ट्रेन में एक हसीना से मुलाक़ात-1
मैं रमित, अब मैं फिर से एक कहानी ले उपस्थित
चूत के प्यासे लौड़ों और लंड की प्यासी गर्म
इंडियन लंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी चूत एक लंड के लिए बेचैन हुई जा रही थी. जब मुझे मेरे पड़ोस के लड़के ने प्रोपोज किया तो मैंने देर नहीं की.
मेरी इंडियन लंड सेक्स कहानी के पहले भाग
मेरी देसी चूत की गरमी की कहानी
में आपने पढ़ा कि पति से अलगाव के बाद मैं सेक्स के लिए तरस रही थी. मैंने अपने पड़ोस में आये एक लड़के से दोस्ती बढ़ानी शुरू की.
अचानक रोहित ने मुझसे बोला- डॉली, अगर बुरा ना मानो तो एक बात पूछूं?
मैंने हंसकर रोहित से कहा- यार, अगर तुम्हें लगता है कि मैं बुरा मान जाऊंगी तो बिल्कुल मत पूछो, लेकिन हां यदि तुम्हें यह भरोसा है कि हम अच्छे दोस्त हैं तो अवश्य पूछो।
अब आगे इंडियन लंड सेक्स कहानी:
मेरी बात से रोहित का थोड़ा आत्मविश्वास बढ़ा और उसने संकोच के साथ मुझसे बोला- यार डॉली, जब से मेरी शादी हुई है मैं अपनी पत्नी को बहुत मिस करता हूं और मुझे उसके शारीरिक सानिध्य की बेहद जरूरत महसूस होती है। ऐसा मुझे शादी के पहले नहीं होता था, लेकिन शादी होने के बाद शारीरिक सानिध्य की बेहद जरूरत महसूस होती है। इस वजह से मैं कई बार बेचैन भी हो जाता हूं। क्या तुम्हें भी ऐसा कुछ महसूस होता है?
रोहित का प्रश्न सुनकर मेरी तो जैसे बांछें ही खिल गई।
मैंने मुस्कुराकर रोहित से कहा- हां यार, शादी के बाद शारीरिक संसर्ग की आदत सी हो जाती है और अगर शादी के बाद अकेले रहना पड़े तो इसीलिए बेचैनी भी होती है।
रोहित की हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई और उसने बोला- हां यार, शादी के पहले तो हाथ से काम चल जाता था लेकिन अब हाथ से वो मजा़ नहीं मिलता है।
उसकी बात सुनकर मैं मन ही मन मुस्कुराने लगी।
मुझे अब विश्वास होने लगा था कि रोहित भी मुझे चोदने की इच्छा रखता है।
अपने आप पर काबू रखते हुए मैंने बोला- वह इसलिये क्योंकि प्राकृतिक तरीके का स्वाद मिलने के बाद कृत्रिम तरीके से मजा़ उतना नहीं मिलता है। और यही बैचेनी और दुख का कारण बन जाता है।
मेरी बात से रोहित ने उत्साहित होकर बोला- डॉली अगर तुम इजाजत दो तो एक बात कहूं?
मैंने तुरंत रोहित की बात काटते हुए पूछा- कहीं तुम मुझे यह प्रस्ताव तो नहीं देना चाहते कि मैं और तुम एक दूसरे के सानिध्य की कमी को पूरा करें?
