … उई …’
कुछ ही देर में वो अपने जिस्म को ऐंठती हुई स्खलित हो गई.
मैंने उसकी चूत से मुँह हटाया और एक सिगरेट सुलगा कर कश लेने लगा.
कुछ पल बाद वो उठी और मेरे पूरे कपड़े उतार कर मेरे लंड पर झुक गई और उसको मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैं धुंआ उड़ाते हुए उससे अपने लंड की चुसाई का मजा लेता रहा.
कुछ देर बाद मैंने बबीता को सीधा लेटाया और उसको बिस्तर पर किनारे ले लिया.
उसने टांगें खोल दीं और अपनी चूत पर हाथ फेर कर मुझे आंख मार दी.
मैंने अपने औजार को उसकी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया.
अपनी चूत पर मोटे लंड का अहसास पाते ही बबीता मचल उठी और गांड उठा कर लंड लीलने की कोशिश करने लगी.
उसका हाल बिन पानी के तड़फती हुई किसी मछली जैसा हो गया था.
वो लंड अन्दर डालने के लिए मिन्नत करने लगी मगर मुझे उसको तरसाने में असीम आनन्द आ रहा था.
उसने एकदम से मेरे लंड को पकड़ा और अपने छेद पर लगा कर नीचे से एक झटका दे दिया.
इस अचानक हुए खेल से मेरा लंड आधे से ज्यादा चूत में घुस गया.
उसकी चीख निकली- आह मर गई …
और मेरा आनन्द दोगुना हो गया.
मैं जोश में उसको धक्के लगाने लगा और बबीता नीचे से मेरे हर धक्के का जबाब अपनी कमर को नीचे से उठा कर देने लगी.
ऐसा लगने लगा … जैसे कमरे में एक मधुर संगीत चल रहा हो.
कमरे में ‘फच फच फच …’ की आवाज होने लगी.
उस पर बबीता का मुँह से निकल रहे शब्दों ने और आग भर दी ‘आइ ऊह आंह …’
कुछ देर तक मस्ती से चुदने के बाद बबीता ने एकदम से मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरी पीठ पर अपने नाखून गाड़ दिए.
वो जोर जोर से चिल्लाने लगी- आह मैं गई … आह!
बस उसका स्खलन होना शुरू हो गया.
बहुत शानदार स्खलन हुआ था.
झड़ने के बाद वो मुझसे बोली- आप मजा लेने आए हो या देने … मैं तो आज धन्य हो गई. क्या मस्त चोदते हो यार!
मैंने कहा- अभी मेरा बाकी है.
वो एकदम से बोली- तो मना किसने किया है, आ जाओ.
मैंने उसको बिस्तर से थोड़ा ऊपर किया और अपनी टांगों को बिस्तर के किनारे में फंसा कर चूत में लम्बे लम्बे धक्के देने लगा.
बबीता फिर से मचलने लगी.
मेरा हर धक्का उसकी बच्चेदानी पर लग रहा था.
‘आई मर गई धीरे धीरे आंह राजा.’
इसी के साथ गीली चूत में ‘फच फच …’ की आवाजों के साथ चुदाई मस्ती से चलने लगी.
अब घड़ी में नौ बज गए थे.
इसलिए मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
मैंने और बबीता ने एक साथ परम आनन्द के साथ अपना अपना स्खलन पूर्ण किया.
कुछ देर बाद हम दोनों ने एक एक पैग और लगाया और मैं फिर से उसके होंठों को चूसने लगा.
वो इठला कर बोली- अभी मन नहीं भरा क्या?
मैंने कहा- तुम माल ही ऐसी हो कि एक बार में मन नहीं भर सकता.
वो बोली- मेरा भी मन नहीं भरा.
मैंने कहा- क्यों तेरा मर्द नहीं लेता क्या तेरी?
वो जरा उदास से स्वर में बोली- उसकी ताकत खत्म हो चुकी है तभी तो बाहर मुँह मारना पड़ रहा है.
मैंने इस विषय पर ज्यादा चर्चा नहीं की और उसे चूमते चूमते उसके दूध मसलने लगा.
वो बोली- अब क्या इरादा है कितनी देर में मुझे फारिग कर दोगे?
मैंने कहा- क्यों जल्दी है क्या? घर पर पति देव इंतजार कर रहे हैं क्या?
वो बोली- नहीं आज वो घर पर नहीं है, तभी तो आपके साथ आई हूँ.
मैंने कहा- फिर?
वो बोली- वो आपकी मैडम की कहानी कुछ दूसरी ही है.
मैंने कहा- उसकी क्या कहानी है?
वो बोली- वो साली सयानी रात को दस बजे दरवाजे बंद कर देती है. फिर उसे जगाऊंगी तो दुनिया भर के सवाल जवाब करेगी.
मैंने कहा- ओके तो जल्दी से मेरे लंड को ढीला कर दो और वापसी करते हैं.
उसने मेरे लंड की सवारी गांठी और मैंने उसे हचक कर चोदा.
कुछ देर बाद हम दोनों फ्री हो गए.
हॉट इंडियन लेडी की चुदाई के बाद में मैंने उसको मदद के रूप में 5000 दे दिए जो उसने मुझे बाद में लौटा भी दिए और मकान मलकिन से मेरा सौदा भी करवाया.
कमाल की बात ये कि उसने मुझसे मेहनताना लेने से भी मना कर दिया.
वो बोली- मेहनताने में मुझे एक अच्छा दोस्त मिला है.
दोस्तो, ये मेरी सच्ची सेक्स कहानी है.
आपको इंडियन लेडी हॉट सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके बताएं ताकि मैं अपनी अगली सेक्स कहानी को और विस्तार से लिख सकूँ.
[email protected]
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बंगाली हॉट सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि आखिर बंगालन भाभी