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नमस्कार दोस्तो, मैं पोर्नविदएक्स डॉट कॉम के अंतर्वासना साईट का नियमित पाठक हूं. यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, अगर कोई गलती दिखे, तो प्लीज़ माफ कर दीजिएगा.

मेरा नाम देव है और मेरी उम्र 28 साल है. मैं हरियाणा के रेवाड़ी जिले के पास के गांव से हूं. यह कहानी मेरी और मेरी साली के बीच की है, जो आज से करीब एक साल पहले घटित हुई थी. उसके बाद भी मेरी उसके साथ आज भी लगातार चुदाई जारी है.

कहानी पर आने से पहले मैं कुछ अपने बारे में बता देता हूं. मेरी हाइट 6 फीट है, रंग साफ है और मैं दिखने में भी ठीक-ठाक हूं. मैंने आज तक काफी लड़कियों और भाभियों को चोद कर संतुष्ट किया है. मैं यह नहीं कहूंगा कि मेरे लंड का साइज आठ इंच है या दस इंच है. मेरे लंड का नाप 6 इंच ही है, पर ये इतना मजबूत है कि किसी भी भाभी और लड़की की चीख निकालने के लिए काफी है.

मैं अपने बारे में एक बात और बताना चाहूंगा. मुझे चुत चाटने में बड़ा ही मजा आता है. मैंने आज तक बहुत सी भाभियों की चुत चाट चाट कर उनका पानी निकाला है.

जैसा कि मैंने ऊपर बताया कि यह कहानी मेरी और मेरी साली मोनिषा जो शादीशुदा है, उसके बीच में हुई थी.
करीब आज से एक साल पहले की बात है.. मेरी साली मोनिषा की शादी मेरे पड़ोसी गांव में हुई थी. उसकी ससुराल का गांव मेरे गांव से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर है. मेरा जो साढ़ू है, वह लगभग काम के सिलसिले में हर समय घर से बाहर ही रहता है. मेरा अपने साढ़ू के घर पर आना जाना लगा ही रहता था. मेरी साली मुझे बहुत मजाक करती थी. जब भी मेरा उसकी ससुराल जाना होता, तो मेरी साली मुझे किसी न किसी बहाने से छेड़ ही देती थी. कभी किसी बहाने से मेरे साथ शरारत करती रहती थी.

शुरू शुरू में तो मैंने सोचा कि यह सब जीजा और साली के बीच में होता रहता है. इसलिए मैंने भी उसके इस मजाक में हुई छेड़खानी को ज्यादा गम्भीरता से नहीं लिया.

मैं उसके और मेरे सेक्स किस्से को लिखना शुरू करूं, इससे पहले मैं आपको कुछ अपनी साली के बारे में भी बता देता हूं.

मोनिषा की हाइट 5 फीट 8 इंच है और उसकी चूचियां का साइज 36 इंच के आस-पास का है. उसकी गांड भी एकदम निकली हुई है. वो बड़ी ही हॉट माल है. उस को कोई बुड्ढा भी अगर देख ले, तो मेरा दावा है कि उसके लंड में भी जान आ जाए.

यह बात गर्मियों के एक दिन की है. मैं अपनी साली के पास उसके घर गया हुआ था. उसके घर पर उस वक्त उसके सिवाए कोई नहीं था. मुझे देखते ही वह खुश हो गई. पर न जाने क्यों मुझे मोनिषा के चेहरे पर वो मस्ती नहीं दिखी, जो मुझे हमेशा दिखाई देती थी. मुझे वह उदास सी लगी.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ, तुम उदास सी क्यों लग रही हो?
मेरी बात सुनकर पहले तो वो सकुचाई और ‘कुछ कुछ नहीं बस यूं ही …’ कह कर बात को टालने लगी.

मगर मैंने उससे सब कुछ बताने का जोर दिया, तो वो मुझसे खुल गई. मोनिषा ने मुझे बताया- आपका जो दोस्त है.. मतलब आपका साढ़ू, वह ठीक से सेक्स नहीं कर पाता है. मैं उससे बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हूँ.
मैं अक्सर अपनी साली को मोनिषा ही बोलता था. तो मैंने उससे कहा- मोनिषा, अगर मैं आपकी कोई हेल्प कर सकता हूं तो आप मुझे बताओ?

वो मेरी तरफ बड़ी वासना भरी नजरों से देखने लगी. उसकी कजरारी आंखों में मुझे चुदाई की प्यास दिखाई देने लगी. वो मुझे अन्दर ले गई और सोफे पर बिठा कर बोली- आप बैठो … मैं आपके लिए पानी लाती हूँ.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं उसको जाते हुए देखने लगा.