मेरी बात सुनकर रोहित सकपका गया और उसने कांपती आवाज में बोला- कहना तो मैं यही चाहता था, लेकिन अगर तुम्हारी इजाजत हो तब! और यदि तुम्हें बुरा लगा हो तो मैं दिल से माफी मांगता हूं।
रोहित को घबराया देखकर मेरी तो हंसी छूट गई और मैंने खुशी से मुस्कुराते हुए कहा- यार, इसमें माफी मांगने की क्या बात है? मैं तो खुद तुमसे यही कहना चाहती थी और अब यह कहना चाहती हूं कि इस काम में देरी किस बात की? जल्दी से मेरे बेडरूम में चलकर शुरू करते हैं।
मेरी तरफ से हरी झंडी मिलते ही रोहित की खुशी का ठिकाना न रहा। उसन तुरंत मुझे बांहों में भर कर उठा लिया और मुझे लेकर सीधा मेरे बेडरूम में आ गया और मुझे बिस्तर पर डालकर मेरे होंठों को चूमने लगा।
मेरी धड़कन बहुत तेज चल रही थी। मैंने भी गर्म होकर कर उसके चुंबन का जवाब देना शुरू किया।
मुझे विश्वास ही नहीं हो पा रहा था कि मैं रोहित की बांहों में हूँ और बहुत जल्दी वह मुझे चोदने वाला है।
बहुत जल्दी मुझे चूमते हुए रोहित ने मेरी ड्रेस मेरे बदन से अलग कर दी। और खुद भी अपने कपड़े उतार कर वह सिर्फ चड्डी में आ गया।
बिना कपड़ों के मैं रोहित को पहली बार देख रही थी। उसका बदन कसरती था और और उसका चौड़ा सीना बाल रहित और बहुत सुंदर लग रहा था।
मुझे गुलाबी रंग की पारदर्शी स्ट्रैप वाली ब्रा और छोटी सी गुलाबी पेंटी में देखकर रोहित खुश हो गया और बोला- लगता है आज मैडम पूरी तैयारी के साथ लेटी हुई हैं।
मैंने भी मुस्कुरा कर हां में अपना सिर हिलाया।
रोहित फिर से मेरे ऊपर चढ़ गया और मैंने उसे अपनी बांहों में कस लिया और मैं भी उसे बेतहाशा चूमने लगी।
बहुत जल्दी रोहित ने मेरी ब्रा को हटा दिया और मेरे दाहिने मम्मे को मुंह में लेकर चूसने लगा और दूसरे मम्मे को अपने हाथ से मसलने लगा।
जल्दी ही मेरी चूत गीली हो कर चुदासी हो गई।
मैंने अपना हाथ बढ़ा कर रोहित की चड्डी में डाला। उसका लंड सख्त होकर खड़ा हो गया था।
एक झटके में मैंने रोहित का अंडरवियर नीचे कर दिया।
अब आप पूरी तरह नंगा मेरे सामने था और उसका 6 इंच लंबा इंडियन लंड सख्त होकर हिल रहा था, मानो मेरी चूत को सलामी दे रहा हो।
उसका मशरुम जैसा सुपारा लाल हो रहा था। ऐसा लग रहा था, मानो यह मेरी चूत को फाड़ देने के लिये बेताब हो रहा है।
मैंने बैठकर उसके लंड को हाथ में लिया और अपने मुंह को उस के लंड की तरफ बढ़ाया।
मेरा इरादा समझते हुए रोहित अपना लंड मेरे मुंह के बिल्कुल करीब ले आया।
मैंने रोहित के देसी लंड को प्यार से सहलाना शुरू किया और उसके सुपारे पर अपनी जीभ घुमाने लगी।
मेरी जुबान के अपने सुपारे पर स्पर्श से रोहित को जोश आने लगा और उसने मेरा सिर अपने सुपारे पर दबाना शुरू किया।
मैंने अब अपना मुंह खोल कर रोहित के सुपारे को अपने मुंह में ले लिया और अपनी जुबान सुपारे के चारों तरफ घुमाने लगी।
अब तो रोहित की हालत पतली हो गई; उसके मुंह से सीत्कार फूटने लगे।
मैंने रोहित के लंड को और अंदर तक अपने मुंह में लिया और उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मुझे रोहित का सुपारा अपने मुंह में मोटा होता हुआ महसूस हो रहा था।
रोहित का लंड अब गर्म हो चला था और उसने मेरे मुंह से अपना लंड निकाल दिया।
मैंने मुस्कुराकर रोहित के मुंह की तरफ देखा।
उसने मुझे धक्का देकर बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी पैंटी को निकालने लगा।
मैंने भी अपने नितंब ऊपर उठा कर पैंटी उतारने में सहयोग किया।
अब मैं रोहित के सामने पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी।
मेरी काम रस से भीगी हुई चूत को देखकर रोहित की आंखें चमकने लगी।
उसने मेरी टांगों को फैलाया और मुझसे बोला- डॉली, आपकी चूत तो पूरी तरह गीली हो रही है। लगता है यह चुदने के लिए बेताब हो रही है।
मैंने रोहित से बेशर्मी के साथ कहा- हां डार्लिंग, लेकिन पहले मेरी चूत को चाट कर थोड़ा गर्म तो करो।
रोहित ने मुस्कुराते हुए मेरी खुली हुई चूत की दरार के अंदर अपनी जुबान डाल दी।
उसकी जुबान के स्पर्श से मेरी चूत में मानों ज्वालामुखी फूटने लगा।
मेरे मुंह से अब बेकाबू काम सीत्कार फूटने लगे और मैं अपनी चूत को उछाल उछाल कर रोहित से चटवाने लगी।
मैंने अपने हाथों से रोहित के सिर को पकड़ लिया और अपनी चूत की तरफ दबाने लगी, और साथ-साथ उसके बालों में उंगलियां चलाने लगी।
बहुत जल्दी मैं बुरी तरह उत्तेजित हो गई और मैं रोहित से बार-बार अपनी चुदाई शुरू करने के लिए विनती करने लगी।
रोहित ने अब मेरी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और खुद मेरी दोनों टांगों के बीच में आ कर बैठ गया और अपने लंड के सुपारे को मेरे छोटे से भगांकुर पर रगड़ने लगा।
रोहित के सुपारे की अपने भगांकुर पर रगड़ से मेरी चूत में कामरस की मानों बाढ़ आ गई.
