नए ऑफिस में चुदाई का नया मजा-2
दोस्तो, आप सबने मेरी कहानी के पिछले भाग नए
मॅाम फक Xxx कहानी मेरी मम्मी की है. वे पापा की चुदाई से खुश नहीं थी तो जब भी कोई भी लंड मिलता, मम्मी उसे पटाकर अपनी गर्म चूत को ठण्डी करवा लेती थी.
दोस्तो, मैं अपनी हवसी मम्मी की सच्ची सेक्स कहानी लिख रहा हूँ.
मेरी उम्र 21 साल की है और मेरी मम्मी की उम्र 41 साल है.
उनका नाम ललिता है. वे बहुत ही अच्छी हैं और सुंदर भी हैं. उनकी गांड बहुत ही मोटी है.
मेरी मम्मी चुदाई की बहुत शौकीन हैं और वे किसी को भी अपनी हवस की आग में जब चाहे पटा लेती हैं.
मेरा मतलब वे किसी रंडी से कम नहीं हैं, बस अपने ग्राहक से पैसे ही नहीं लेती हैं बाकी उनकी सारी हरकतें किसी वेश्या के जैसी ही हैं.
मैं यह Mom Fuck Xxx Kahani इतनी बेबाकी से इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि मैं अपनी मम्मी को बचपन से अलग अलग मर्दों से खुल कर चुदवाते देखता आया हूँ.
आज तक की मेरी जानकारी के अनुसार वे कम से कम 10 मर्दों से अपनी चुदाई करवा चुकी हैं.
हमारे परिवार में मम्मी के अलावा हम दो भाई और एक बहन हैं.
मेरे पापा 4 साल पहले गुजर गए थे.
मेरी मम्मी की शादी बहुत ही कम उम्र में हो गई थी.
मेरे पापा और मम्मी की उम्र में कई साल का फर्क था.
पापा सरकारी जॉब में थे और उस टाइम मम्मी के परिवार में एकलौती लड़की थी.
उनके परिवार में कोई सरकारी जॉब वाला भी नहीं था.
पापा इसी कारण से अपनी जॉब के चलते शहर में रहते थे और मम्मी गांव में.
मेरे जन्म के बाद हम सबको गांव से शहर आना पड़ा.
पापा के डिपार्टमेंट के लोग, मम्मी की उम्र का अंतर देख कर उन्हें पापा की वाइफ नहीं समझते थे.
उन्हें लगता था कि ये कोई और हैं और इसी वजह से सब लोग मेरी मम्मी को लाइन मारा करते थे.
पापा के शहर में रहने से मम्मी के परिवार से बहुत से लोग … और मामा लोग भी हम सबके साथ शहर में आकर रह लेते और पढ़ाई करते.
जब मैंने पहली बार अपनी हवसी मम्मी की चुदाई का पता लगा था तो मैं देख कर हैरान हो गया था.
छोटा होने की वजह से मैं मम्मी के ही साथ सोया करता था और दीदी, भैया और पापा अलग रूम में सोते थे.
मैं मम्मी के पास रहता था और उस टाइम दीदी भैया स्कूल जाते थे.
एक दिन रात को सब खाना खाकर सो रहे थे.
मम्मी के साथ चाचा सोने आ गए और उन्होंने लाइट बंद कर दी.
वे मम्मी के बगल में आकर सो गए और कुछ ही देर में चाचा ने मम्मी को चूमना शुरू कर दिया.
थोड़ी ही देर में वे मम्मी के ऊपर चढ़ गए.
मुझे अंधेरे में भी थोड़ा थोड़ा दिखाई दे रहा था.
मम्मी पूरा नंगी नहीं थीं, बस उन्होंने पेटीकोट ऊपर उठाया हुआ था और अन्दर कुछ नहीं पहनी थीं.
मेरा मतलब पैंटी नहीं पहनी थी.
देर तक चूमने के बाद चाचा ने मम्मी की चूत में अपना लंड ठेल दिया और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगे.
