नये पड़ोसी लड़के ने मुझे चोद दिया
मेरा नाम पिंकी 💋 है, मैं दिल्ली की रहने वाली
मेरा नाम पिंकी 💋 है, मैं दिल्ली की रहने वाली
बॉयफ्रेंड सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मेरे क्लासमेट यार ने मेरे ही घर में मेरी अनचुदी बुर की सील तोडी. वो मुझे पसंद करता था. एक दिन उसने मुझे प्रोपोज़ किया.
दोस्तो, मेरा नाम शायज़ा है. मैं 20 साल की हूँ. अभी मैं कॉलेज में पढ़ रही हूं.
मेरा रंग गोरा है और मेरी हाइट 5 फ़ीट 6 इंच है और फिगर 32-30-34 है.
आज मैं जो बॉयफ्रेंड सेक्स स्टोरी सुनाने जा रही हूं वह बिल्कुल सच्ची है.
यह कहानी एक साल पहले की है जब मैं अपने 12वीं के एक्जाम देने वाली थी. उससे कुछ दिन पहले की ही बात है. उस समय मेरे स्तन उतने बड़े नहीं थे लेकिन ठीक-ठाक ही थे.
उस समय मेरा एक दोस्त था जिसका नाम हर्ष था और हम लोग अच्छे दोस्त थे. मुझे वो पसंद भी था लेकिन मैंने उसे बताया नहीं.
मेरी कुछ सहेलियाँ अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स करती थीं और क्लास में दोस्तों के बीच बताती भी थी.
सहेलियों की चुदाई की बातें सुनकर मेरा भी सेक्स करने का मन करता था लेकिन मेरा कोई बॉयफ्रेंड ही नहीं था.
एक दिन साइंस की क्लास चल रही थी तो मैं अपनी एक सखी के साथ पीछे बैठी हुई लिख रही थी.
मेरी बाजू वाली डेस्क में हर्ष भी अपने दोस्त के साथ बैठ कर मस्ती कर रहा था.
कुछ समय के बाद मैंने देखा कि हर्ष चुपके से मेरे स्तन को देख रहा है लेकिन मैंने उसे कुछ नहीं बोला.
फिर क्लास खत्म हो गयी और मैं घर आ गई.
शाम को करीब 7 बजे मेरे पास हर्ष का मैसज आया.
उसमें लिखा था- मुझे तेरे से कुछ बात करनी है.
मैंने भी रिप्लाई दे दिया- बता क्या बात है?
वो बोला- मुझे कुछ चाहिेए है.
मैंने पूछा- क्या चाहिए?
हर्ष- आज जब मैं तेरे बाजू में बैठा था और तू लिख रही थी तो मुझे तेरे बूब्स दिख रहे थे. यार सच बताऊं तो मेरा मन कर गया. (सेक्स करने का)
मैं बोली- तू पागल है क्या? क्या बोले जा रहा है? ऐसा कुछ नहीं हो सकता.
वो मुझे मनाने लगा.
मैंने उसको साफ मना कर दिया. हालांकि अंदर से मेरा भी मन कर रहा था उसके साथ सेक्स करने का.
मगर मैंने खुद को कंट्रोल में रखा.
अगले दिन सुबह सुबह ही बहुत तेज की बारिश होने लगी. तीन चार घंटे तक बारिश रुकी ही नहीं.
क्लास में केवल हम तीन विद्यार्थी ही पहुंचे. एक मेरी सखी, मैं और हर्ष।
जब गेम्स का पीरियड आया तो मेरी सखी उसके बॉयफ्रेंड से मिलने चली गयी.
अब क्लास में मैं और हर्ष ही थे. टीचर नीचे प्ले ग्राउंड में थे.
चूंकि हमारी क्लास में कोई नहीं था इसलिए हमें किसी ने आने को नहीं कहा क्योंकि बहुत कम बच्चे थे उस दिन.
मेरी सहेली के जाते ही हर्ष उठकर मेरे पास आकर बैठ गया. उसने मेरी कमर में हाथ डाल दिया.
मैंने उसकी ओर देखा तो वो बोला- यार एक बार टच करने दे ना प्लीज?
मैं बोली- नहीं, दिमाग नाम की चीज है या नहीं? यहां क्लास में कैसी हरकत कर रहा है, किसी ने देख लिया तो?
