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एक अजनबी से यों ही मुलाक़ात हो गयी

Hot Sence of Sex स्टोरी में पढ़ें कि मैं काफी दिन से चुदी नहीं थी. एक दिन मैं सड़क पर घूम रही थी कि एक लड़के ने मुझे कुछ पूछा. तो मैंने क्या किया?

मैं मोनिका मान उर्फ़ चुलबुली मोनी हिमाचल की रहने वाली हूँ। मेरी चूचियाँ 32 कमर 28 और कूल्हे 36 के आकार के हैं। मैं ज्यादातर जीन्स और शर्ट पहनती हूँ। मेरा रंग गोरा और लड़कों की तरह छोटे बाल रखती हूँ। मेरे घर में मेरे पापा, माँ, भाई, मेरी बड़ी बहन निकिता और मैं।

आज मैं फिर से हाजिर हूँ आपके लिए मेरे जीवन की कुछ सच्ची घटना बताने के लिए।

मेरी कहानियाँ मेरे जीवन की सच्ची घटना है, यह कोई कल्पित घटना नहीं है।

आपके ढेरों मेल मिलती हैं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। कुछ दोस्त आईडिया मांगते हैं तो कुछ मेरे साथ सेक्स की इच्छा भी रखते हैं.
माफ़ करना दोस्तो, हर किसी की चुदाई की इच्छा ये नन्ही सी जान अपनी चूत से पूरी नहीं कर सकती।

पहले तो उन सभी दोस्तों से माफ़ी चाहती हूँ जिनके कमेंट का जवाब नहीं दे सकी।

आपकी इच्छा अनुसार ये Hot Sence of Sex स्टोरी एक अजनबी के साथ सेक्स के अनुभव की है जो मैं खुद भी बहुत दिनों से चाहती थी। और मैंने वो इच्छा पूरी भी की।

दोस्तो, एक दिन ममा किसी काम की वजह से पापा के पास दिल्ली जा रही थी तो उन्होंने मुझे भी साथ चलने के लिए बोला।

पर मैंने मना कर दिया कि मैं दिल्ली नहीं जाऊँगी।
तो ममा अकेली जाने के लिये तैयार हो गयी।

हमारे घर से 2 किलोमीटर दूर बस स्टॉप है। मैं ममा को वहाँ तक छोड़ने गयी सामान ज्यादा था इसलिये।

सुबह 9 बजे मैं ममा को बस मैं बैठाकर वापस घर आने लगी तो सोचा कि पूरा दिन है … क्यों न पैदल ही घर तक चली जाऊं।
और सर्दी के दिन थे तो मौसम का मजा भी ले लूंगी।

मैंने लोअर, शर्ट और जूते पहन रखे थे. और ऊपर ठण्ड से बचने के लिए लोंग स्वेटर डाली थी जो मेरे घुटनों तक आती थी।

बस स्टैंड से कोई कुछ दूर ही निकली थी कि तभी पीछे से एक बाइक आई जो मेरे पास आकर रुकी.
और मेरी तरफ देखे बिना ही पूछा- भाई, यहाँ कोई होटल है क्या?
मैंने कहा- मैं भाई नहीं हूँ। और होटल बहुत सारे हैं। आपको कैसा होटल चाहिए?

उसने कहा- सॉरी मुझे आपके बालों से लगा कि आप लड़के हो। आप कहाँ से हो?
मैंने बताया- मैं यहीं की हूँ। आपको कैसा होटल चाहिए?

उसने कहा- आपके हिसाब से कोई बढ़िया सा होटल बता दो जहां मेरा सामान सेफ रहे और मैं प्रकृति को देख सकूँ. मुझे आज यही रुकना है। कल सुबह चला जाऊंगा।
मैंने कहा- मैं आपको होटल तक ले चलूंगी।

उसने मुझे बाइक पर बैठने के लिए बोला।
मैं बैठ गयी और रास्ता बताती गयी।

बातों से पता चला कि वो यह घूमने के लिए आया है।

उसने पूछा- कोई गाइड मिल सकता है क्या जो मुझे यहाँ घुमा सके?
मैंने उसे बताया- आप बेवजह पैसा खर्च करोगे. उससे अच्छा मैं आपको घुमा दूंगी. वो भी बिना पैसों के!
इस पर उसने हाँ कर दी।

उसने अपना बैग सीने से लगाया हुआ था और मैं उससे चिपक कर बैठी थी ताकि मुझे ठंडी हवा न लगे।
जब वो ब्रेक लगाता तो मेरी 32″ की चूचियाँ उसकी पीठ से लग जाती।

2 या 3 बार ऐसा हुआ तो मुझे भी शरारत सूझी।
मैं जानबूझकर उससे बिलकुल चिपक गयी और अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और हल्का हल्का हाथ फिराने लगी।

उससे बातचीत की तो उसने अपना नाम मयंक (बदला हुआ नाम) बताया ओर वो हिसार हरियाणा के रहने वाला था।

तभी मेरे घर से कोई 6 किलोमीटर दूर हम दोनों एक अच्छे से होटल में चले गए.

