मालदीव में दो सहेलियों का डबल हनीमून-2
मालदीव में दो सहेलियों का डबल हनीमून-1 चारों साराह की
हिंदी सेक्सी चुदाई कहानी मेरे नयी नवेली भाभी के साथ
ऑफिस सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरे बॉयफ्रेंड को उसका बॉस प्रोमोशन नहीं दे रहा था. बॉस पूरा चूतखोर था तो मैंने अपने यार को चूत की ताकत से प्रमोशन दिलाने की सोची.
कामुकताज डॉट कॉम के सभी पाठकों को आपकी चुलबुली दोस्त डॉली चड्ढा का प्यार भरा नमस्कार!
पाठक इसके पहले मेरी कहानियां
पड़ोस के जवान लड़के से चुद गई मैं
कामुकताज डॉट कॉम पर पढ़ चुके हैं.
मुझे इसके लिए मुझे पाठकों से बहुत प्रोत्साहन भी मिला है।
मेरी आज की ऑफिस सेक्स स्टोरी का मेरे पाठकों को बेसब्री से इंतजार है क्योंकि कई पाठकों ने मेरे सेक्स अनुभव जानने चाहे थे और उन्हें इस बात से बहुत आश्चर्य हुआ कि मैं रोहित के बॉस से कैसे चुदाई करवा सकी।
तो दोस्तो, मैं ज्यादा वक्त बर्बाद ना करते हुए सीधे कहानी पर आ जाती हूं।
रोहित मेरी जिंदगी में आने वाला तीसरा मर्द था. उसने मुझे बहुत यौन सुख दिया। रोहित से मेरी नियमित चुदाई के कारण मेरी चूत खुल कर खुश रहने लगी थी।
हम लोगों को लंड चूत का खेल खेलते हुए लगभग 6 महीने गुजर चुके थे।
एक दिन रोहित और मैं किसी काम से बाजार गए थे।
वहां अचानक रोहित के बॉस हम लोगों को मिल गए और वह मुझे रोहित के साथ होने की वजह से मुझे उसकी पत्नी समझ बैठे। हम दोनों भी रोहित के बॉस को यह नहीं बोले कि मैं रोहित की पत्नी नहीं हूं।
लेकिन कुछ दिनों के बाद रोहित ने मुझे बताया कि उसका बॉस उससे कुछ नाराज़ चल रहा है।
हम दोनों ने ही इसे अन्य सामान्य ऱोजमर्रा की बात समझ कर अनदेखा कर दिया।
घटना के कुछ दिनों बाद एक शाम रोहित जब मेरे पास आया तो वह बुरी तरह से परेशान था व उसका चेहरा उतरा हुआ था.
मैंने रोहित से उसकी परेशानी का कारण पूछा तो उसने मुझे बताया कि उसका बॉस उसे इस वर्ष पदोन्नति नहीं देना चाहता है। उसको बॉस आज अपने चेंबर में बुलाकर उसकी कार्यशैली और काम के परफार्मेंस से असंतुष्टि जाहिर कर रहे थे।
मैंने हैरानी से रोहित को बोला- यार, अचानक तुम्हारे बॉस तुमसे इतने नाराज़ क्यों हो गये? क्या किसी ने उन्हें तुम्हारे विरूद्ध भड़का तो नहीं दिया?
रोहित कुछ हिचकिचाहट के साथ बोला- यार, मेरा बॉस एक नंबर का कमीना और औरतखोर है और नई नई चूत की तलाश में रहता है।
इस पर मैं हंसकर रोहित को बोली- तुम नहीं रहते हो नई चूत की तलाश में?
पर रोहित मुझे झल्ला कर बोला- यार, बात समझने की कोशिश करो। उसे नई-नई लड़कियों को चोदना पसंद है और उसके व्यवहार में बदलाव तब से आया है जब से उसने मुझे तुम्हारे साथ देखा है।
रोहित की बात सुनकर मैं तो कुछ देर के लिए हक्की बक्की रह गई।
लेकिन कुछ देर बाद मैंने रोहित को आंख मार के और मुस्कुरा कर बोला- इसका मतलब यह है कि तुम्हारे बॉस मेरी चूत चाहते हैं. अगर तुम्हारा प्रमोशन होना है तो तुम्हारी पत्नी को तुम्हारे बॉस से चुदना होगा।
मेरी बात सुनकर रोहित बुरी तरह नाराज हो गया.
