क्लासफेलो लड़की की सील तोड़ कर चुदाई
दोस्तो, यह मेरी कहानी है कि कैसे मैंने अपनी क्लासमेट
दोस्तो नमस्कार, मैं मधु जायसवाल आप लोगों का अपनी आत्मकथा में फिर एक बार तहदिल से स्वागत करती हूँ।
आप लोगों का तहदिल से धन्यवाद भी करती हूँ कि आपने मुझे और मेरी पिछली सेक्स कहानी – “फुफेरी बहनों के साथ पड़ोसन को चोदा” को इतना ज्यादा सराहा और बहुत सारे मेल भी किए मैं सबका जवाब तो नहीं दे पाई। लेकिन ज्यादातर लोगों का एक सवाल था कि मेरा तलाक हो चुका है तो मेरे खर्चे कैसे चलते हैं। मैं आज इसी सवाल का जवाब इस कहानी के माध्यम से देने की कोशिश करूँगी। उम्मीद करती हूं कि आप लोगों को यह कहानी बहुत अच्छी लगेगी।
मैं आप लोगों को थोड़ा अपने बारे में बता देती हूं। जो मुझसे से जुड़े है। वो तो मेरे बारे के जानते ही हैं। जो नहीं जानते है, उन लोगों के लिए बता देती हूँ।
जैसा मेरा नाम है, वैसा ही मेरा हुस्न भी है; ऐसा लोग बोलते हैं।
अगर मैं अपनी फिगर की बात करूं तो अभी की मेरी फिगर 34-30-36 है. मेरी गांड थोड़ी सी बड़ी है। लेकिन इसमें मेरी कोई गलती नहीं है; ये मेरे आशिकों का प्यार है। अभी तक मैं जितने भी लोगों के साथ चुदी हूं, उन सब ने मेरी चूत के साथ मेरी गांड भी बड़े प्यार से बजाया है। अब आप को समझ गए होंगें की मेरी गांड बड़ी क्यों है। और उनमें से कुछ आशिकों के साथ तो मैं अभी भी हूँ।
यह कहानी उन में से सबसे छोटे आशिक की है। आप लोगों ने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा होगा कि मैं अपने कॉलेज की अप्सरा कहलाती थी और इसका मैं भरपूर फायदा उठाती थी।
उसी समय से मैं थोड़ी बहुत कैट वाक, मॉडलिंग ये सब करती रहती थी और साथ ही साथ खूब चुदती भी थी।
शादी के बाद भी मैं मॉडलिंग करती थी लेकिन मेरे पति को यह पसंद नहीं थी इसलिए मैंने छोड़ दी।
लेकिन कुछ दिनों के बाद हमारा तलाक हो गया तो मैं अपने पति से अलग हो गयी और मैंने फिर से मॉडलिंग शुरू कर दी।
और आप लोगों को पता ही होगा कि मॉडलिंग में कितना ज्यादा पैसा है।
एक बात मैं और बता दूँ; ज्यादातर लोग डिवोर्स के बाद दुखी हो जाते हैं लेकिन मैं बहुत खुश थी क्योंकि मुझे बंद होकर जीना बिल्कुल भी पसन्द नहीं था। अब मैं बिल्कुल अपने मन मुताबिक जीती हूँ। अब मुझे कोई रोकने वाला नहीं है।
मेरी मौसी का एक लड़का मेरे साथ रहता है और मुझे ढंग से चोदता है। और मैं जिस से भी चुदना चाहती हूँ वो बिल्कुल भी नहीं रोकता है। हम दोनों बिल्कुल खुल के जीते हैं।
अब कहानी पर आती हूँ।
मैं जहाँ मॉडलिंग करती हूँ। वहाँ जितने भी मेरे प्रोड्यूसर, डायरेक्टर हैं, सब मुझ पे लाइन मारते हैं। और जीतने मेरे से नीचे हैं वो मेरी जवानी देखकर आह भरते हैं।
यह कहानी मेरे और मेरे प्रोड्यूसर के बेटे राजीव की है। राजीव प्रोड्यूसर का बेटा तो है ही … साथ ही वो एक फोटोग्राफर भी है और मेरी फोटो हमेशा वही शूट करता है।
वो सिर्फ 21 साल का है। उसको मेरे से वन साइड लव हो गया है। वो मेरे से शादी करना चाहता है।
उसने मुझे कितनी बार परपोज़ भी किया लेकिन मैं इग्नोर कर देती थी क्योंकि मुझे पता था कि उसे प्यार कम और मेरे हुस्न जिस्म के लिए एट्रेक्शन ज्यादा था।
और वैसे भी मैं उसको हमेशा बच्चा समझ कर टाइम पास कर लिया करती थी।
