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सुहागरात मनाने के चक्कर में- 2

सुहागरात सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मेरी मौसी का बेटा मेरे घर आ चुका था. मेरा उत्साह देख वो भी बहुत खुश था और मेरी चुदाई करने का जोश उसमें भरा हुआ था.

सुहागरात सेक्स की कहानी के पहले भाग
सुहागरात के लिए भाई मेरे घर आया
में आपने पढ़ा कि मैं अपने मौसेरे भाई के साथ विधिवत सुहागरात मनाने की तैयारी कर चुकी थी.
मेरा भाई भी मेरे पास पहुंच चुका था.

फिर मैंने सन्नी को दूध का ग्लास दिया।

दूध देखकर वो काफी खुश हुआ और बोला- क्या बात है!

लेकिन वो दूध अपनी हाथों से मुझे पिलाने लगा और बोला- ये दूध मेरी रानी के लिए है। मैं तो अपनी दीदी की दूध पियूँगा।
और वो मेरे बूब्स को चोली के ऊपर से सहलाने लगा।

फिर मैं दूध को अपनी मुँह से निकलते हुए बोली- मेरे राजा, दीदी की दूध तो हमेशा पीते हो. आज हमारी सुहागरात है तो आज ये दूध भी पी लो।
और मैंने उसके मुँह में ग्लास लगा दिया।
वो मेरा झूठा दूध पी गया और गलास को एक साइड में रख दिया।

अब आगे सुहागरात सेक्स की कहानी:

सन्नी बोला- मेरी रानी, तुमने मुझे खुश करने के लिए इतना कुछ किया है! मैं आज तुम्हें ऐसे चोदूँगा कि इस सुहागरात तुम हमेशा याद रखोगी। ये मेरा वादा है।

मैंने मन ही मन सोचा- तुम्हारी हर चुदाई मेरे लिए यादगार ही होती है मेरे राजा!
इतना बोलकर वो मेरी नाक से नथ उतारने लगा।

फिर उसने एक एक करके बड़े प्यार से सारे जेवर उतार दिये।
वो बोला- तुम ये सब मत पहना करो।
मैं बोली- क्यों?
वो बोला- तुम्हारी खूबसूरती के सामने इनकी खूबसूरती फीकी पड़ जाती है।
मैं हँसते हुए बोली- अच्छा जी।

मैं कुछ और बोलती … तब उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये।
बड़े प्यार से मेरा भाई मेरे होंठों को चूमने लगा और बोला- इतने रसीले होंठ आज तक मैंने नहीं देखे मेरी रानी।

फिर वो बोला- तुम्हें पता है कि मैंने तुम्हें कितना मिस किया मेरी जान!
इतने में मैं भी उसके होंठों को चूमते हुए बोली- मैंने भी बहुत मिस किया तुझे मेरे राजा भैया।

फिर सन्नी बोला- झूठ मत बोलो! तुम्हें तो जीजाजी का लन्ड तो मिल ही रहा था।
मैं बात काटते हुए बोली- ये सब बातें तो होती रहेगी मेरे राजा। आज के लिए तो तुम्हारी रानी तुम्हारे साथ है।
सन्नी बोला- बिल्कुल मेरी रानी।

और वो एक लंबा स्मूच करने लगा। इसमें मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। मैं भी उसके होंठों को चूस रही थी और बीच बीच में काट भी लेती थी।

स्मूच करते करते वो मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और एक हाथ से मेरे बूब्स को मसलने लगा।
और फिर उसने एक हाथ मेरी चोली में घुसा दिया और बुरे तरीके से मसलने लगा।
वो कभी कभी मेरी निप्पल को जोड़ से ऐंठ देता था जिससे मुझे काफी दर्द हो जाटा था। लेकिन मैं चिहुँक भी नहीं सकती थी।

हम दोनो तो एक दूसरे के होंठ के रस चूसने में लगे थे।

तकरीबन 15 मिनट तक ये सब चलता रहा।
अब मेरे पूरे शरीर में एक अलग सी ताजगी आ गयी थी।

फिर सन्नी मेरी चोली की डोर खोलने लगा।
और मेरी शरीर से चोली को जैसे ही अलग किया, उसे भीनी भीनी से खुशबू लगी और उसका रोम रोम खुश हो गया।

मेरी पहाड़ीनुमा चूचियों को देखकर बोला- वाह मेरी दीदी. अगर तुम्हारी जैसी बहन सबके पास हो तो किसी को शादी करने की जरूरत ही ना हो। पूरी तैयारी के साथ आई है मेरी बहन।
मैं हँसते हुए बोली- सारे भाई तुम्हारी तरह बहनचोद नहीं होते!
वो बोला- अगर तुम्हारी जैसी बहन हो तो हर भाई खुशी खुशी बहनचोद बन जायेगा।

फिर उसने मेरे बूब्स को ब्रा पर से पकड़ा और मसलते हुए बोला- लगता है जीजा जी कम मेहनती हैं।
मैं बोली- मेहनती तो बहुत हैं। लेकिन मैं अपने आप को फिट रखती हूं।
सन्नी बोला- ये तो मुझे पता है मेरी रानी।

अब सन्नी बोला- क्या मस्त चूचे हैं मेरी बहन के! जी तो करता है कि पूरा दूध पी जाऊँ!
फिर मैं अपने दूध को उसके मुँह में लगाते हुए हँसकर बोली- पी लो मेरे भैया … बहुत शक्तिवर्धक दूध है मेरा!