मैंने रोहित को समझाते हुए कहा- यार, अगर थोड़ा ठंडे दिमाग से सोचो. हम लोग तुम्हारे बॉस को अगर पटाने में कामयाब हो जाते हैं तो तुम्हारा प्रमोशन पक्का!
रोहित ने नाराज होकर मुझसे कहा- यार, दोबारा ऐसी बात नहीं करना। मैं तुम्हें किसी भी कीमत पर अपने बॉस को सौंपने के लिए तैयार नहीं हूं।
इस पर मैंने रोहित को समझाते हुए कहा- देखो, देर सवेर तो हम दोनों का अलग होना ही पड़ेगा। तुम्हें अपनी पत्नी के साथ बिहार जाना पड़ेगा और मुझे भी तलाक के बाद अपने लिए नया पति तलाशना पड़ेगा। अगर मैं तुम्हारे बॉस को पटाने में तुम्हारी मदद कर सकूं तो इसमें तुम्हारा कोई नुकसान नहीं बल्कि फायदा ही है। एक तो तुम अपने बॉस के नजदीकियों में आ जाओगे और दूसरा इस चीज का फायदा उठाकर तुम अपना ट्रांसफर बिहार तरफ करवा कर अपनी पत्नी के साथ सुख से रह सकोगे। और जब तुम यहां से चले जाओगे और मैं भी यहां से चली जाऊंगी तो तुम्हारे बॉस को यह पता भी नहीं चलेगा कि मैं तुम्हारी पत्नी नहीं हूं, दोस्त हूं।
बहुत समझाने के बाद बात रोहित के समझ में आ गई और वह तैयार हो गया।
लेकिन अब समस्या यह थी कि पहल किस तरह की जाए.
तो इसके लिए मैंने रोहित को बोला- किसी तरह अपने बॉस को होली के अवसर पर अपने घर ड्रिंक पार्टी के लिये आमंत्रित कर लो। जब तुम्हारे बॉस यहां रहेंगे तब तुम कुछ बहाना बनाकर कुछ समय के लिए बाहर चले जाना। आगे की बात मैं संभाल लूंगी।
बात समझ कर रोहित ने अपने बॉस को होली की शाम के लिए आमंत्रित कर लिया और ड्रिंक के लिए उनकी पसंद नापसंद भी पूछ ली।
बहुत जल्दी होली की शाम भी आ गई।
मौसम सुहाना था। ना ठंड थी और ना गर्मी।
शाम की पार्टी के लिए मैंने एक टाइट जींस और टॉप सिलेक्ट किया जिससे कि रोहित के बॉस को मेरे उभारों तथा फिगर का पूरा पूरा अंदाजा लग सके।
ड्रेस के अंदर भी मैंने बेहद सेक्सी आंतरिक वस्त्र अपने लिए चुने।
निर्धारित समय पर रोहित के बॉस घर पर पधारे।
रोहित ने मुस्कुरा कर उनका स्वागत किया और मुझे आवाज लगा कर बुलाया।
जैसे ही मैं हॉल में पहुंची रोहित में मेरा परिचय अपने बॉस से कराया और कहा- डॉली, आप मेरे बॉस योगेश सर हैं।
मैंने मुस्कुराकर योगेश सर का अभिवादन किया।
मैंने योगेश सर को ध्यान से देखा।
हल्का साँवला, लंबा शरीर … लगभग 38-40 की आयु और चेहरे पर मुस्कान।
मैं स्पष्ट रूप से देख सकती थी कि मुझे टाइट ड्रेस में देख कर योगेश सर की पैन्ट में कुछ हलचल होने लगी थी।
कुछ फॉर्मल बातों के बाद मैं किचन में चली गई और बहुत जल्दी मैंने टेबल पर नमकीन, भुने हुए काजू, पकोड़े और ड्रिंक का सामान सर्व कर दिया और फिर से घर के अंदर चली गई।
मैं जब अंदर जा रही थी तब कसी जींस में मेरे हिलते हुए नितंबों को योगेश बहुत ध्यान से देख रहे थे।
यह बात रोहित ने मुझे अंदर आ कर कान में बोली थी।
“डॉली, तुम्हारे लिए भी एक छोटा सा पैग बना दूँ?” रोहित ने पैग बनाते हुए मुझे बाहर से आवाज दी।
मैंने ड्राइंग रूम में आकर रोहित से बोला- डियर आज मेरा बिल्कुल मन नहीं है। आप बॉस को कंपनी दो।
