Search

You may also like

surprise
2437 Views
भाभी और उनकी सहेली की चूत गांड चुदाई-3
Family Sex Stories

भाभी और उनकी सहेली की चूत गांड चुदाई-3

सेक्स कहानी के पिछले भाग भाभी और उनकी सहेली की

4185 Views
मेरे यार ने मेरे घर में मेरी चूत की सील तोड़ी
Family Sex Stories

मेरे यार ने मेरे घर में मेरी चूत की सील तोड़ी

बॉयफ्रेंड सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मेरे क्लासमेट यार

2281 Views
जेठ के लंड ने चूत का बाजा बजाया-1
Family Sex Stories

जेठ के लंड ने चूत का बाजा बजाया-1

दोस्तो, कैसे हो आप सब? उम्मीद और भगवान से दुआ

nerd

मेरी बीवी ने मेरे बड़े भाई से चुत चुदवाई-2

जेठ से चुदाई का मजा लिया मेरी बीवी ने. उसने सारी बात मुझे खुद बतायी. मैं भी अपनी बीवी को दूसरे मर्द से चुदवाना चाहता था. तो इसमें मुझे मजा आ रहा था.

दोस्तो, मैं आपको अपनी चुत चुदाई चुदाई का मजा कहानी में लिख रही थी कि जब मेरे पति ने मुझसे जेठ जी के साथ सेक्स कहानी को सुनाने को कहा, तो मैं उन्हें अपनी चुदाई के बारे में बताने लगी थी.

जेठ से चुदाई का मजा कहानी के पिछले भाग
जेठानी के कमरे में जेठजी संग सेक्स
मैंने पति को बताया कि जेठ जी के मोटे लंड का सुपारा मेरी आंखों के सामने आया तो मैं इतना मोटा सुपारा देख कर घबरा गई थी. मगर जेठ जी ने मुझे सहलाया और लंड चूसने का इशारा कर दिया.

अब आगे चुदाई का मजा:

यह कहानी सुनें.

मैंने जेठजी के बड़े लंड को अपने हथेलियों में पहले प्यार से सहलाया और फिर उनके बड़े सुपारे को चारों ओर से चुम्बन लिया. मेरे लंड चूमने से धीरे धीरे जेठजी का लंड खड़ा होने लगा था.

अब जेठजी के लंड का सुपारा फूलने लगा था. मैं लंड के सुपारे को अपने पूरे चेहरे पर रगड़ने लगी.
जैसे जैसे मैं हाथों में जकड़ कर आगे पीछे करती, जेठजी का लंड और बड़ा और मोटा होने लगता; उनके बड़े बड़े अंडकोष भी ऊपर को उठने लगे और कठोर होने लगे.

मैं जेठजी के लंड को चारों ओर से चुम्बन करने लगी और अंडकोष को हथेलियों में लेकर सहलाने लगी.

दो ही मिनट में जेठजी का लंड पूरी तरह सख्त होकर खड़ा हो गया था और उनका सुपारा पूरी तरह नंगा होकर मेरे चेहरे के सामने अपनी मर्दानगी का परिचय दे रहा था.
वो मुझ पर हावी होने का प्रमाण दे रहा था.

मैं भी अपने जेठजी के असली मर्द के बड़े लंड को अपनी आंखों के सामने देख कर बहुत गर्व महसूस कर रही थी.

मैंने मन ही मन सोचा कि काश … जेठजी के साथ मेरी शादी हुई होती और सुहागरात पर मेरी नथ उन्होंने ही उतारी होती.

जेठजी के लंड को मैंने दोनों हाथों में कसके पकड़ा और जेठजी के सुपारे के ऊपर चुम्बन कर दिया.

लंड ने एक फुंफकार मारी, तो मैं उनके लंड के सुपारे को अपनी जीभ से चाटने लगी. अपनी जीभ से चाट चाट कर उनका सुपारा पूरा गीला कर दिया.

फिर मैंने अपना मुँह खोला और सुपारे को मुँह में ले लिया. अब मैं जेठजी के लंड को अपने हाथों में आगे पीछे करने लगी और मुँह से सुपारे को चूसने लगी.