अब मुझे साली की गांड कुछ ज्यादा ही मचलती सी दिखी. मैंने उसकी गांड के दोनों तबलों को ऊपर नीचे होते देखा, तो मैं अपने लंड को सहलाने लगा.

आज मुझे मोनिषा की चाल देख कर कुछ कुछ होने लगा था. तभी उसने मेरी तरफ पलट कर देखा, मैं उसकी गांड को मटकते हुए बड़ी ही वासना से देख रहा था. उसकी पलट कर देखने की वजह से मैं एकदम से हड़बड़ा गया और मैंने खिसयानी हंसी से नजरें झुका लीं.

उसने एक कंटीली मुस्कान बिखेरी और किचन में चली गई.

अब मुझे कुछ कुछ समझ आने लगा था. मोनिषा की शरारतें मुझे याद आने लगी थीं. मैं अपने लंड को सहलाने लगा.
दो मिनट बाद बाद वो एक ट्रे में दो गिलास पानी ले आई. उसने झुक कर मुझे पानी का गिलास दिया, तो उसका पल्लू ढुलक गया.

मैं साली की दूधिया घाटी को अपलक देखा ही रह गया. उसने अपने ब्लाउज के ऊपर के दो बटन खोल रखे थे, जिससे मुझे उसके मम्मे पूरे पूरे के पूरे साफ़ दिखने लगे थे. मेरी नजर उसकी चूचियों पर जम कर रह गई थीं.

मोनिषा वासना भरी आवाज में मुझसे बोली- पानी के बाद क्या पियोगे.. दूध या कुछ और?
मैंने भी उसकी चूचियों पर नजरें गड़ाते हुए कहा- अभी तो दूध पीने का ही मन कर रहा है.

ये सुनकर मोनिषा ने एक पल की भी देरी नहीं की और मेरा एक हाथ पकड़ कर अपनी चुचियों पर रख दिया. मैं सनाका खा गया. लेकिन मेरा हाथ उसके मम्मों पर थम गया. उसकी चूचियां क्या कमाल थीं. अब मैंने उसकी चूचियों का नाप सही से समझ लिया था. उसकी फिगर का साइज़ मैंने पूरा का पूरा देखा, जोकि 36-30-38 के आस पास का रहा होगा. वो दिखने में बहुत ही मांसल है. उसके बूब्स बहुत ही मोटे मोटे थे. मुझे लगा कि कोई भी एक बार उसके जिस्म की गोलाइयों और कटावों को देख ले, तो उसका लंड सलामी देने को तैयार हो जाएगा.

उस दिन उसने स्लीवलैस ब्लाउज पहना हुआ था. नंगी बांहों के साथ साथ उसके खुले गले में से उसकी चूचियां बाहर झांक रही थीं. उसकी मदमस्त चूचियों को सहलाते और देखते ही मेरे लंड में सनसनी पैदा हो गई. जब उसने मेरा हाथ अपने मम्मों रखा, तो मैं खुद को काबू नहीं कर पाया और मैंने झट से उठ कर उसे अपनी बांहों में भर लिया.

मोनिषा भी मुझसे लिपट गई. मैंने उसे खींचा और बगल में पड़े बेड पर लिटा दिया. मैं उसके होंठ चूसने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. वो बहुत ही ज्यादा प्यासी लग रही थी.

मैंने उसको हर जगह चूमा और सहलाया. इससे थोड़ी ही देर में वह इतनी गरम हो गई थी. वो खुद अपने हाथ से अपनी चुचियां दबाते हुए मुझे उकसा रही थी और अपने होंठ काट रही थी.

तभी मैंने साड़ी समेत उसका घाघरा उठा दिया. मोनिषा ने लाल रंग की कच्छी पहन रखी थी. उसमें वह बड़ी सेक्सी लग रही थी. मैंने उसकी कच्छी को निकाल दिया. उसने आज ही अपनी चुत के बाल साफ किए थे, जिससे उसकी चूत नमकीन पानी से सनी हुई एकदम लाल रंग की चिकनी चुत दिख रही थी.

मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उसको चित्त लिटा दिया. जैसा कि मैंने आपको बताया कि मुझे चुत चाटने में बहुत मजा आता है. तो मैंने अपने होंठ अपनी साली की चुत पर रख दिए और उसकी चूत को मजे से चाटने लगा. वो सीत्कारें भरने लगी. धीरे-धीरे करके मैंने अपनी पूरी जीभ चुत के अन्दर डाल दी और चूत को पूरी शिद्दत से चाटने लगा.

चुत की चुसाई से मोनिषा बिल्कुल ही पागल हो गई थी. उसने मुझसे कहा- यार जीजा, और मत तड़पाओ.. ये सब दूसरी बार में कर लेना. अभी मुझे ठंडा कर दो.