इस पर योगेश ने अनुरोध भरे लहजे में बोला- मिसेज रोहित, अगर आप भी ज्वाइन करेंगी तो मुझे ज्यादा खुशी होगी।
दरअसल चाह तो मैं भी यही रही थी कि कंपनी देने के लिए योगेश कि मुझे एक बार जरूर कहें।
मैंने अब योगेश के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और रोहित से मेरे लिए एक छोटा सा पैग बनाने के लिए कहा।
“चीयर्स! आज की खूबसूरत शाम के नाम!” योगेश ने रोहित और उसके बाद मुझसे जाम टकराते हुए कहा।
“चीयर्स सर!” मैंने मुस्कुराकर योगेश से जाम टकरा कर कहा और धीरे-धीरे अपने ड्रिंक को सिप करने लगी।
मेरी लिपस्टिक का निशान मेरे ग्लास पर थोड़ा सा लग गया।
मैंने अपनी जगह से उठकर कमरे में हल्का म्यूजिक चालू कर दिया।
योगेश और रोहित ने अपने-अपने ड्रिंक बहुत जल्दी खत्म कर दिए जबकि मैं बहुत धीरे-धीरे अपने ड्रिंक को सिप कर रही थी।
“मिसेज रोहित आप बहुत धीरे-धीरे अपना ड्रिंक ले रही हैं।” योगेश ने कहा.
“हां सर, आप लोगों के लिए मैं दूसरा पेग बना देती हूं। मैं जरा ड्रिंक पीने के मामले में बहुत स्लो ही हूं।” यह बोलकर मैंने दोनों के गिलास में दोबारा से पैग बना दिया।
मैं दरअसल रोहित के जाने के बाद के समय के लिए इंतजार कर रही थी।
रोहित और योगेश जब ड्रिंक का दूसरा दौर खत्म करने वाले थे कि रोहित को मोबाइल पर कॉल आया और रोहित ने दूसरी तरफ अपने दोस्त से बातचीत करने का ढोंग किया.
फिर योगेश से बोला- सर, मुझे खेद है लेकिन मुझे कुछ समय के लिए जाना पड़ेगा। दरअसल मेरे एक दोस्त को अर्जेंट फ्लाइट से जाना है और उसे जाने के लिए अपने एरिया से कोई सवारी नहीं मिल रही है।
रोहित मुझसे मुखातिब होकर बोला- डॉली तुम योगेश सर को कंपनी देना। मुझे आने में थोड़ा वक्त लग जाएगा।
मैंने मायूस होने का अभिनय करते हुए रोहित से पूछा- फिर भी कितना वक्त तुम्हें लग जाएगा?
इस पर रोहित ने बोला- लगभग 2 से 3 घंटा तो लग ही जाएगा।
दोबारा खेद प्रकट करते हुए रोहित हम दोनों को छोड़कर चला गया।
योगेश को तो जैसे मन मांगी मुराद पूरी हो गई।
उसने बड़ा जल्दी अपना ड्रिंक खत्म कर लिया।
मैंने जब उसके लिए अगला ड्रिंक बनाना चाहा तो योगेश ने मुझे रोकते हुए कहा- आप अपना ड्रिंक पहले खत्म कर लें। अगला ड्रिंक मैं हम दोनों के लिए बनाऊंगा।
योगेश की बात मानकर मैंने अपना ड्रिंक खत्म किया और योगेश ने हम दोनों के गिलास वापस व्हिस्की से भर दिए।
“सर मैं इतना ड्रिंक नहीं ले पाऊंगी।” मैंने योगेश सर से कहा।
“अरे कुछ नहीं! लो कुछ नहीं होगा।” योगेश ने मुझसे कहा।
हम लोग सामान्य बातें करते हुए अपने-अपने ड्रिंक सिप करने लगे।
बातों बातों में मैंने योगेश से रोहित के प्रमोशन के बारे में पूछा। अब योगेश ने जवाब देने में थोड़ा आनाकानी शुरू कर दी।
इस पर मैंने योगेश से कहा- सर हम लोग चाह रहे थे अगर रोहित का प्रमोशन हो जाता और साथ में बिहार वाली यूनिट में ट्रांसफर भी, तो हम लोग अपने घर के समीप पहुंच जाते।
योगेश इस पर कुछ सोच विचार करने लगे और बोले- मैं देखता हूं, मैं अपनी तरफ से क्या कर सकता हूं इसमें!
