Search

You may also like

star
1798 Views
जवानी में सेक्स की चाह
चुदाई की कहानी

जवानी में सेक्स की चाह

Bhai Bahan Xxx कहानी में पढ़ें कि अब्बू अम्मी के

6698 Views
लॉकडाउन खुलते ही मैं भी खुल गयी
चुदाई की कहानी

लॉकडाउन खुलते ही मैं भी खुल गयी

चुदी चुदाई की चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि लॉकडाउन में

happy
1239 Views
मार्केटिंग मैनेजर की चुत चुदाई
चुदाई की कहानी

मार्केटिंग मैनेजर की चुत चुदाई

कामुकताज डॉट कॉम की सभी चूतों को मेरे लंड का

वाइफ शेयरिंग क्लब में मिली हॉट माल की चुदायी- 3

सेक्स ऑन रोड स्टोरी में पढ़ें कि स्वैप क्लब से मैं अपनी पसंद के मर्द को चुन कर लायी. उसने मुझे सड़क के किनारे नंगी करके कैसे चोदा? मजा लें.

नमस्कार दोस्तो, इस सेक्स कहानी में मैं अनिकेत के साथ पूजा आप सभी का फिर से स्वागत करती हूँ.

आपने अब तक की सेक्स ऑन रोड स्टोरी के पिछले भाग
वाइफ शेयरिंग क्लब में मिली हॉट माल की चुदायी- 2
में पढ़ा था कि होटल से खाना खाने के बाद अनिकेत मुझे मेरे पति समीर के सामने ही ले आया था. वो मुझे चोदने के लिए लाया था और मैं भी इसके लिए एकदम गर्म थी.

अनिकेत मुझे होटल के कमरे में लाने से पहले सड़क के किनारे एक सुनसान इलाके में ले आया था और इधर मैं उसका लंड चूस रही थी.

अब आगे की सेक्स ऑन रोड स्टोरी:

अनिकेत मुझे अपनी गोदी में लिए गाड़ी के बाहर था और मेरी चूत को अच्छे से चूस रहा था.

मैंने भी गोदी में ही से हाथ बढ़ा कर उसके लंड को थामा और लंड के हिलाना शुरू कर दिया.

अनिकेत ने मुझे जोर से घुमाया और फिर बोनट की तरफ लेकर जाने लगा.

मुझे गोदी में पहली बार किसी मर्द ने इस तरह उठाते हुए चूसा था, तो ये मेरे लिए ये एक ख़ास लम्हा था.

दूसरा मुझे पता नहीं क्यों, बाजू में इतनी उंचा उठा होने के बाद भी डर नहीं लग रहा था. वो भी खुले असमान के नीचे शायद एक तो अनिकेत की भुजाओं की मजबूत पकड़ और उसकी चौड़ी छाती का सहारा. उसका जिस्म मुझे पूरा जकड़ कर अपने में समाए ले रहा था.

मैं अब लंड के लिए तड़प रही थी. पर इस मस्ती में मुझे मज़ा भी आ रहा था. अनिकेत ने मुझको अब बोनट के ऊपर बिठा दिया. अब तक की चूमाचाटी में मेरा वन पीस नीचे से मेरे चुचों पर आ चुका था और मैं अनिकेत की गांड पर हाथ रख कर उससे अपने ऊपर चढ़ जाने को कह रही थी. मैं पूरी ताकत से अनिकेत को अपनी तरफ खींच रही थी. पर मेरा प्रयास ना के बराबर था.

फिर अनिकेत ने मेरी चूत के ऊपर से जीभ रख कर चूसना शुरू किया. वो मेरी नंगी हो चुकी नाभि तक चूसने में लगा था. जिससे मेरी चूत और भी ज्यादा भट्टी की तरह जलने लगी. मैं उचक रही थी कि कुछ एहसास मेरी चूत पर भी हो. पर वहां केवल गर्म सांसों के अलावा कुछ नसीब नहीं हो रहा था.