वो मुझे हमेशा महंगे-मंहगे गिफ्ट देता था और गिफ्ट का पूरा बेनिफिट वो फ़ोटो शूट में वसूल कर लेता था। शायद वो गिफ्ट भी इसलिए देता था कि वो शूट के दौरान मेरे से खेल सके।
जब भी वो मेरा फ़ोटोशूट करता तो जान बूझकर वो मेरी ड्रेस को ठीक करता था। और ठीक करने के बहाने वो कभी मेरी पीठ सहलाता तो कभी बूब्स को लुक देने के लिए मेरी ब्रा की स्ट्रिप के साथ खेलता तो कभी मेरी नाभि के साथ खेलता।
और मैं भी पूरा साथ देती थी। ये बात वो भी जानता था। ये अब रोज का हो गया था। अब मुझे भी इसकी आदत लग चुकी थी और मैं भी मजे ले ले कर फ़ोटो शूट करवाती थी।
लेकिन मैं उससे चुदना नहीं चाहती थी क्योंकि मैं अपने भाई से बहुत खुश थी।
राजीव का ये रोज का हो गया था। अब हम लोग अच्छे दोस्त बन चुके थे। उसका यूं छूना मुझे अच्छा लगने लगा था। वो मुझे चोदना चाहता था। शायद मैं भी अब चुदना चाहती थी। इसलिए नहीं कि मैं प्यासी थी। इसलिए चुदना चाहती थी कि वो मेरे पर बहुत पैसे ख़र्च करता था।
मुझे कोई भी गिफ्ट उससे या किसी और से लेना पसन्द नहीं है लेकिन वो जबरदस्ती दे देता था। तकरीबन वो हर महीने 2-3 लाख तक का गिफ्ट दे देता था। शायद मैं इसलिए तैयार होने लगी थी। क्योंकि मैं सिर्फ एन्जॉय के लिए चुदती हहूँ। लेकिन राजीव बहुत पैसा खर्च करने लगा था इसलिए मैं भी फ़ोटोशूट के दौरान पूरा साथ देती थी।
एक दिन की बात है, मैं हमेशा की तरह शूट पर गयी। मैं उस दिन जीन्स और टॉप पहन कर गयी थी। जैसे ही पहुँची तो प्रोडक्शन हाउस पर कोई नहीं था। तभी राजीव कैमरा लेकर आया।
मैं बोली- सब कहाँ गए हैं?
वह बोला- सब भूमि पूजन के लिए गए हैं। मैं तुम्हारे लिए ही रुका था।
तो मैं बोली- फिर चलो।
राजीव बोला- पहले शूट कर लेते हैं, फिर चलेंगे.
मैं बोली- अकेले? लाइटमैन कहाँ है?
तो राजीव बोला- मैं हूं ना!
फिर मैं उसके पीछे चल दी।
राजीव ने मुझे ड्रेस का पैकेट दिया और चेंज करने को बोला।
मैंने जैसे ही ड्रेस देखी, मैं हक्की बक्की रह गयी। क्योंकि आज तक ऐसी ड्रेस में मैंने शूट नहीं करवाई थी। उसमें ब्रा और मिनी स्कर्ट थी।
मैं उसे हाथ में टांगते हुए बोली- ये पहन के शूट करने से अच्छा मैं न्यूड ही शूट करवा लूं।
तो राजीव हँसते हुए बोला- मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।
मैं बोली- काफी बदमाश होते जा रहे हो।
फिर वो बोला- ये सब आपके हुस्न का असर है मधु जी।
मैं चेंज करने चली गयी।
जैसे ही चेंज करके मैंने अपने आप को आईने में देखा, तो इतने छोटे कपड़े में खुद को देखकर शर्मा गयी। ऐसा नहीं है कि मैंने ऐसे कपड़े पहली बार पहने थे. लेकिन शूट पर पहली बार पहन रही थी।
अगर ड्रेस की बात करूं तो देशी भाषा में पटाका लग रही थी। एक छोटी सी ब्रा जो मेरी चूचियों को संभालने में असमर्थ थी। और इतनी छोटी स्कर्ट पहन कर मुझे अपने पुराने दिन याद आ गयी। अगर थोड़ी सी भी झुक गयी तो मेरी गांड दिख जाए।
तकरीबन 10 मिनट बाद जैसे ही वापस आयी; राजीव तो जैसे मुझे देखकर सुन्न सा हो गया। राजीव की जगह अगर कोई और होता तो वो भी मुझे इस रूप में देखकर पागल हो जाता।
तभी मैंने राजीव को थोड़ी सी हिलाया और बोली- क्या हुआ? होश में तो हो?
तो राजीव बोला- बिल्कुल नहीं। मैं कहीं आज पागल न हो जाऊं।
मैं इठलाती हुई बोली- तो हो जाओ।
फिर मैं बोली- मुझे घूरना बन्द करो और शूट करो.