सन्नी मेरी चूची मुँह में लेते हुए बोला- मुझे पता है मेरी छिनाल बहन! इसको पीकर ही तो मुझे इतनी शक्ति मिलती है।

वो ब्रा पर से ही मेरी दूध पीने लगा और मेरी पूरी ब्रा को गीली कर दिया।
फिर मैं बोली- क्या कर रहे हो? उतार लो ना!

लेकिन उसने मेरी बात को अनसुना कर दिया और मेरा दूध पीते पीते वो नीचे सरक गया; मेरी नाभि पर आ गया और उसे चाटने लगा।
उसके इस कारनामे से मैं चिहुँक उठी और मानो मेरी पूरी शरीर में करन्ट सा दौड़ गया।
झट से उसे मैंने खुद से अलग किया।

लेकिन वो मानने वाला नहीं था। वो फिर से मेरी नाभि को चूमने लगा और मैं तड़पने लगी।

थोड़ी देर बाद फिर वो हटा और मेरे घाघरे को उतार दिया।
घाघरा उतरते ही वो ऐसे खुश हुआ जैसे मानो उसकी लॉटरी लग गयी हो।

वो बिना कुछ देखे मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से सूंघने लगा जिससे मुझे गुदगुदी होने लगी।
उसकी गर्म साँसें मेरी चूत से टकरा कर मेरी चूत में आग लगा रही थी जिससे मैं मदहोश होने लगी।

इतने में ही मेरे मुँह से सिसकारी निकलने लगी थी।

वो मेरी चूत सूंघते सूंघते मेरी मुलायम जांघों को मसलने लगा और बोला- क्या जांघें हैं मेरी बहन की!
मैं लड़खड़ाती आवाज़ में बोली- ये तुम्हारे लिए ही हैं मेरे भैया।

और फिर वो मेरी जांघों को अपनी जीभ से चाटने लगा जिससे मैं सिहर गयी।

इतने में उसने मुझे पेट के बल पलट दिया. मेरी नंगी गांड को देखकर मेरा भाई कितना खुश हुआ, ये तो मैं नहीं देख सकी।

लेकिन वो मेरी गांड को दबातें हुए बोला- उफ्फ … क्या मस्त गांड है मेरी बहन की! ना जाने कितने लोग इसको देख देखकर मुठ मारते होंगे।
इतना बोलकर वो मेरी गांड को सूंघने लगा जिससे मैं बिल्कुल हिल गयी।

और फिर सन्नी मेरी गांड को सूँघते हुए बोला- ये मेरी फेवरेट है।

फिर वो मेरी गांड को जोर जोर से दबाने लगा और मेरी गांड को कुत्ते की तरह चाट रहा था।
मैं तो बस मदहोशी में खोई हुई थी और लुत्फ़ उठा रही थी।

ये सब वो तकरीबन 10-15 मिनट तक करता रहा।
फिर मैंने उसे जबरदस्ती हटाया।

अब मैं उठी और सन्नी को जोरदार किस करके बोली- अगर तेरे जैसा भाई हो तो किसी को बाहर जाने की जरूरत क्या है।

फिर मैंने सेक्सी स्टाइल में सन्नी को लिटा दिया।

सन्नी बोला- दीदी आज तो फुल मूड में हो!
मैं बोली- मेरे राजा, मैं तो हमेशा ही मूड में रहती हूं।

सन्नी को नीचे लिटाकर मैं उसके ऊपर बैठ गयी और उसके गालों पर किस करने लगी. फिर मैं उसे उसी तरह स्मूच करने लगी जैसे सन्नी ने की थी।

तकरीबन 10 मिनट तक हम दोनों की स्मूच चली।
उसके बाद मैंने सन्नी की शेरवानी निकाल दी। और फिर एक ही झटके में पायजामा भी निकाल दिया।

पायजामा निकलते ही सन्नी का लन्ड फ़नफ़ना रहा था. उसकी चड्डी बिल्कुल तनी हुई थी।

मैं उसकी चड्डी में बंद खड़े लन्ड पर बैठ गयी और जोर से दबा दिया.
इससे सन्नी को दर्द हो रहा था।

सन्नी बोला- उठ जाओ दीदी, दर्द हो रहा है।
मैं बोली- अच्छा जब मैं बोलती हूँ तो तू तो बड़ा सुनता है?