जेठजी ने अपने दोनों बड़े बड़े हाथों से मेरे सर को पकड़ कर अपनी कमर से धक्का मारा और उनका लंड मेरे मुँह में 3 इंच अन्दर घुस गया.
लंड ने मेरे मुँह के अंदरूनी हिस्से पर वार किया.

मुझे महसूस हुआ कि मेरे गले में भी लंड का कुछ हिस्सा चला गया.
मैं उन्हें ऐसा करने से रोक रही थी … लेकिन जेठजी ने अपने हाथों का दबाव कम नहीं किया. वो तो मेरे मुँह में पूरा लंड घुसाना चाहते थे और मेरे मुँह को चूत के समान चोदना चाहते थे.

जेठजी ने एक बार लंड थोड़ा बाहर निकाला और फिर से मेरे मुँह में जोर से लंड को घुसा दिया.
लेकिन इस बार भी लंड उतना ही अन्दर गया जितना पहले गया था.

मैं घबरा गई कि कहीं जेठजी मेरे मुँह का बुरा हाल ना कर दें.
तो मैं खुद ही अपने मुँह में लंड को जोर जोर से आगे पीछे करके चूसने लगी.

जेठजी वासना भरी सिसकारियां लेने लगे. इससे मुझे अहसास हुआ कि जेठजी को बहुत मजा आ रहा है.

थोड़ी देर लंड को चूसने के बाद मैं अपने हाथों से उनके लंड और सुपारे को जकड़ कर हिलाने लगी और अपने मुँह को नीचे ले जाकर उनके अंडकोष को जीभ से चाटने लगी.
फिर एक अंडकोष को अपनी एक हथेली में लेकर मुँह में डाल लिया और उसे टॉफ़ी की तरह चूसने लगी.

थोड़ी देर एक अंडकोष को चूसने के बाद मैंने जेठ जी के दूसरे अंडकोष को भी चूसा.

फिर मेरा मन हुआ कि दोनों अंडकोषों को एक साथ मुँह में ले लूँ!
लेकिन जेठजी के अंडकोष बहुत बड़े थे और देखने से ही साफ़ पता चल रहा था कि उनमें बहुत से बच्चे पैदा करने वाला वीर्य भरा हुआ था.
जेठ जी के आंड काफी सख्त और फूले फूले थे.

फिर मेरे कंधों को पकड़ कर जेठजी ने मुझे खड़े होने का इशारा किया.
मेरी चूत पूरी तरह पानी पानी हो रही थी.

मैंने लंड चूसना छोड़कर उनकी आंखों में देखा, तो जेठजी ने मुझे उठाया और पलंग पर लिटा दिया.
इसके बाद जेठजी मेरी दोनों जांघों के बीच औंधे मुँह होकर लेट गए.

मैं ये सोच कर ही पागल हो रही थी कि अब जेठजी क्या मेरी चूत चाटेंगे.

मेरी चिकनी चूत को देख कर जेठजी मंत्रमुग्ध हो गए.
पहले तो उन्होंने मेरी चूत के दाने को अपनी उंगलियों से रगड़ा और फिर मेरी गीली चूत में एक उंगली डाल दी.

मैं पूरी तरह से अकड़ गई.

जेठजी अपनी एक उंगली को मेरी चूत में अन्दर बाहर कर रहे थे और अपनी जीभ से मेरी चूत के दाने को चाट रहे थे.

ये ठीक वैसा ही हो रहा था जैसा ब्लू फिल्मों में होता है.

जेठजी ने अब अपनी उंगली चुत से निकाल ली और अपनी जीभ को मेरी चूत में डाल दी.

अपनी खुरदुरी जीभ से जेठजी मेरी चूत को चोद रहे थे. मेरी टांगें फ़ैल गई थीं और मैं गांड उठा कर अपनी चुत चटवाने का मजा लेने लगी थी.

जेठजी ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर कर दिए और मेरे दोनों स्तनों को पकड़ लिया.