उनका ये सब करना मुझे साफ साफ पता चल रहा था क्योंकि मैं तो बगल में सोया था.
कुछ देर बाद चाचा ने अपना 4 नंबर गियर लगा लिया और मम्मी की चूत की चुदाई तेज़ी से करना शुरू कर दिया.
मम्मी हिल रही थीं और पलंग भी, मम्मी लंबी लंबी सांसें ले रही थीं.
उस टाइम चाचा ने मम्मी को बहुत देर तक चोदा था.
ऐसा हफ़्ते में 3 से 4 बार हो जाता था; कभी रात में तो कभी दिन में.
हम तीनों के जन्म के बाद पापा मम्मी की चुदाई नहीं करते थे.
दूसरी तरफ मम्मी को तो लंड से मुहब्बत थी.
वे तो लौड़े के लिए रंडी बन जाती थीं
साली मादरचोद किसी भी मर्द से चुदवा लेती थी.
और ये सब क्यों होता था … बहुत ही जल्दी मुझे पता चल गया था.
मेरी समझ में आ गया था कि मेरी मम्मी को सख्त लौड़े की जरूरत होती है और उसके चक्कर में वे किसी के सामने भी अपनी टांगें फैला देती हैं.
अब बस अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखने की तमन्ना थी.
मैं मम्मी को चाचा वाली नज़र से देखने लगा.
लेकिन मैं उनसे प्यार करता हूँ, इसलिए मैं उनके इस खेल को बस देख कर अपना लंड हिला लेता था.
एक दिन मम्मी सो रही थीं और मैं मम्मी के बगल में सोया था.
मैं धीरे धीरे मम्मी की साड़ी को ऊपर को कर रहा था.
कुछ ही देर में मुझे उनकी चूत दिख जाने की उम्मीद थी.
लेकिन उस दिन उन्होंने चड्डी पहनी हुई थी. मैं मायूस हो गया.
मैं रोजाना ऐसे करता था कि कभी तो मम्मी का छेद दिख जाए.
एक दिन मम्मी ने चड्डी नहीं पहनी थी तो उस दिन मेरा सपना पूरा हो गया.
मैंने उनकी चूत को देख लिया.
तभी अचानक से मम्मी जाग गईं और उन्होंने मुझे देखकर अपनी साड़ी को ठीक कर लिया.
मैं डर कर वहां से भाग गया.
उन्होंने भी मुझसे कुछ नहीं कहा.
ऐसा चलता रहा था.
किसी दिन चूत के दर्शन हो जाते थे और किसी दिन नहीं.
मैं मुठ मारकर अपनी संतुष्टि कर लेता था.
हालांकि उस टाइम मेरे लंड से कुछ खास ज्यादा पानी भी नहीं निकलता था.
मैं मम्मी की चुदाई के सपने देखा करता था और बाथरूम में जाकर अपने छोटे से लंड को हिला लिया करता था.
उसी समय मुझे ब्लू-फिल्म देखने की लत पड़ गई.
मेरे भैया मोबाइल में ब्लू-फिल्म रखते थे. मैं चुपके से उनका मोबाइल लेकर ब्लू-फिल्म देखा करता था.
एक रात मैं सपना देख रहा था कि मैं मम्मी को चोद रहा हूँ. तभी मेरे लंड से अचानक बहुत ज़ोर से पानी फिंका और मेरी नींद खुल गई.
मैं डर गया कि ये क्या हुआ!
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि लंड साला अपने आप भी रस फेंक देता है.
मुझे धीरे धीरे इस सबका पता चला.
बस मैं ब्लू-फिल्म देख कर या मम्मी के बारे में सोच कर मुठ मार लेता था.
अब मेरी जवानी निखर गई थी.
उस टाइम चाचा की भी शादी हो गई थी और चाचा अपने परिवार के साथ रहने लगे थे.
इधर मम्मी की हवस की आग को अब कौन मिटाता, इसलिए मम्मी ने एक ड्राइवर को पटा लिया था.