जब मेरी चूत ने खुल कर एक मोटी सी बूंद बाहर निकाली, तब अनिकेत ऊपर को उठा. अब उसने मेरे हाथ को पूरा खोल कर फैला दिया और टांगों के बीच में खुद को सैट करके अपने को भींच लिया. बहुत सारी लार के साथ उसने अपना थूक मेरी चूत के होंठों पर उगल दिया.

मैं किसी भी तरह से हिल भी नहीं पाऊं, इस प्रकार से वो मुझे जकड़े हुए था. उसी समय अनिकेत ने एक जोर का झटका मारा और एक ही बार उसने मेरी चूत के दरवाजे में अपने मोटे से टोपे को घुसा दिया.

यूं तो में अपने पति से बहुत चुदती थी और अनिकेत का लंड मेरे पति के बराबर ही होगा … पर इतना तड़पने के बाद एक लंड का चूत में एहसास केवल एक स्त्री ही समझ सकती है. उस वक्त ऐसा लगा, जैसे प्यासे को पानी पिला दिया हो.

पर अनिकेत पता नहीं क्यों, केवल टोपे को ही अन्दर बाहर कर रहा था और मेरी चूत के ऊपर वाले हिस्से को सहला रहा था. मेरा बांध जब फटने को हुआ, तो पता नहीं उसे क्या महसूस हुआ कि उसने ‘फ्च्च्च्छ..’ से मेरी चूत में पूरा लंड उतार दिया.

खुले आसमान में जोर से चीखने का मेरा अरमान पूरा हुआ. … क्योंकि मेरे हाथ पूरे जकड़े हुए थे … और मैं एक मर्द की बांहों में बंधी हुई उसका पूरा साथ दे रही थी.

मेरी एक लम्बी चीख कुछ ही पलों बाद कामुक आवाज में बदल गयी ‘उम्म्म … ऊउम्म्ंह … उम्ंम्ंहह … आअह म्हाआं म्ह्ह’

मेरे होंठों को उसने अपने होंठों में दबा लिए और मैं 5 मिनट में ही झड़ गयी. मेरी चूत का सारा पानी अनिकेत के लंड से रिसने लगा. अनिकेत के लंड की जोरदार ठोकर की वजह से मेरी चूत का पानी वापस अन्दर चला गया और मेरी बच्चेदानी पर लावा की तरह गर्मी देने लगा. मेरी चूत का पानी बाहर नहीं निकल पा रहा था.

मैंने हाथ जोड़कर अनिकेत से खुद को अभी के लिए छोड़ने की भीख मांगी. मेरी आंखें लाल हो चुकी थीं और चूत में भयंकर दर्द ने मेरी जान ले ली थी.

करीब पांच मिनट के बाद अनिकेत ने अपना रॉड की माफिक खड़ा हुआ लंड चूत से बाहर निकाल लिया.
उसका लंड निकलते ही मेरी सांस में सांस आई … ऐसा लगा जैसे बारिश के रुके हुए पानी को निकलने का रास्ता मिल गया हो.

अनिकेत ने अपने हाथ को मेरी चूत पर इस तरह से रखा कि मेरी चूत पूरी उसके हाथ में आ गयी और वो चूत के ऊपर सहलाने लगा. मुझे याद नहीं कि किस तरह उसने मेरी चूत को पकड़ा था और कुछ हिस्सों पर ऐसे दबाया कि मेरी चूत में पानी का प्रेशर बन गया.

फिर अनिकेत ने चूत की फांकों की साइड में दोनों तरफ उंगली रखकर दबा दी. इससे मैं आसमान की तरफ जोर से पिचकारी मारते हुए दुबारा झड़ गयी. मैंने कसके अनिकेत की शर्ट को पकड़ लिया था. आखिरी बूंद झड़ने तक तक मुझे ऐसा एहसास हुआ, जैसे मैं न जाने कितनी हल्की हो गयी हूँ.

अब अनिकेत ने मुझे गोदी में उठा लिया और कार से उतार दिया. मैं अपने कपड़े सही करने लगी. इतनी देर में अनिकेत ने भी अपना पैंट पहन लिया था. अब हम लोग कार में बैठ गए और चलने लगे.