उसने उस होटल में रूम बुक किया और अंदर चले गए। मयंक ने कुछ खाना आर्डर किया और रूम में आ गया।

अंदर जाकर मैंने अपनी स्वेटर उतार दी। मयंक मुझे देखता ही रह गया। उसका ध्यान मेरी चूचियों पर था।

तभी मैंने रूम हीटर चला दिया।
और हम लोग खिड़की के पास लगे बेड पर बैठ गए जहां से पूरा शहर दिख रहा था।
मयंक भी साथ बैठा था।

हमने पैरों पर कम्बल डाल लिया था। कम्बल के अंदर से मयंक के पैर मेरे कूल्हों को टच कर रहे थे।

हम बात करने लगे।
तभी मयंक ने अपना पैर आगे की ओर कर दिया जो मेरी चूत को टच होने लगा.
मैं कुछ नहीं बोली।

तभी खाना आ गया और हमने खाना खाया और वापस वही खिड़की के पास आ गए।

अचानक से मयंक ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और बोला- इतनी खूबसूरत जगह में इतनी खूबसूरत लड़की के साथ सैर करवाई. इसके लिए धन्यवाद।
मैंने उसके हाथों को पकड़ लिया जिससे उसने मेरी गर्दन पर किस कर दिया।

मेरी चूत कुलमुलाने लगी थी।

उसने धीरे से अपना हाथ मेरी चूची पर रख दिया और दबाने लगा। मुझे समझ नहीं आया कि मैं उसको रोकूं या नहीं।
लेकिन मैं भी किसी अजनबी के साथ यही चाहती थी तो मैं पीछे की तरफ मुड़ गयी.

मैंने एक बार मयंक को देखा और उससे लिपट गई. इतनी देर में मेरी चूत आग उगलने लगी थी.

मयंक मुझे होंठों पर चूमने लगा। मैं भी उसका साथ दे रही थी। वो अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर मुझे किस कर रहा था।
उसने मुझे किस करने के बाद मेरी लोअर उतार दी और मैं पेंटी में रह गयी।

तभी मयंक भी अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगा। मैंने उसके मोटे लंड को देखा, तो उसने मुझे अपना लंड हिलाने के लिए कहा।
मैं उसका लंड हिलाने लगी।

वो भी मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को सहला रहा था। इससे मेरी चूत से पानी निकलने लगा और मेरी चूत गीली हो गयी थी।

उसने मुझसे कहा- नंगी हो जाओ.
मैंने कहा- तुम ही कर दो!

उसने मेरी पेंटी निकाल दी और मुझे बिस्तर पर चित लिटा कर मेरी चूत को चाटने लगा।

मैं भी गांड उठा कर मादक सिसकारियां लेने लगी और मयंक मेरी चूत को चाटने लगा। मेरी चूत से पानी निकल रहा था और मयंक को ये नमकीन पानी बड़ा मजा दे रहा था, जिससे वो मेरी चूत को बड़े मजे से चाट रहा था।

मेरी चूत को काफी देर तक चाटने के बाद उसने अपनी दो उंगलियों को मेरी चूत में डाल दिया और अपनी उंगलियों को मेरी चूत में अन्दर बाहर करने लगा।
मैं भी कामुक और चुदासी हो गयी थी और सिसकारियां ले रही थी।

मयंक मेरी चूत में उंगली करने के साथ ही मेरे होंठों को चूसने लगा। मैं भी उसका भरपूर साथ दे रही थी।
हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे. वो मेरे होंठों को चूसते चूसते मेरे होंठ को काट भी ले रहा था।

काफी देर तक एक दूसरे के शरीर से खेलने के बाद हम बिस्तर पर चुदाई के आसन में हो गए। उसके बाद मयंक अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा।

उसने मेरी शर्ट को निकाल दिया और उसके बाद मेरी ब्रा को भी उतार दिया।

मैं अब एकदम नंगी उसके सामने पड़ी थी। वो मेरी चूची को दबाने लगा। मेरी चूची को दबाने के बाद मयंक मेरी चूची को चूसने लगा कभी कभी मेरी चूची के निप्पल को हल्का सा काट भी लेता।
मुझे अपनी चूची चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था. मैं खुद अपने हाथ से अपनी चूची को पकड़ कर उसके मुह में निप्पल डाल देती।

मेरी चूची को चूसने के बाद मयंक मेरी चूत को मसलने लगा मेरे मुख से सिसकारियां निकाल रही थी।

उसने मेरी चूत को मसलने के बाद मेरी चूत पर अपना लंड रख दिया और मेरी चूत को लंड के सुपारे से रगड़ने लगा।

जब मेरी चूत पर लंड रगड़ रहा था, तो मेरे अन्दर चुदाई की इच्छा बढ़ती ही जा रही थी और मुझे जल्दी से लंड से चुदवाने का मन कर रहा था.