अब वे उससे चुदवाया करती थीं.
ड्राइवर बहुत ही कम आया करता था, फिर उससे भी मामला छूट गया.
लेकिन मम्मी तो हवसी थीं … वे किसी से भी चुदवा सकती थीं.
तभी एक मादरचोद आशिक़ आया.
फिर उसके साथ चुदाई का सिलसिला चालू हो गया.
वो मादरचोद मेरी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदता था और अपने मोबाइल में मम्मी की नंगी फोटो खींच कर रखता था.
मेरी मादरचोद रंडी मम्मी उससे चुदाई करवाने के लिए पगलाई सी रहती थीं.
उसके बारे में बहुत से लोग जानते थे और मेरी रंडी मम्मी नहीं जानती थीं.
वह आशिक़ बस मम्मी के पैसे से प्यार करता था. उसकी वजह से मम्मी पापा से तक लड़ाई कर लेती थीं.
फिर पापा ने जॉब से रिटायरमेंट ले ली समय से पहले खराब स्वास्थ्य के कारण!
हम लोग दूसरे घर में चले गए.
कुछ दिन बाद उस आशिक़ की शादी भी हो गई.
मम्मी और वह आशिक़ अलग अलग हो गए.
अब मेरी रंडी मम्मी अपनी चूत की आग में जल रही थीं.
नए घर में आने के बाद यहां सबका अलग रूम था लेकिन मम्मी मुझे अपने ही साथ अपने बगल में सुलाती थीं.
पता नहीं वे ऐसा क्यों करती थीं.
उस टाइम मैं हरदम मॉम-सन वाली सेक्स वीडियो और सेक्स कहानी देखा और पढ़ा करता था. उत्तेजना होने पर मुठ मार लेता था.
तब मुझसे रहा नहीं जाता था, ऐसा लगता था कि मम्मी को ज़बरदस्ती पकड़ कर चोद दूँ.
लेकिन ऐसा करता, तो मैं बहुत गलत होता.
एक रात को मम्मी सोई थीं, तो वही मेरी पुरानी आदत चालू थी.
उस समय मैं मम्मी की गांड के छेद में कपड़ों के ऊपर से ही लंड लगा कर रगड़ दिया करता था.
मम्मी के हाथ को पकड़ कर अपनी चड्डी के अन्दर डाल दिया करता था. उस समय सोने का नाटक करता और मम्मी भी कुछ नहीं कहती थीं.
बस यही चल रहा था.
एक रात मैंने मम्मी की साड़ी ऊपर को खिसकाई तो देखा कि उन्होंने अन्दर कुछ नहीं पहना था.
मैंने अपना लंड मम्मी की गांड के छेद पर रखा और अन्दर डालना शुरू कर दिया लेकिन लंड अन्दर नहीं जा रहा था.
लंड गांड के छेद से अलग हो जा रहा था.
ऐसा करते करते अचानक चूतड़ों की दरार में मेरा लंड चला गया और मैं हिलने लगा.
कुछ देर बाद मैंने अपना कंट्रोल खो दिया और मेरा पूरा लंड माल मम्मी की गांड के छेद से होते हुए चूत तक पहुंच गया.
मैंने जल्दी से अपना लंड निकाला और चुपचाप सोने का नाटक करने लगा.
मम्मी को अहसास हो गया था, वे उठ कर बैठ गईं.
वे अपने सिर में हाथ रख कर कुछ सोच में पड़ गई थीं.
मैं उन्हें देख रहा था कि मम्मी शायद ये सोच रही हैं कि ये पानी कहां से आ गया.
मुझे डर भी लग रहा था.
मगर वे चुपचाप सो गईं.
सुबह मुझे डर भी लग रहा था और गांड भी फट रही थी कि कहीं मम्मी उस बात को किसी को बता ना दें, लेकिन नहीं बताई.
अब मुझे ऐसा करने की आदत पड़ गई.