वो बोला- यार कोई नहीं देखेगा, अभी आधे घंटे से पहले कोई नहीं आने वाला.
फिर वो मेरे पेट पर सहलाने लगा. मुझे अच्छा लगने लगा उसका छूना.
वो मेरे बूब्स छूने के लिए बोलता रहा.
और आखिर में मैंने हां कर दी और बोली- एक बार ही कर लो. उससे ज्यादा नहीं करने दूंगी.
मेरी हां मिलते ही उसने मेरी दाईं चूची को पकड़ कर दबा दिया. एक बार दबाते ही उसको सेक्स चढ़ गया और वो फिर दोनों हाथों में दोनों चूचियों को दबाने लगा. मुझे भी अच्छा लगने लगा और मजा आने लगा.
वो मेरी चूची दबाते हुए मेरी गर्दन को सूंघने लगा और बोला- शायज़ा, मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूं. मैं तुझे प्यार करना चाहता हूं. तू मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी क्या?
अब मैं भी उसके प्यार को पाना चाहती थी इसलिए मैंने ये मौका हाथ से गंवाना ठीक नहीं समझा और मैंने उसी वक्त उसको हां कर दी.
फिर हमने किस किया और मुझे बहुत अच्छा लगा.
उस दिन के बाद से हमारी लव स्टोरी शुरू हो गयी.
वो मौका देखकर मेरे स्तन दबा देता था और कभी कभी किस भी कर देता था.
एक दिन उसने मुझसे बोला- अब मुझे तुझको और अच्छे से प्यार करना है.
मैं उसका मतलब समझ गयी. उसको सेक्स करना था.
मैं बोली- ठीक है, थोड़ा रुको. वो भी कर लेना.
उसके ठीक 2 दिन बाद संडे था और मेरे मम्मी पापा को उस दिन बाहर जरूरी काम से जाना था. वो लोग शाम को आने वाले थे. मैंने सोचा कि हर्ष को बुला लेती हूं.
मां पापा के जाते ही मैंने हर्ष को फोन कर दिया- मैं घर पर अकेली हूं. अगर तू मिलना चाहता है तो मिल सकता है.
वो बोला- ठीक है मेरी रानी, बस मैं अभी आता हूं.
फोन रखने के 15 मिनट के बाद ही वो मेरे घर आ पहुंचा. उसने बेल बजाई और मैंने दरवाजा खोल दिया.
उसने हेलमेट लगा रखा था ताकि किसी को वो पहचान में न आये.
हम लोग अंदर आ गये और अंदर से दरवाजा लॉक कर लिया.
कमरे में जाते साथ हर्ष मुझे किस करने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी.
5 मिनट किस करने के बाद उसने मेरे टीशर्ट को उतार दिया.
मैंने नीचे से पिंक ब्रा पहनी हुई थी. वो ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों पर टूट पड़ा. उनको जोर जोर से दबाने लगा.
मैं दर्द से कसमसाने लगी और बोली- आह्ह … धीरे करो यार, दर्द हो रहा है.
मगर उसको जैसे सेक्स का भूत सवार था. वो मेरी चूचियों में ब्रा के ऊपर से ही मुंह से चूसने लगा.
फिर उसने मुझे घुमाया और मेरी गांड में अपना लंड सटा दिया.
उसका सख्त लंड मुझे अपनी गांड पर महसूस हो रहा था. फिर वो मेरी गर्दन पर चूमने लगा और मेरी ब्रा के हुक खोलने लगा.
मेरी ब्रा को उसने पीछे से ही उतार दिया और मेरी नर्म नर्म चूची नंगी होकर उसके हाथ में आ गयीं.
वो पीछे से ही मेरी चूची दबाने लगा और मेरी गांड में लंड लगाता रहा. फिर उसने मुझे सामने की तरफ किया और मेरी चूचियों को मुंह में लेकर जोर जोर से भींचते हुए पीने लगा.
मैं दर्द से कराह उठी और साथ ही मुझे अजीब सा नशा भी होने लगा. उसकी जीभ जब मेरे निप्पलों को चूस रही थी तो मैं मदहोश होती जा रही थी.
काफी देर तक वो मेरी चूचियों को पीता रहा.
उसके बाद उसने मेरी जीन्स को खोलना शुरू कर दिया.
मेरी चूचियां तनकर खड़ी हो गयी थीं और निप्पल भी कड़क हो गये थे.