मैंने नीचे से अपनी चूत को ऊपर की तरफ धकेला ताकि रोहित का लंड मेरी चूत में घुस जाए!
लेकिन रोहित भी चुदाई का पक्का खिलाड़ी था। उसने अपना सुपारा मेरे छेद से हटा लिया और थोड़ी देर में वापस से मेरी भगांकुर को अपने सुपारे से रगड़ कर सताने लगा।
मेरा जिस्म मुझसे बेकाबू होता जा रहा था कि अचानक रोहित ने मेरे छेद पर सुपारा रखा और एक भरपूर धक्का लगाया।
अचानक हुए इस हमले के लिये जब तक मैं कुछ समझ पाती, रोहित का पूरा लंड मेरी चूत में उतर चुका था।
मैं रोहित के सुपारे का स्पंदन अपनी बच्चेदानी के समीप महसूस कर रही थी।
अब रोहित मेरे ऊपर लेट गया। मैंने अपनी दोनों टांगें और रोहित के कूल्हों के इर्द-गिर्द कस दी और रोहित को अपनी बांहों में भर लिया।
रोहित ने मेरे होंठों को अच्छे से चूसना शुरु किया और मुझे बांहों में लेकर कर अपने लंड को मेरी चूत में अंदर-बाहर करने लगा।
“उईईई आह आह आह आह आह! मर गईईई आहह हहह!” मैं सीत्कारते हुए अपनी गांड को नीचे से उछाल उछाल कर रोहित से चुदने लगी।
कमरा धीरे-धीरे गर्म होने लगा था। हम दोनों पसीने से लथपथ होने लगे थे।
रोहित के लंड के अंदर बाहर होने से ‘फच -फच’ की आवाजें कमरे में गूंजने लगी थी जो कि हमारी चुदाई को और ज्यादा मजेदार बना दे रही थी।
थोड़ी देर चुदाई होने के बाद रोहित ने अपने लंड को चूत से बाहर खींच लिया और खुद नीचे लेट गया।
अब रोहित ने मुझे ऊपर से आने का इशारा किया।
मैं रोहित की तरफ मुंह करते हुए उसके ऊपर बैठ गई।
अब अपने हाथ से मैंने उसके लंड को अपनी चूत के छेद पर रखा और धीरे-धीरे उसके लंड पर बैठने लगी।
उसका लंड भी चुदाई के कारण बहुत चिकना हो गया था इसलिए बड़ी आसानी से पूरा लंड मेरी चूत में अंदर तक घुस गया।
मैंने आगे की तरफ झुक कर अपना एक बूब रोहित के मुंह में दे दिया।
रोहित ने मेरे बूब्स को चूसना शुरू किया और अपने हाथों से मेरे नितंब दबाने लगा।
मेरी कामोत्तेजना अब बहुत बढ़ गई और मैं उछल उछल कर उनके लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी।
रोहित के लंड का गर्म गर्म सुपारा मुझे अपने बच्चेदानी पर हर धक्के के साथ महसूस हो रहा था और इससे मेरी उत्तेजना बहुत बढ़ रही थी।
काफी देर मुझे इस तरह चोदने के बाद रोहित मेरी चूत में ही झड़ गया।
मैं इस बीच दो बार झड़ चुकी थी।
मैं निढाल होकर रोहित के ऊपर ही लेट गई।
थोड़ी देर बाद रोहित का लंड नर्म होकर मेरी चूत के बाहर निकला।
मैंने रोहित के बनियान से अपनी चूत से उसके बहते हुए वीर्य को साफ किया।
मेरी चूत भी अब तृप्त हो गई थी।
लेकिन हम दोनों नंगे ही एक दूसरे की बांहों में काफी देर तक रहे।
थोड़ी देर बाद उठकर हम दोनों नहा कर आए और बिना कपड़े पहने ही एक दूसरे से बतियाते रहे।
फिर कुछ देर बाद मुझे फिर से संभोग की इच्छा हुई तो मैंने रोहित से एक बार और संभोग करने के लिए कहा।
रोहित हंसकर मान गया क्योंकि उसकी भी इच्छा हो रही थी।
उसने अब मुझे जांघों के आसपास काटना और चूसना शुरू किया।
मेरी चूत को चाट कर उसने मुझे गर्म कर दिया।
मैंने रोहित से कहा कि क्यों ना हम लोग 69 की तरह मुखमैथुन करें।
रोहित को नीचे लेटने को बोल कर मैं उसके ऊपर बैठ गई कुछ इस तरह से कि मेरी चूत उसके मुख पर रहे।