मैं चुद कर बहुत खुश थी, पर मुझे बहुत निराशा भी थी कि मैं अनिकेत के लंड को शांत नहीं कर पायी थी. क्योंकि उसका लंड मुझे अभी भी खड़ा हुआ दिख रहा था.

मैंने अनिकेत को एक किस की, तो बदले में वो भी मेरी जीभ को चूसने लगा. वो इतना कामुक मंजर हुआ था कि उसे याद करके मैं अभी फिर से रिस गई हूँ.

अब ये कहानी मुझसे आगे नहीं लिखी जा रही है. मेरी चूत में पानी बहुत भर रहा है.

अपनी ख़ास रातों में से मैंने उस रात को अपने मन में सजाया है. मैंने अपने द्वारा लिखने का बहुत प्रयास किया, पर उस याद को सोच कर ही मेरे हाथ खुद ब खुद चूत पर चले जा रहे हैं और चुचे के निप्पल कड़क हुए रहे हैं.

आपको आगे की सेक्स कहानी अब अनिकेत की ही जुबानी ही सुनना पड़ेगी.

इस अहसास के लिए एक शायरी मेरी तरफ से भी आपकी खिदमत में पेश है.

प्यार हो तो पति का
चूत हो तो स्त्री की
और ठुकाई हो तो
अनिकेत के लंड की

अब आगे की सेक्स कहानी अनिकेत की कलम से पढ़िएगा.

दोस्तो … नमस्कार. मैं अनिकेत, मुझे उम्मीद है कि अब तक आप लोगों ने इस सेक्स कहानी को पढ़ कर अपना रस निकाला होगा.

पूजा के लफ्जों में लिखी हुई सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि वो झड़ चुकी थी. पर अभी तक हमारी चुदाई एक बार भी पूरी तरीके से नहीं हो पायी थी. अब वो वक़्त भी आ गया था … जब हम दोनों के कामरस से कुछ दाग हमेशा के लिए छपने वाले थे.

उससे पहले मेरे द्वारा लिखा हुआ एक छंद पेश है.

एहसास ना हो जब तक
एक लम्बी चुदाई का
ना जाने देना अपने साथी को
जब तक उसकी चूत ना बोले
लंड की बानी उसकी ठुकाई का

हम रास्ते में जा रहे थे, तो मुझे होटल से पहले रास्ते में स्पोर्ट्स की दुकान थी. उसके बगल में बेकरी की दुकान थी. तो मुझे देख कर कुछ याद आया कि कुछ नया किया जाए. हालांकि दुकान बंद हो चुकी थी.

अब दो दिन के लिए पूजा मेरी ही थी. तो मैंने सोचा क्यों ना इसे कुछ नया अहसास दिलाया जाए. नॉर्मल चुदाई तो हम पहले भी कर चुके थे.

तो मैंने इसी शहर के अपने एक दोस्त से किसी स्पोर्ट्स की दुकान से चार कूदने वाली रस्सी, जो बहुत पतली हों, पर मजबूत हों … और एक चॉकलेट सीरप की शीशी पैक करवा के मेरे होटल के कमरे में छोड़ने को कहा.

मैंने ये मैसेज के द्वारा अपने दोस्त को लिख दिया था. उसका ओके में रिप्लाई भी आ गया.

फिलहाल पूजा मेरे लंड पर हाथ रख कर सहला रही थी और मैं अपनी चढ़ी हुई जवानी, गाड़ी की रफ्तार पर दिखा रहा था. रास्ता खाली था और चूत चोदने का खुमार चढ़ा हुआ था. इसलिए मैं जल्दी से जल्दी होटल पहुंचना चाहता था. इस वजह से करीब एक घंटे का रास्ता मैंने 45 मिनट में नाप दिया.