और मैंने और जोर से भाई का लन्ड दबा दिया।
वो बोला- इस दर्द का हिसाब तो मैं लेकर रहूंगा।

फिर सन्नी मुझे जोर से झटका दिया और मुझे हटा कर बिस्तर पर गिरा दिया। फिर मेरे भाई ने मेरी गांड पर दाँत गाड़ दिए।
और मैं दर्द से चिहुँक गयी, बोली- ये गलत है।

सन्नी बोला- अभी तो शुरुआत है मेरी रानी. आज तो मैं तुझे दर्द देने ही आया हूँ।
वो मेरे ऊपर बैठ गया।

इस समय मैं सिर्फ ब्रा पेंटी में थी और सन्नी सिर्फ चड्डी में था।
हम दोनों पर एक दूसरे के जिस्म की खुमारी चढ़ चुकी थी। अब कुछ बात करने का समय नहीं था। अब एक्शन लेने की घड़ी आ चुकी थी।

सन्नी उठा और मुझे लिटा दिया और देखते ही देखते मेरी ब्रा उतार दी।
ब्रा उतरते ही मेरी चूचियों की चमक से उसकी आंखें चौंधिया गयी।

वो बोला- क्या बूब्स है दीदी! बिल्कुल एल ई डी की तरह चमक रहे हैं।
इतना बोलकर उसने मेरे एक दूध को अपने मुंह में भर लिया और दूसरे दूध को अपने हाथ से मसलने लगा।

इतने में मैंने अपना हाथ उसकी चड्डी में घुसा दिया और उसके लन्ड को पकड़ लिया।
मैं बोली- कितना बड़ा हो गया है तुम्हारा लन्ड।
और उसे मसलने लगी।

वो मेरी दूध पीने और मसलने में मस्त था और मैं उसके लन्ड को मसल रही थी।

इतने में उसने एक हाथ सरका कर मेरी पेंटी में घुसा दिया और मेरी चूत मसलने लगा।
उसका हाथ मेरी चूत पर पड़ते ही मैं हिल सी गयी और कसमसाने लगी।
लेकिन कुछ कर नहीं पाई।

फिर वो मेरी चूत में उँगली डाल कर आगे पीछे करने लगा।
मेरे मुंह से अब जोर जोर सिसकारी निकलने लगी थी और वासना से तड़पने लगी।

मेरे चूत से अब आग बरस रही थी और तड़प से मेरी चूत में कोहराम मच रही थी।
और ना जाने कब मैं झड़ गयी।

फिर मैं सन्नी को अपने से अलग करते हुए बोली- अब बस भी करो। मेरे से अब बर्दाश्त नहीं हो पा रहा है।

तब वो ना चाहते हुए भी उठा और मेरी पेंटी को खींचकर फेंक दिया.
मेरी नंगी चूत देखते ही वो तो जैसे पागल सा हो गया। बिना कुछ बोले वो मेरी चूत को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा।

मैं तो अब मदहोशी से बिल्कुल पागल हो चुकी थी और अपना आपा खो चुकी थी।
मेरे समझ में नहीं आ रही थी कि अब मैं क्या करूँ।

लेकिन तभी सन्नी अपनी पोजीशन बदलकर 69 में हो गया।
और फिर मैंने बहुत दिनों बाद उसका लन्ड अपने मुँह में लिया।

मुँह में भाई का लंड लेते ही ऐसी अनुभूति हुई जो मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती।
मैं सन्नी के लन्ड को चूसने लगी। मैं उसके लन्ड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी।

और वो तो जैसे मेरी चूत से चिपक से गया हो।

इस पोजीशन में हम दोनों को लगभग 20 मिनट हो गये। इसी दौरान मैं एक बार फिर सन्नी के मुँह में ही झर गयी।
वो बड़े आनन्द से मेरी सारी पानी पी गया और ऐसे उठा जैसे मानो वर्ल्ड कप जीत के आया हो।

भाई बोला- यार, ये सब चीजें मैं कब से मिस कर रहा था।

और फिर सन्नी ने मुझे तेल की एक छोटी सी शीशी दी और बोला- दीदी, इससे मेरे लन्ड की मालिश कर दो।
मैं बोली- ये कैसा तेल है? और तेल क्यों … तब से तो अपने मुँह में लेकर मालिश कर ही रही हूँ ना!
पर वो बोला- मेरी रानी, तुम बस मालिश कर दो ताकि तेरी चूत फाड़ने में मजा आ जाये।

सुहागरात सेक्स की कहानी आपको पसंद आ रही होगी. मुझे कमेंट करके मेरा जोश बढ़ाएं.

सुहागरात सेक्स की कहानी जारी रहेगी.

इस कहानी का अगला भाग: सुहागरात मनाने के चक्कर में – 3

Related Tags : कामवासना, गांड, चुची चुसाई, चुम्बन, लंड चुसाई, हिंदी एडल्ट स्टोरीज़
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