वो बोला- क्यों नहीं?
फिर वह शूट करने लगा।
तकरीबन 15 मिनट बाद वो मेरे पास आया और मेरी ब्रा की स्ट्रिप को ठीक करने लगा। और मेरे पीछे आकर मेरी बूब्स को अपने हाथों में पकड़ कर ठीक करने लगा।
मैं तो बिल्कुल अवाक रह गयी और फिर मैं थोड़ी सख्ती से बोली- ये क्या कर रहे हो?
तो वह बोला- कुछ नहीं, अच्छी फ़ोटो लेने की कोशिश कर रहा हूँ।
उसका लन्ड मैं पीछे महसूस कर रही थी। जो बिल्कुल तन चुका था। और वो अपनी गर्म साँसों को मेरी गर्दन पर छोड़े जा रहा था। जिससे मैं भी विचलित होने लगी थी।
मेरे कुछ ना बोलने से उसका मनोबल बढ़ गया और अब वो मेरी गांड पर लन्ड घुमाने लगा था। और मेरी चूचियों को दबाने लगा था।
मैं बोली- ये तुम क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे!
और उसके पास से हट गई।
वो बोला- यार, आज मत रोको ना … बड़ी मुश्किल से यह मौका मिला है।
फिर मैं बोली- अच्छा तो इसलिए तुम रुके थे।
तो वो बोला- ऐसी बात नहीं है। यार तुम्हें तो पता ही है कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ। मैं तो तुमसे शादी करना चाहता हूँ लेकिन तुम मानती ही नहीं हो।
तो मैं बोली- तुम अभी बच्चे हो।
इतना सुनते ही उसने अपने पैंट की चैन खोली और लन्ड बाहर निकाल दिया और बोला- मैं बच्चा हूँ? मेरा लन्ड किसी बड़े से कम नहीं है।
मैं भी उसके लन्ड को देखकर चकित रह गयी। यह तो बिल्कुल तगड़े मर्द की तरह था। तकरीबन 7 इंच लम्बान और 3 इंच मोटा होगा।
मैं बोली- ये क्या कर रहे हो, पागल हो गए हो क्या?
आज से पहले उसने ऐसी हरकत कभी भी नहीं की थी।
फिर मैं बोली- इसे अंदर रखो और मैं जा रही हूँ।
और मैं ट्रायल रूम की ओर चल दी।
उसने आव देखा न ताव और मुझे खींच लिया और अपनी बांहों में भरकर जबरदस्त स्मूच करने लगा। मैं उस से अलग होने लगी लेकिन उसने मुझे जकड़ लिया। और स्मूच करने और अपने हाथों से मेरी गांड को भी दबाने लगा।
हालांकि मुझे उसकी हरकतों में मजा आ रहा था पर फिर भी दिखाने के लिए मैं उससे अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।
लेकिन वो फुल जोश में था। कभी वो मेरी गांड दबाता तो कभी बूब्स। जिससे मैं भी गर्म होने लगी थी और धीरे-धीरे मेरी अन्तर्वासना जागने लगी थी।
मैं नाटक करते हुए बोली- राजीव, छोड़ो … ये गलत है!
तो वह बोला- कुछ गलत नहीं है। बहुत तड़पा हूं इस घड़ी के लिये … आज मत रोको प्लीज।
मैं बोली- कोई आ जायेगा … छोड़ो भी।
वह बोला- मेरी रानी, शाम से पहले कोई नहीं आएगा।
रानी सुनकर मैं थोड़ी सी चकित हुई। जो मुझे हमेशा मधु जी बोलता था, वो आज रानी बोलने लगा है।
फिर मैंने सोचा कि ऐसे वक्त में लोग सब कुछ भूल ही जाते हैं।
मैंने थोड़ी एक्टिंग करते हुए अपने आप को उससे अलग कर लिया और बोली- ये सब गलत है; मैं जा रही हूँ।
तभी वो बोला- ऐसा मत करो; बस एक बार!
मैं बोली- क्या एक बार?
तो वह बोला- यार समझा करो ना!
फिर मैं हँसती हुई बोली- क्या एक बार … बोलो?
तभी वो बड़ी बेशर्मी से मेरी स्कर्ट ऊपर करते हुए बोला- बस एक बार गांड मार लेने दो।
मैं बोली- गांड या चूत?
तो वह बोला- नहीं, मैं अपनी वर्जिनिटी तुम्हारी इस हॉट गांड में ही तोड़ना चाहता हूँ।
यह बोल कर वो मेरी गांड को मसलने लगा। मसलते-मसलते उसने एक उंगली मेरी गांड में घुसा दी जिससे मैं चिहुँक उठी.