मैं होटल की पार्किंग में गाड़ी पार्क कर रहा था … तो मैंने पूजा को वहीं गेट पर उतार दिया और उसे रूम में जाने को कह दिया. वो अपनी रस से चुचाती हुई गांड मटकाते हुए जाने लगी. मैंने गाड़ी पार्क कर दी और चाबी होटल में जमा कर दी. फिर मैंने अपने नाम से कोई पैकेट आया है, पूछा … तो उसने मना कर दिया.

मैंने दोस्त को फोन लगाया, तो उसने बोला कि बस पहुंच ही रहा हूँ.

उसे इस समय ये सामान का जुगाड़ करने में थोड़ा वक़्त लग गया था. मैं दस मिनट तक वहीं बैठा रहा. थोड़ी देर में वो आकर मुझे मिला और सामान देने लगा.

फिर बस सवाल जवाब- क्यों मंगाया, क्या हुआ है?
वो यही सब सवाल करने लगा. मैंने उसे संतुष्ट किया. फिर वो कुछ इधर उधर की बात करके चला गया.

मैं जब ऊपर रूम में गया, तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. सारा कमरा महक रहा था और पूजा नहा चुकी थी.
मैंने पूछा- दुबारा क्यों नहाई?
तो बताया कि उसे नीचे चूत में चिपचिपा सा लग रहा था … और उसका मन एक गर्म चुदाई का था.

उसका यूं नहाना और तैयार होना मेरे लिए तो और भी अच्छा था. अब उसने नयी ब्रा और पैंटी पहन ली थी … जिसमें वो काम की देवी लग रही थी.

बस मुझे अब जल्दी से दो जिस्म एक जान होने का इन्तजार था.

मैं कपड़े खोल कर मुँह हाथ धोकर आया और पैकेट को वहीं बेड के नीचे डाल दिया.

मैं जैसे ही बाहर आया, तो पूजा एक जंगली बिल्ली की तरह एक पैर मेरे पैरों के बीच में फंसा कर मुझसे लिपट गयी.

मैंने भी उसे दीवार से भिड़ा दिया और उसके चूतड़ों के बीच अपना लंड कपड़े के ऊपर से घिसते हुए अड़ा दिया. उसकी गर्दन पर अपनी जीभ की नोक बना कर फिराने लगा और हल्के हल्के से दांतों को गर्दन पर दबाते हुए उसे गर्म करने लगा. उसके थुल थुले पेट को आटे की तरह मुट्ठी में भरके उसके कान की लौ को अपनी जीभ से और होंठों के बीच में लेकर चूसने लगा.

‘म्ह्ह्ह … ह्ह्न्ं … आआहहह..’ करते हुए पूजा अपनी गांड को मेरे लंड के बीच में धंसाने लगी.

मैं अपने हाथों को उसकी पैंटी में घुसा कर उसकी चूत के होंठों पर अपना नशा चढ़ाने की कोशिश कर रहा था. वो बहुत मचल रही थी.

ऐसी कामुक घोड़ी को काबू करना बहुत जरूरी था, तो मैंने गांड पर अपने हाथ से जोर की तीन चपत लगा दीं … वो भी चूत और गांड के बीच में, जिससे वो सिहर गयी और सीधा मुँह करके उसने अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए.

पूजा- उम्हा … चुउप्प … सीस्प्स्प्स … चुप्च्प्च्प् … म्हुउन्ंन् म्म्ं … आज खा जाऊंगी … मैं बहुत दिन से इन कड़क बाजुओं में आने को तड़प रही थी.

मैंने उसकी गांड के नीचे हाथ लगाया और उसे दीवार के सहारे टिकाते हुए उठा दिया. उसने भी साथ दिया और मैंने उसके पैर अपनी कमर पर बांध लिए.

मैं- मेरी जान, आज होंठों को कितना रसभरा करके आयी हो, जो इतने रसीले हो रहे हैं.

पूजा ने मेरे लंड पर हाथ फिराते हुए कच्छे में हाथ दे दिया और अपने होंठों से वो मेरे होंठों को भींचते हुए चूसने लगी. वो हम दोनों के थूक से मजा करने लगी थी.