एक बार योगेश का ड्रिंक खत्म होते ही मैं बोतल लेकर उसके बगल में बैठ गई और उसके लिए अगला ड्रिंक बनाने लगी।
योगेश ने मुझे रुकने का इशारा किया तो मैंने अपने आवाज में थोड़ा मादकता भर कर बोला- सर एक ड्रिंक हमारे कहने से भी ले लीजिए।
इस पर योगेश ने मुस्कुराहट कर कहा- अगर आप साथ दें तो ही ड्रिंक ले सकूंगा।
मैंने मुस्कुरा कर थोड़ा ड्रिंक अपने गिलास में भी डाल लिया और योगेश सर के बगल में ही बैठकर धीरे-धीरे मुस्कुरा कर अपना जाम पीने लगी।
बातचीत के दौरान योगेश ने अपना दाया हाथ जींस के ऊपर से ही मेरी बाईं जांघ पर रख दिया, जिसका मैंने कोई विरोध नहीं किया।
अब अपने हाथ को मेरी जांघ पर रखें हुए ही योगेश सर मुझे ‘रोहित के प्रमोशन में क्या-क्या दिक्कतें आ रही हैं’ यह बतलाने लगे।
बातों बातों में उन्होंने मुझसे यह भी कहा कि सामान्यतः बिहारी लड़कियां इतनी ब्रॉड माइंडेड नहीं होती है कि ड्रिंक पर कंपनी दे सकें और इसके लिए उन्होंने मेरी तारीफ भी की।
मैं मन ही मन मुस्कुराते हुए यह सोचने लगी कि इससे मालूम नहीं कि मैं बिहारी नहीं पंजाबी लड़की हूं।
लगभग आधा ड्रिंक खत्म करके मैंने योगेश सर को कहा- सर मुझे थोड़ी गर्मी लग रही है। अगर आप बुरा ना माने तो मैं थोड़ा सा कपड़े चेंज करके आ जाऊं?
योगेश ने सहमति में अपना सर हिला दिया.
और मैं तुरंत भागकर बेडरूम में गई और अपने कपड़े उतार कर नाइटी पहन कर आ गई।
मेरी नाइटी पारदर्शी नहीं थी लेकिन सिर्फ कमर की डोरी को खींचते ही नाइटी सामने की तरफ से खुल जाती।
अंदर मैंने एक सेक्सी पारदर्शी ब्रा और एक पारदर्शी थांग पहन रखी थी।
चलते समय नाइटी से मेरी बांयी टांग घुटने के थोड़ा ऊपर तक अनावृत हो जाती थी।
मैं वापस आकर योगेश सर की बगल में बैठ गई और मैंने अपना ड्रिंक फिर से उठा लिया। मैं कनखियों से देख रही थी कि मुझे नाइटी में देखकर योगेश का लंड पैन्ट के अंदर खड़ा हो गया है।
हम लोगों ने फिर से बातचीत शुरू की और इस बार योगेश ने अपना हाथ फिर से मेरी बाई जांघ पर रखा लेकिन इस बार मेरी जांघ अनावृत थी।
मेरी नंगी टांग पर हाथ फेरते हुए योगेश ने कहा- मिसेज रोहित आप बहुत हॉट हैं।
“सर आप मुझे मिसेज रोहित की जगह डॉली कहेंगे तो मुझे ज्यादा ठीक लगेगा।” मैंने अपनी आवाज में थोड़ी सी मादकता भरते हुए कहा।
इस पर योगेश ने मुस्कुराकर मुझसे फिर से कहा- डॉली, तुम बहुत हॉट लग रही हो।
“सर बहुत बहुत धन्यवाद!” मैंने मुस्कुरा कर कहा।
ऑफिस सेक्स स्टोरी के अगले भागों में आप को और ज्यादा मजा आयेगा जब मेरी चूत खुलेगी तो!
पढ़ते रहिये.
ऑफिस सेक्स स्टोरी का अगला भाग: बॉयफ्रेंड के बॉस ने मुझे चोद डाला- 2
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