मैंने अपना लंड निकाल कर उसकी आंखों के सामने लहराया, तो मोनिषा ने मेरा लंड पकड़ लिया. उसने मुझे लंड से पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया. वो लंड को बड़ी बेताबी से चूसने लगी.

मोनिषा इस तरह से लंड चूस रही थी, जैसे मानो लंड चुसाई में वो बहुत एक्सपर्ट हो. मेरा लंड एक लोहे की रॉड की तरह हो गया था. जिसे मोनिषा ने चूस चूस कर और कड़क कर दिया था.

मोनिषा जिस तरह मेरे लंड को पकड़कर मुँह में आगे पीछे कर रही थी. इससे मुझे बहुत मजा आ रहा था. मोनिषा होंठों से मेरे लंड को दबाए ही जा रही थी. उसने मेरे लंड को चूस कर लाल कर दिया था.

मुझे मजा आने लगा था. तो मैंने उसे इशारा किया, वो समझ गई. अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. मैंने मोनिषा की टांगों को फैला दिया. उसकी गुलाबी चुत पर अपने होंठ रख दिए. हम दोनों ही पूरी मस्ती से एक दूसरे के लंड चूत को चूसने लगे थे.

कुछ ही देर बाद मोनिषा का पानी निकलने ही वाला था. उसने कहा- जीजा, जल्दी से पेल दो अपना लंड मेरी चुत में … मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

मैंने मोनिषा को सीधा लेटाया और लंड उसकी चुत पर सैट करके उसकी गांड पकड़ कर अन्दर की तरफ धक्का दे दिया. मेरा लंड सीधा मोनिषा की चुत के अन्दर चला गया.

लंड के एकदम अचानक के दबाव से मोनिषा की दर्द के मारे चीख निकल गई. मैंने उसके दर्द की परवाह नहीं की और दनादन चुदाई चालू कर दी.

मैंने धीरे-धीरे मोनिषा को चोदने की स्पीड बढ़ा दी और मोनिषा की चुत में अच्छी तरह से लंड घुसा दिया.
अब मोनिषा मेरे लंड के मजे ले रही थी. वो गांड उठाते हुए कह रही थी- आह देव … और जोर से चोदो … आह जोर से चोदो मुझे!

थोड़ी देर बाद मैंने मोनिषा को घोड़ी बनाकर उसकी पीछे से जबरदस्त चुदाई की.
कुछ 5 मिनट की चुदाई के बाद मोनिषा ने अपना सारा पानी छोड़ दिया. मैं गांड उठा-उठा कर मोनिषा को चोदता रहा. इस तरह मोनिषा एक बार और झड़ गई.

मैंने मोनिषा को अपने लंड पर बैठाने की इच्छा जाहिर की, तो मोनिषा उठकर अपनी हुई फूली हुई चुत को मेरे लंड पर टिका कर बैठ गई. मेरा लंड मोनिषा की चुत को चीरता हुआ उसकी चुत की गहराई में समा गया.

इस पोजीशन में मैंने मोनिषा को जमकर अपने लंड पर कुदाया. मोनिषा भी उछल उछल कर लंड के मजे ले रही थी. इस उछल कूद भरी चुदाई में मुझे बहुत ही मजा आ रहा था. पांच मिनट बाद ही उसकी चूत ने रोना शुरू कर दिया और वो एक कटे हुए पेड़ की तरह मेरी छाती पर गिर कर लम्बी लम्बी साँसें लेने लगी.

उसकी चूत में मेरा लंड अभी भी कबड्डी खेल रहा था. थोड़ी देर बाद मैंने भी अपने लंड का रस मोनिषा की चुत में भर दिया.
वो मेरी चुदाई से बड़ी खुश हो गई थी.
मैंने कहा- मोनिषा तुम्हारी चुत मार कर मुझे बड़ा मजा आया.

करीब आधा घंटे के बाद एक बार फिर से हम दोनों में चुदाई समारोह हुआ और हम दोनों ने एक दूसरे को पूरा मजा दिया और लिया.

अब वो मेरी आधी घर वाली हो गई थी. इस तरह से अब तक एक साल हो गया था. मैंने अपनी मोनिषा जैसी साली को जमकर चोदा है और आज भी उसके एक फोन कॉल पर मैं लंड हिलाता हुआ उसके घर पहुंच जाता हूँ और चुदाई की मस्ती करता हूँ.

मैं आप सभी को अगली सेक्स स्टोरी में बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी मोनिषा की गांड भी मारी.

मेरी एडल्ट सेक्स स्टोरी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद. अगर आपको मेरी सेक्स कहानी अच्छी लगी हो, तो कमेंट बॉक्स में मुझे कमेंट जरूर करें.
धन्यवाद.

Related Tags : अंग प्रदर्शन, ओरल सेक्स, कामवासना, रियल सेक्स स्टोरी
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