जब उसने जीन्स खोलकर नीचे की तो मेरी गुलाबी पैंटी पर गीला निशान हो गया था.
मैं देखकर हैरान थी.
उसके बदन की आग ने मेरी चूत का पानी निकाल दिया था.
फिर वो मेरी पैंटी को सूंघने लगा. उसने मेरी चूत पर नाक लगा दी और मैं सिहर सी गयी.
मेरा मन कर रहा था कि उसके सिर को थोड़ा दबा कर उसकी नाक को चूत पर और जोर से रगड़वा दूं.
फिर धीरे धीरे उसने मेरी पैंटी नीचे कर दी. मेरी गोरी कुंवारी गुलाबी चूत उसने नंगी कर दी जिस पर छोटे छोटे रोएंदार बाल थे.
वो मेरी चूत को चूसने लगा. मेरे पूरे बदन में सिरहन होने लगी और अजीब सा मजा आने लगा.
इससे पहले मैंने कभी ऐसा अहसास नहीं पाया था.
वो मेरी चूत को ऊपर से चाटता रहा और मैं जैसे पागल सी होने लगी.
फिर उसने मेरी चूत में जीभ अंदर दे दी.
मेरी जोर से आह्ह … निकल गयी और मैंने उसके बालों में हाथ फंसा दिये. उसके सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर जोर से दबा दिया.
उसने मुझे सोफे पर गिराया और मेरी टांगों को चौड़ी करके मेरी चूत में जीभ से तेजी से अंदर बाहर करने लगा.
मैं मदहोश होने लगी. अपनी गांड को उठाकर अपनी चूत उसके मुंह की ओर उछालने लगी.
वो भी जानवरों की तरह मेरी चूत को काट और खा रहा था. मेरा चेहरा लाल हो चुका था और वासना के मारे मैं बेहोश होने वाली थी.
फिर मेरे पूरे बदन में एक लहर सी उठी और मैंने उसके मुंह को कसकर अपनी चूत पर दबा दिया.
मेरी चूत से गर्म गर्म पानी निकल कर उसके मुंह में जाने लगा.
उसने मेरी चूत को चाट चाट कर मुझे तड़पा दिया.
फिर वो खड़ा हो गया और अपने कपड़े उतारने लगा. मैं पहली बार उसको कपड़े उतारते देख रही थी.
मैंने कभी किसी लड़के को नंगा नहीं देखा था.
हर्ष ने अपनी शर्ट उतार दी. नीचे बनियान थी. उसके बाद उसने वो भी निकाल दी. उसकी छाती नंगी देखकर मुझे अच्छा लगा.
फिर वो अपनी पैंट उतारने लगा.
उसने पैंट उतारी तो उसके अंडरवियर में एक डंडे जैसा कुछ उठा हुआ था.
वो उसका लंड था.
मैंने पहली बार तना हुआ लंड देखा था. फिर उसने अंडरवियर भी उतार दिया और पूरा नंगा हो गया.
वो मुझे लंड चूसने के लिए कहने लगा लेकिन मैंने मना कर दिया.
फिर वो मुझे अपनी गोद में उठाकर बेड पर ले गया.
वहां उसने मुझे लिटाया और मेरे ऊपर आ गया.
अब हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे.
उसने मेरी टांगें खुलवा दी थी और वो उनके बीच में था जिससे उसका लंड मेरी चूत पर नीचे ही नीचे टकरा रहा था.
मुझे अपनी चूत पर लंड की छुअन बहुत अच्छी लग रही थी.
काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे.
फिर वो दोबारा से मेरी चूचियों पर आ गया.
वो बारी बारी से मेरी दोनों चूचियों को पीने लगा.
अब वो चूमते हुए नीचे बढ़ा और मेरी नाभि पर किस करने लगा.
मैं फिर से गर्म होने लगी थी.
फिर वो मेरी चूत तक पहुंच गया और उसमें धीरे से उंगली दे दी.
मैं उचक गयी और उसने आधी उंगली मेरी चूत में चलानी शुरू की.
मुझे अच्छा लगने लगा.
कुछ देर उसने उंगली की और फिर वो मेरे ऊपर आ गया.
उसने मेरी चूत पर लंड रखा और रगड़ने लगा. उसका लंड 6 इंच के करीब था.
उसने चूत के मुंह पर लंड लगाया और धक्का देने लगा.