पहली बार जैसे मम्मी की गांड के छेद में पानी छोड़ा था, अब मैं बिंदास अपना लंड मम्मी की गांड में डाल देता और उसी समय ब्लू-फिल्म देख कर कमर को आगे पीछे करके रस छोड़ देता.
ये सब बहुत दिन तक किया.
मुझे थोड़ा समझ में आया, तब उसके बाद मैंने ये सब करना बंद कर दिया.
अब बस मॉम की चुदाई की ब्लू-फिल्म देख कर मुठ मार लिया करता था.
दोस्तो, अब बहुत दिन हो गए हैं.
मम्मी को कोई लंड नहीं मिल रहा था.
घर एक दूधिया दूध देने आता था.
मुझे नहीं पता कि मम्मी ने उसको कब पटा लिया.
एक रात को मम्मी ने उसको बुलाया.
उस दिन मम्मी हम सबको जल्दी सोने को कह रही थीं.
मैं समझ गया था कि कोई तो आने वाला है.
रात को वे बोलीं- तुम लोग यहां सो जाओ, मैं बाहर वाले रूम में सो रही हूँ.
मुझे सब समझ में आ रहा था कि क्या चल रहा है लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकता था.
दीदी सो गईं तो मैं चुपके से उठा और घर के बाहर निकला.
मैंने देखा कि बाहर दूध वाले की साइकल रखी है.
मैं समझ गया कि मेरी रंडी मम्मी ने दूध वाले को चुदाई करवाने बुलाया है.
वैसे भी मेरा लंड मम्मी के नाम से ही खड़ा होता है तो रात भर मेरा लंड खड़ा रहा था.
फिर मॅाम Xxx फक का मजा दूध वाले से लेकर आ गईं.
मैं सोया नहीं था, वे मेरे बगल में आकर सो गईं.
अब मुझे बस वही ख्याल आ रहा था कि किसी तरह इन्हें चोदा जाए.
मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मार ली और आकर सो गया.
अब मम्मी को नया चुदाई करने वाला मिल गया था.
मैं उन दोनों को कई बार ऐसी हालत में देख चुका हूँ.
मम्मी से मेरी नजरें मिलती भी हैं तो वे बस हंस कर रह जाती हैं.
मुझे भी अपनी मम्मी से हवस वाला प्यार हो गया है.
मम्मी भी अपनी हवस के आगे हम लोग को कुछ नहीं समझती हैं. वे बस अपने मन की करती हैं.
पापा की डेथ भी हो गई थी तो भी मम्मी को बस अपनी हवस मिटाने का नशा चढ़ा हुआ है.
एक बार तो मैंने मन ही बना लिया था कि मम्मी को चोद दूं … लेकिन न जाने क्यों एक अजीब सा डर भी लगता और अन्दर से भी ये लगता कि ये सब ग़लत है.
बस यही सोच कर मैं हाथ से काम चला लेता.
एक दिन मैं मुठ मार रहा था तो मम्मी सामने आ गई थीं.
मैंने तुरंत ये सब बंद कर दिया.
मम्मी देख कर मुस्कुरा दीं और अनदेखा करके चली गईं.
फिर यही सोच कर दूसरे दिन मुठ मारी.
इस तरह से मैं मम्मी के नाम से सप्ताह में एक दो बार मुठ मार ही लेता हूँ.
भाई, आज ये हालत हो गई है कि जितनी भी सेक्सी लड़की को चोदने के ले आऊं … लेकिन मेरा लंड मेरे मम्मी को सोचे बिना खड़ा नहीं होता है.
आज मैं 21 साल का हूँ और आज भी मेरी मम्मी मेरे साथ ही सोती हैं. मुझे नहीं पता कि वे ऐसा क्यों करती हैं.
उनकी इसी हरकत की वजह से मुझे मुठ मारना पड़ जाता है.
दोस्तो, मेरी ये मॅाम फक Xxx कहानी एकदम रियल है. भले ही आप मानो या न मानो.
आपको जो भी कहना है, प्लीज कमेंट्स से बताएं.
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