मैंने भी अपने दोनों हाथों से जेठजी का सर पकड़ लिया और अपनी चूत के ऊपर दबाने लगी.
जेठजी अब मेरी चूत में गहराई तक जीभ पेल कर उसे चोदे जा रहे थे और मेरे दोनों स्तनों को दबाते हुए बीच बीच में मेरी चूचियों के निप्पलों को भी मसल दे रहे थे.

थोड़ी देर बाद मैंने जेठजी का सर अपने हाथों से छोड़ दिया और जेठजी के बड़े बड़े हाथों के ऊपर रख कर उनके हाथों को अपने हाथों से दबाने लगी ताकि जेठजी मेरे स्तनों को और जोर जोर से मसलें.

अब मैं झड़ने वाली थी.
मैंने एक बार फिर से जेठजी के सर को अपने हाथों से जोर से अपनी चूत के ऊपर दबाया और कमर को धनुष सा अकड़ा कर जोर जोर से झटके मारने लगी.

जेठजी ने तुरंत अपनी जीभ को मेरी चूत के और अन्दर डाल दिया और सर को आगे पीछे करते हुए मेरी चूत को चोदने लगे.

मेरा एक फव्वारा आने पर जेठजी ने जीभ को बाहर किया और स्तन से अपने दाहिने हाथ को नीचे लाकर, झट से एक साथ अपनी तीन उंगलियां, प्यार के रस से लबालब हुई मेरी चूत में डाल कर तेज रफ़्तार से चुत को चोदने लगे.

मैं भी अपने स्तनों को अपने दोनों हाथों से कस कर दबाते हुए जोर जोर से झटके लेने लगी.

अगले कुछ ही पलों में 5-6 झटके लेकर मैंने चूत का ढेर सारा रस जेठजी के चेहरे और हाथों में उढ़ेल दिया.
जेठ जी मेरी चुत के रस को चाटते चले गए.

कुछ देर बाद जब मैं शांत हुई, तो जेठजी ऊपर उठे.
मैंने देखा कि उनका चेहरा मेरी चूत के रस से भीगा हुआ था. उनकी मूंछें और दाढ़ी पूरी तरह भीगी हुई थीं.

मैं जेठजी को देख कर मुस्कुरा दी और अपने दोनों हाथों को फैला कर जेठजी को आगोश में लेने के लिए इशारा किया.

जेठजी मेरी दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल बैठ कर अपना चौड़ा सीना लेकर मेरे ऊपर छा गए.
हम दोनों ने एक दूसरे को प्यार से चुम्बन किया और जीभ से एक दूसरे के मुँह के अन्दर तक टटोला. बारी बारी से हमने एक दूसरे की जीभ को चूसा.

मैंने कहा- हरी, आई लव यू.
जेठजी ने भी कहा- सोनी, आई लव यू टू.

उसी पल मैंने अपनी टांगों को फैला दिया और दाहिने हाथ को नीचे ले जाकर जेठजी के बड़े मोटे लंड को अपनी चूत के ऊपर रख दिया.

लंड चुत से सटा तो मैं नीचे से धक्का देने लगी लेकिन जेठजी का पूरा भार मेरे ऊपर होने से मैं थोड़ा भी हिल नहीं पाई.
मैंने जेठजी की आंखों में आंखें डाल कर मुस्कुरा कर इशारे से सर को हां में ऊपर से नीचे करते हुए उनको चोदने का इशारा किया.

जेठजी उठे और मेरी दोनों टांगों को अपने दोनों बलिष्ठ हाथों से पकड़ कर फैला दिया और अपने लंड को मेरी चूत के ऊपर टटोलते हुए चुभाने लगे.

जेठजी अपने लंड को मेरी चूत के ऊपर जैसे ही ठेलते ही उनका बड़ा सुपारा, मेरी छोटे मुँह की चूत की वजह से फिसल कर ऊपर को आ जा रहा था.

जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैं पूर्ण उत्तेजित हो उठी और झट से अपने दाहिने हाथ को अपनी दोनों टांगों के बीच ले जाकर जेठजी के लंड को बीच से पकड़ कर अपनी गीली चूत के मुँह पर रख दिया.
फिर जेठजी की आंखों में आंखें डाल कर प्यार भरी निगाहों से देख कर, मुस्कुराते हुए अपने सर से हां का इशारा किया.

उसी समय मैंने अपनी कमर को भी ऊपर की ओर धकेला और अपने बाएं हाथ से जेठजी की कमर को पकड़ कर चुत की ओर धकेलने का इशारा किया.

जेठजी ने एक कामुक नजर से मुझे देखा और अपनी कमर को नीचे धकेला. जिससे उनके लंड का सुपारा मेरी चूत के मुँह को खोलते हुए धीरे से अन्दर प्रवेश करने लगा.
मैंने भी आंखें बंद करके अपनी कमर को ऊपर की धकेले रखा और अपने दोनों बांहों से जेठजी को कसके कमर से भींचते हुए ऊपर की ओर अड़ाए रखा.

जेठजी का मोटा बड़ा लंड धीरे धीरे मेरी रस भरी चूत की फांकों को चीरते हुए अन्दर घुसता चला गया.
लंड घुसते ही मानो मेरी तो सांस ही जैसे अटक गयी थी.

जेठजी मेरे ऊपर पूरी तरह से छा गए और मेरी दोनों बगलों से हाथों को ले जाकर नीचे से मुझे आगोश में ले लिया.

मैंने भी उन्हें सहयोग देने के लिए अपनी पीठ उठा दी ताकि जेठजी मुझे जोर से जकड़ सकें.
इसी के साथ मैंने भी अपनी नाजुक बांहों से जेठजी को जकड़ लिया और टांगों को उनकी कमर में बांध दिया.

अब जेठजी अपनी कमर से और जोर जोर से झटके मारते हुए अपने मोटे बड़े लंड को मेरी छोटी सी चूत में घुसाने लगे.
एक एक झटके से उनका लंड मेरी चूत की गहराई में जाने लगा.

जैसे ही जेठजी ऊपर की ओर झटका देते, मैं भी अपनी कमर से नीचे की ओर झटका दे देती ताकि उनका लंड जल्दी मेरी चूत में जड़ तक घुस जाए.

दस बारह झटकों के बाद ही उनका पूरा लंड मेरी चूत में समा गया.

अब जब उनका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया तो मुझे अहसास हुआ कि उनके बड़े बड़े अंडकोष मेरी गांड से सट गए हैं.
मैंने अपनी पकड़ कुछ ढीली की, जिससे जेठजी मेरे ऊपर से जोर जोर मेरी चूत में अपने लंड को आगे पीछे करके मुझे चोदें.

थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे. इस बीच में अपनी चूत की फांकों से जेठजी के लंड को जकड़ती और छोड़ती रही.
उनका लंड भी मेरी चूत की पूरी गहराई में फुंफकार मार रहा था.

कुछ देर बाद मेरी चूत जेठजी के मोटे बड़े लंड को लेने के लिए स्वीकार करके उसके लिए जगह बना चुकी थी.
मैं पूरी तरह जेठजी से जोर से चुदने को तैयार थी.

इस बार मैं शाम की तरह चुदाई नहीं चाहती थी कि जेठ जी अपना लंड चुत में डाल कर पड़े रहें और झड़ जाएं.

इस समय मैं चाहती थी कि जेठजी मुझे अपनी बीवी, गर्लफ्रेंड, रंडी, रखैल या जो भी समझें … लेकिन बेरहम होकर जोर जोर से मुझे चोदें और चुदाई का मजा दें.
मुझे तो ये सोच कर ही चुदाई का सुख आ रहा था कि मैं जेठजी यानि मेरे पति के बड़े भैया से चुदवा रही हूँ जो कि मुझसे करीब 11 साल बड़े हैं.

मैंने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली की, लेकिन जेठजी ने मुझे जोर से जकड़ रखा था.