मुझे दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी.
मगर उसने मेरे मुंह पर हाथ रख दिया और लंड को अंदर धकेलता चला गया.
दर्द के मारे मेरी जान निकल गयी और वो लंड धकेलता हुआ आह्ह … आह्ह … करता हुआ मेरे ऊपर लेट गया.
मेरी आंखों में आंसू आ गये और मैं रोने लगी.
वो लेटा रहा और मुझे किस करता रहा. काफी देर तक उसने कुछ नहीं किया. वो मुझे बस किस करता रहा.
मुझे चूत में लंड लेने का अब मजा मिलना शुरू हो गया था और दर्द हल्का पड़ गया था.
कुछ समय बाद जब दर्द कम हुआ तो उसने लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
अब मुझे फिर से दर्द होने लगा लेकिन हल्का मजा भी आ रहा था.
हर्ष मेरी चूचियों को पीते हुए मेरी चूत में लंड अंदर बाहर करने लगा.
उसके कुछ देर के बाद मेरी चूत में से दर्द जैसे गायब हो गया और मैं चुदने का मजा लेने लगी.
वो भी अब मस्ती में चोदने लगा. कुछ देर तक चोदने के बाद उसकी स्पीड बढ़ने लगी.
अब मेरी चूत में पूरा लंड अंदर बाहर हो रहा था.
वो तेजी से मुझे चोदे जा रहा था और मैं सिसकारने लगी थी- आह्ह … हर्ष … ओह्ह … बेबी … मैं तुमसे प्यार करती हूं … आह्ह … ओह्ह जान … ओह्ह … आई लव यू.
उधर हर्ष भी चुदाई के मजे में डूब गया था और सिसकार रहा था- आह्ह … जान … मजा आ रहा है ना … आह्ह … तेरी चूत तो बहुत गर्म और टाइट है … आह्ह … मेरी रानी … तू पहले क्यों नहीं चुदी … आह्ह … तेरी चूत … ओह्ह।
इस तरह से करीब 20 मिनट तक हम दोनों चुदाई करते रहे.
मुझे बहुत मजा आ रहा था और अब मैं गांड उठा उठाकर चूत में लंड ले रही थी. फिर अचानक मेरी चूत से पानी निकल गया.
अब भी मेरा बॉयफ्रेंड सेक्स करने में तेजी से लगा हुआ था. अब रूम में पच पच की आवाज होने लगी. मेरी चूत बहुत चिकनी हो गयी थी.
फिर जब उसका निकलने को हुआ तो उसने एकदम से लंड को बाहर निकाल लिया.
वो लंड को निकाल कर हाथ से हिलाने लगा और कुछ ही सेकेन्ड के बाद उसके लंड से सफेद पदार्थ निकला.
उसके लंड से कई पिचकारी निकली और उसने अपना सारा माल मेरे पेट पर गिरा दिया.
फिर हम दोनों लेट गये.
मैंने देखा कि मेरी चूत से खून निकल आया था.
उसने बताया कि पहली चुदाई में अक्सर खून आता है. चूत की सील टूटती है.
उसके बाद हम लिपट कर बातें करने लगे और कुछ देर बाद फिर से किस करने लगे.
थोड़ी देर में ही उसका लंड फिर से खड़ा हो गया और वो एक बार फिर से मुझे चोदने लगा.
इस बार मुझे और भी ज्यादा मज़ा आने लगा और मैं भी अपनी कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी. दूसरी बार उसने मुझे बहुत देर तक अलग अलग पोजीशन में चोदा।
शाम को मां पापा के आने से पहले तक उसने मुझे तीन बार चोदा और मेरी चूत सूज गयी पूरी.
फिर वो अपने घर के लिए निकल गया.
उस दिन के बाद से बॉयफ्रेंड सेक्स का सिलसिला शुरू हो गया.
हर्ष मुझे काफी बार चोद चुका है. अभी भी हम कभी मिलते हैं तो चुदाई जरूर करते हैं.
वो मेरा पुराना आशिक है और मैं उसको कभी मना नहीं कर पाती.
तो दोस्तो, इस तरह से मेरी पहली चुदाई के बाद ये बॉयफ्रेंड सेक्स स्टोरी शुरू हुई। आप मुझे कमेंट देकर बतायें कि आपको कहानी कैसी लगी?
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