अब उसके वजन से मेरी भी सांस फूलने लगी थी … क्योंकि वो अपनी गांड पर मेरे लंड के टोपे का छोटे बच्चे की तरह उचक उचक कर पूरा मजा ले रही थी.

फिर मैं उसको लेकर दीवार की साइड से हट गया और गांड पर हाथ लगा कर उसे उल्टा कर दिया. अब उसकी चूत मेरे मुँह के सामने हो गयी और मेरा लंड उसके मुँह के सामने था.

एकदम हुए वार से वो कांप गयी और हम दोनों के जिस्म थर्रा उठे. एक जोर की चीख के साथ उसने अपने आपको संभाला. फिर दांतों से भींच कर उसने मेरे कच्छे को उतारा और टोपे को हाथ से सहला सहला कर चूसने में लग गयी.

उसकी टांगें मेरी गर्दन में कैंची की तरह लिपटी हुई थीं. नीचे लटकी हुई वो लंड को पके आम की तरह चटखारे ले लेकर चूस रही थी. इधर मेरी गर्दन दबी होने के कारण मैं बस उसकी भीगी चूत की महक सूंघ पा रहा था.

उसे पता नहीं क्या जोश चढ़ा, उसने अपनी जांघों को कस दिया और मेरी नाक अपनी चूत में दबा ली. जिससे मैं सांस नहीं ले पाया और एक मिनट के बाद मैंने उसे जोर से बेड पर फेंक दिया.

मेरी सांस फूलने लगी थी. फिर मुझे भी जोश आ गया था. मैंने अब वो पैकेट खोल लिया. ये देख कर वो चौंक गयी.

पूजा- ये सब क्या है … और इधर क्यों?
मैं- आज कुछ नया आजमाएं?
पूजा- पर क्या?
मैं- आज बी.डी.एस.एम करते हैं.

पूजा- मेरी चूत लंड लेने के लिए जली जा रही है. इसके बारे में बाद में सोचते हैं. अभी जल्दी मेरी चूत की दीवारों को अपने लंड की ठोकरों से जांच तो लो.
मैं- आज तो मान जाओ.
पूजा कामुक भरे स्वर में बोली- जल्दी करो … पर मुझे ज्यादा दर्द नहीं होना चाहिए, नहीं तो मैं नहीं कर पाऊंगी.
मैंने भरे मन से कहा- ठीक है.

अब मैं पूजा के साथ कुछ ऐसा करने वाला था जिसे पढ़ कर मेरी चुदासी लौंडियों की चूत और चोदुओं का लंड बहने लगेगा. सेक्स ऑन रोड स्टोरी के अगले भाग में आपको चुदाई का पूरा मसाला मिलेगा.
आप मुझे कमेंट करना न भूलें.

सेक्स ऑन रोड स्टोरी जारी है.

Related Tags : अंग प्रदर्शन, ओरल सेक्स, खुले में चुदाई, डर्टी सेक्स, हिंदी पोर्न स्टोरीज
Next post Previous post

Your Reaction to this Story?

  • LOL

    0

  • Money

    0

  • Cool

    0

  • Fail

    0

  • Cry

    0

  • HORNY

    0

  • BORED

    0

  • HOT

    0

  • Crazy

    0

  • SEXY

    0

You may also Like These Hot Stories

3292 Views
मॉल में मिली लड़की की चूत और गांड चुदाई
जवान लड़की

मॉल में मिली लड़की की चूत और गांड चुदाई

एक मॉल में एक लड़की पर मेरी नजर टिक गयी.

2028 Views
बस स्टॉप के पीछे गर्लफ्रेंड को चोदा
गर्लफ्रेंड की चुदाई

बस स्टॉप के पीछे गर्लफ्रेंड को चोदा

  दोस्तो, सबसे पहले अन्तर्वासना सेक्स कहानी का धन्यवाद जिसकी

1877 Views
कमीने यार ने बना दिया रंडी-3
इंडियन बीवी की चुदाई

कमीने यार ने बना दिया रंडी-3

इस कहानी का पिछला भाग : कमीने यार ने बना