जेठजी को और उत्तेजित करने के लिए मैं धीरे से जेठजी के कान में फुसफुसायी- मेरे डार्लिंग जेठजी, आज आप अपने छोटे भाई की बीवी को अपनी बीवी बना लो … और कोई कसर न छोड़ना. यह सोनी आपके जैसे मर्दों के लिए बनी है … आज आप मेरी सारी प्यास बुझा दो.

ये कह कर मैंने नीचे से अपनी गांड को ऊपर की ओर उछाल दिया और चुदने का संकेत दे दिया.

जेठजी ने अपनी पकड़ ढीली की और अपने हाथों के बल अपने बदन को मेरे ऊपर से उठाकर अपनी कमर को पीछे किया; फिर पूरी रफ़्तार से अपना लंड वापस मेरी चूत के अन्दर डाल दिया.

मेरी ख़ुशी की सीमा न थी. मैंने मदमस्त आंखों से जेठजी को मुस्कुराते हुए देखा.
जेठजी भी मुस्कुरा दिए.

फिर तो चुदाई गाड़ी चल पड़ी.

अब जेठजी तक़रीबन अपने पूरे लंड को मेरी चूत से बाहर निकालते और वापस पूरी रफ़्तार से अन्दर डाल देते.
ऐसे ही वो अपने लंड को मेरी चूत में आगे पीछे करके चोदते रहे.
मैं भी नीचे से धक्के दे देकर उनका पूरा साथ देती रही.

जब भी जेठजी का लंड अन्दर तक मेरी चूत में जाता, उनके बड़े बड़े अंडकोष मेरी गांड पर हथौड़े की तरह चोट मार देते.
चुदाई के वक्त जब जेठजी ऊपर को धक्का मारते, तो मेरे स्तन ज़ोर से ऊपर की ओर उछल जाते और फिर नीचे की ओर आ जाते.

जेठ जी के तीव्र धक्कों से मेरी चुत का कबाड़ा हुआ जा रहा था.

दोस्तो, मेरी चुदाई की दास्तान को मैं अपने पति को सुना रही थी. मेरी सेक्स कहानी को सुनकर मेरे पति के चेहरे पर वासना की लकीरें साफ़ दिख रही थीं.
इस सेक्स कहानी को मैं आगे उन्हें बताऊंगी. जिसे पढ़ कर आपको भी चुदाई का मजा आएगा.

प्लीज़ आप मेरी सेक्स कहानी को लेकर अपने विचार मेल द्वारा जरूर भेजें.
[email protected]

चुदाई का मजा कहानी का अगला भाग: मेरी बीवी ने मेरे बड़े भाई चुत चुदवाई- 3

Related Tags : Audio Sex Stories, Audio Sex Story, Chudai Ki Kahani, Desi Ladki, Garam Kahani, Hindi Desi Sex, Hot girl, Oral Sex
Next post Previous post

Your Reaction to this Story?

  • LOL

    3

  • Money

    1

  • Cool

    0

  • Fail

    0

  • Cry

    1

  • HORNY

    0

  • BORED

    0

  • HOT

    2

  • Crazy

    2

  • SEXY

    4

You may also Like These Hot Stories

starnerdstar
19162 Views
बहन सलमा को ब्लैकमेल करके चोदा
Bro Sis Sex Story

बहन सलमा को ब्लैकमेल करके चोदा

हेल्लो रीडर्स, मैं एक बहुत ही मज़ेदार और कामुक कहानी

secretnerdhappy
6625 Views
सगी मौसी के साथ पहला सेक्स अनुभव
आंटी की चुदाई

सगी मौसी के साथ पहला सेक्स अनुभव

दोस्तो, मैं अनुज माहेश्वरी 20 वर्ष, मैं आज आपको यहां

winknerd
3681 Views
गर्लफ्रेंड को उसके अंकल से चुदती देखा
Antarvasna

गर्लफ्रेंड को उसके अंकल से चुदती देखा

गर्ल XxX फक स्टोरी में पढ़ें कि मेरी गर्लफ्रेंड को