पर उसकी इस शरारत ने मेरे जिस्म की प्यास जगा दी।
अब वो मेरी चूचियों को भी मसलने लगा था। जिससे मैं भी मदहोश होने लगी थी।
फिर मैं बोली- ठीक है, जो करना है जल्दी करो।
इतना सुनते ही वह इतना खुश हुआ जैसे उसकी लॉटरी लग गयी हो।
वो बोला- थैंक यू सो मच जानू!
और ये बोलकर मेरे गाल पर पप्पी कर दी।
फिर उसने मुझे गोद में उठाया और शूटिंग वाली पलंग पर पटक दिया और मेरे ऊपर सवार हो गया। पहले उसने मेरी ब्रा को खींच कर निकाल दिया और मेरी नंगी चूचियों पर ऐसे टूटा जैसे वर्षों का भूखा हो।
मेरी चूचियों को वो कभी मसल रहा था तो कभी पी रहा था, तो कभी काट रहा था। वो अपना आपा बिल्कुल ही खो चुका था और बार बार मेरी निप्पल को काटे जा रहा था।
मैं दर्द से कराह गयी और बोली- आराम से करो, मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।
तो वो सॉरी बोला और बोला- मधु जी, मेरा सपना सच हो रहा है इसलिए थोड़ा जल्दबाजी कर गया।
फिर मैंने थोड़ी सी स्माइल दे दी।
तभी उसके पापा का फ़ोन आया- जल्दी आओ।
तो उसने ‘ठीक है’ बोलकर फोन काट दिया।
फिर मैं एक शरारती मुस्कान के साथ बोली- चलें?
तो वो बोला- नहीं यार … कितने दिनों बाद मौका मिला है। आज तो कर के ही रहूँगा।
मैं बोली- फिर कभी कर लेना, चलो।
तो वो बोला- बस थोड़ी देर की बात है। मैं जल्दी से तुम्हारी गांड मार लूँगा। तुम बस थोड़ा सा साथ दो।
और उसने मुझे बेड पर ही कुत्ती बना दिया और मेरी गांड पर क्रीम लगा दी।
बिना देरी करते हुए उसने अपने लन्ड को एक ही झटके में पूरा मेरी गांड में पेल दिया।
मुझे इतना दर्द हुआ कि मैं जोर से चिल्लाने लगी और गुस्से से बोली- छोड़ो मुझे … पागल हो गए हो तुम!
लेकिन वो मेरी बातों को अनसुना करते हुए लन्ड आगे पीछे करने लगा। आज तक किसी ने एक बार में पूरा का पूरा लन्ड एक बार में नहीं पेला था। और शायद मैंने ऐसा सोचा भी नहीं था।
फिर वो एक हाथ से मेरी चूत में उंगली करने लगा और मेरी चूचियों को बड़े ही प्यार से पीने लगा।
कुछ देर मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी उसका पूरा साथ देने लगी। मैं भी गांड उचका उचका कर चुद रही थी।
तकरीबन 15 मिनट तक वो मेरी गांड मरता रहा और चूत में उंगली करता रहा। अब मैं भी उसके हर धक्के को एन्जॉय कर रही थी। मैं भी पूरे जोश में चुद रही थी। मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी थी। मैं सातवें आसमान का मजा ले रही थी।
लेकिन वो मेरी जवानी की गर्मी को वो बर्दाश्त नहीं कर पाया और मुझे गर्म कर के खुद ठंडा हो गया। उसने मेरी गांड में स्पर्म की बाढ़ ला दी और मेरे ऊपर लेट गया।
मैं तो अन्दर से और जलने लगी थी।
लेकिन वो बोला- थैंक यू मधु जी! आज आपने मेरी दिल की ख्वाहिश पूरी कर दी।
फिर हम लोग वहाँ से उठे और कपड़े पहने. मैं तो जवानी की आग में जल रही थी और उस पे बहुत गुस्सा थी।
तभी उसने मुझे एक पैकेट दिया।
मैं गुस्से में बोली- यह क्या है?
तो वो बोला- आप खुद देख लो।
मैंने जैसे ही पैकेट खोला तो मैं दंग रह गयी क्योंकि उसमें डायमण्ड का नेकलेस था। मैंने सोचा कि ये सचमुच मेरे लिए पागल है।
फिर हम लोग भूमि पूजन के लिए निकल गए।
लेकिन मैं अभी भी गर्म थी। इसके आगे क्या हुआ। ये अगली कहानी में बताऊंगी। तब तक के लिए आप मेरी नाम की मुठ मारे और स्पर्म मेरी गांड में डाल दें।
उम्मीद करती हूं आप लोगों को आपका जवाब ‘कि मेरी गांड बड़ी क्यों है?’ मिल गया होगा।
और मेरी गांड की कहानी कैसी लगी आपको? आप कमेंट करके बता सकते हैं।
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