लेकिन मयंक मुझे तड़पा रहा था और मेरी चूत पर अपना लंड रख कर रगड़ रहा था।

मेरी चूत से लगातार पानी निकल रहा था। मैंने अपने कूल्हों को उचका कर उसका लंड चूत में लेने की कोशिश की तो वो मेरी चूत में अपना लंड धीरे धीरे डालने लगा।
उसके बाद उसने एक तेज झटका लगाया और मेरी चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया।

मैं एक मस्त आह के साथ उसके लंड में खो सी गई। मैं कई बार कई सेक्स कर चुकी थी इसलिए मुझे उसका लंड लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई; बस हल्का सा दर्द हुआ.

लेकिन मेरी चूत आज काफी टाइट थी क्योंकि मैं बहुत दिन से चुदी नहीं थी।

बाद में जब मयंक मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरी चूत को चोदने लगा तो चूत गीली हो गयी इसलिए उसका लंड आसानी से अन्दर बाहर होने लगा।

कुछ देर चोदने के बाद उसने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और मेरी चूत को चाटने लगा।

मेरी चूत को चाटने के बाद मयंक मुझसे अपना लंड चूसने के लिए कहने लगा। मैं भी उसका लंड चूसने लगी। मैं उसका लंड गले तक लेकर चूस रही थी और वो आंख बंद करके मजे से अपना लंड चुसवा रहा था।

उसके बाद मयंक ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल कर अन्दर बाहर करने लगा।

कुछ देर बाद अपना लंड चुसवाने के बाद उसने अपना लंड फिर से मेरी चूत में डाल दिया और मेरी चूत को चोदने लगा।
मुझे लंड से बड़ी राहत सी मिल रही थी क्योंकि इस बार मैं काफी दिनों बाद चुद रही थी।

हम दोनों लोग एक दूसरे को किस करते हुए ताबड़तोड़ सेक्स कर रहे थे। वो बार बार अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल रहा था और उसके बाद अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत को चोद रहा था।

हम दोनों काफी देर से सेक्स करते रहे थे।
चुदाई से पहले हम दोनों को ठंड लग रही थी लेकिन सेक्स करने के बाद हम लोग ठंड को भी भूल गए थे। ठंड की जगह लण्ड ने ले ली थी।

इस वक्त हम दोनों नंगे होकर सेक्स कर रहे थे। मैं अपनी गांड उठा उठाकर मयंक का लंड अपनी चूत में लेकर उससे चुदवा रही थी और हम दोनों मदहोश हो कर सेक्स कर रहे थे।
मुझे उससे चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था।

वो अपना लंड मेरी चूत में डाल कर तेजी से अन्दर बाहर करने लगा। हम दोनों की चुदाई से फच फच की आवाज निकल रही थी। चुदाई की आवाज से और भी सेक्सी माहौल बन गया था।
फिर हम दोनों तेजी से सेक्स करने लगे।

अब मैं भी उसको बोलने लगी के मयंक तेज तेज। वो मुझे पूरी ताकत से चोद रहा था।
सेक्स करते करते मैं झड़ने लगी तभी उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मेरी चूत को चाटने लगा।

मेरी चूत से बहुत पानी निकल रहा था। वो मेरी चूत को चाट रहा था। मेरी चूत एकदम गीली हो गयी तो मुझे लगा कि बस अब खेल खत्म हो गया।
लेकिन इसके बाद उसने एक बार में ही अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और चोदने लगा।

मुझे तो मानो ज़न्नत मिल गई।

हम दोनों फिर से सेक्स का मजा लेने लगे। फिर कोई 10 मिनट बाद हम दोनों सेक्स करते करते झड़ गए। हम दोनों का पानी निकल गया और काफी थक गए इसलिए यूं ही नंगे ही बिस्तर पर लेट गए।
पता नहीं कब आँख लग गयी।

कुछ देर बाद जब आंख खुली तो दोपहर का 1 बज गया था।
हमने बाथरूम में स्नान किया और घूमने के लिए निकल गए।

रात के 8 बजे गए तो हम किसी होटल में गए और खाना आर्डर किया. हमने खाना खाया और मेरे घर की तरफ चल दिए।
उसने मुझे रात के लिए भी बोला लेकिन मैं नहीं चाहती थी रात को होटल में रूकूं।

यही कहानी मेरी आवाज में सुन कर मजा लें.

Error occurred when trying to fetch the file using wp_safe_remote_get(). A valid URL was not provided.

उसने मुझे मेरे घर से 100 मीटर दूर छोड़ दिया और वो अपने होटल की तरफ चल दिया।

ना ही मैंने और ना ही मयंक ने एक दूसरे का कॉन्टेक्ट नंबर लिया ना ही कोई जान पहचान की।
ना ही हम कभी दोबारा मिले।
धन्यवाद
आपको मेरी ये Hot Sence of Sex स्टोरी कैसी लगी मुझे

Related Tags : Audio Sex Stories, कामवासना, चुम्बन, चूत चाटना, चूत में उंगली, हिंदी एडल्ट स्टोरीज़
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