मैंने आप रोहित का लंड पकड़ कर अपने मुंह में ले लिया और मैं ऊपर बैठकर उसके लंड को चूसने लगी।
हम दोनों को ही इस तरह सिक्सटी नाइन करने में बहुत मजा आ रहा था और मैं अपनी चूत उसकी जुबान पर रगड़े जा रही थी।
उसका लंड भी मेरे मुंह में बहुत मोटा हो गया था।
मुझे डर लग रहा था कि कहीं वह मेरे मुंह में ही अपना माल ना छोड़ दे।
अतः मैंने उसे अब चुदाई शुरू करने के लिए कहा।
रोहित ने अब मुझे कुतिया की तरह सेट किया और अपना लंड हिलाते हुए मेरे पीछे आया।
मेरे चूत के छेद पर लंड को रखकर उसने एक ही धक्के में पूरा लंड मेरी चूत में अंदर उतार दिया।
रोहित के लंड घुसाने से मेरे मुंह से चीख निकल गई।
उसने अब पीछे से मेरे दोनों स्तनों को पकड़ लिया और मसलते हुए अपने लंड को मेरी चूत में अंदर-बाहर करने लगा।
मेरी चूत की तो मानो खुशी का ठिकाना ही न था।
मैं सीत्कार करते हुए अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी ताकि रोहित का पूरा पूरा लंड मेरी चूत खा सकें।
थोड़ी देर मुझे इसी तरह चोदने के बाद रोहित ने मुझे बिस्तर पर पेट के बल गिरा दिया और मेरे ऊपर पूरा लेट गया।
अब इस पोजीशन में उसने मेरे स्तनों को अच्छे से जकड़ कर रखा था और वह मेरी चूत में लंड को धक्के दे देकर घुसा रहा था।
मैंने अपनी गर्दन पीछे की तरफ मोड़ी और रोहित मेरे अधरों से अपने अधर सटाकर उन्हें चूसते हुए जोर जोर से धक्के चूत में मारने लगा।
अब एक बार फिर से चुदाई की ‘फच फच’ की आवाजें कमरे में गूंजने लगी।
इस बार की चुदाई बहुत ज्यादा लंबी चली और हम दोनों को ही पहले से ज्यादा मजा इस बार आ रहा था।
मुझे बहुत देर चोदने के बाद रोहित ने अचानक अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी।
चोदते हुए रोहित बोला- डॉली, आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बनकर रहेगा।
मैंने सीत्कार भरते हुए बोला- डार्लिंग, लड़कियों की चूत तो भोसड़ा बनने के लिए ही होती है।
मेरी बात सुनकर रोहित और ज्यादा उत्साहित हो गया और उसने मुझे अपनी पूरी क्षमता से चोदना शुरू किया।
आखिर में एक लंबी पारी खेलने के बाद रोहित मेरी चूत में दोबारा झड़ गया।
इस दौरान मुझे याद भी नहीं कि मैं कितनी बार झड़ चुकी थी लेकिन मेरी चूत बहुत अच्छे से तृप्त हो चुकी थी।
चुदाई की 2 लंबी पारियां खेलने के बाद हम लोग नंगे ही एक दूसरे की बांहों में सो गए।
जब मेरी आंख खुली तो सवेरा हो चुका था।
मैंने उठकर देखा तो रोहित मेरे पास ही नंगा सोया हुआ था। मैंने रोहित को उठाया और चाय पिलाकर उसके घर के लिए रवाना किया।
बाद में मैंने नहाते समय देखा कि मेरी जांघों और शरीर का अधिकतर हिस्सा उसके चुंबन की निशानियां से भरा पड़ा था।
मैं नहा कर नाश्ता करके आराम से सो गई।
दोस्तो, इस घटना के बाद रोहित मुझे रेगुलर चोदने लगा।
रोहित के साथ मैंने और किस-किस तरह से मजे लिए यह मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगी।
कृपया कमेंट करके जरूर बताये।
इंडियन लंड सेक्स कहानी जारी रहेगी.
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बंगाली हॉट सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि आखिर बंगालन भाभी
नमस्कार दोस्तो, आप सभी ने अन्तर्वासना सेक्स कहानी पर