ट्रेन में एक हसीना से मुलाक़ात-2
हसीना की कहानी के पहले भाग में अब तक
दोस्तो, मैं ये तब की बात बताने जा रही हूँ, जब मैं बारहवीं कक्षा की तैयारी कर रही थी. मेरी परीक्षाएं भी सर पर थीं.
मेरे पापा ने कहा- तुम यहां घर पर रह कर पढ़ाई तो करती नहीं हो, इससे अच्छा है कि तुम अपने मामा के घर जा कर पढ़ो. जब तक परीक्षा खत्म नहीं हो जातीं, तुम वहीं रहो.
बस इसके बाद पापा मम्मी मुझे मामा के घर पढ़ाई करने छोड़ गए.
मेरे मामा के घर पर मेरे मामा मामी और मामा का लड़का, बस सिर्फ़ तीन ही लोग रहते हैं. मेरे मामा के लड़के का नाम अर्पित है, वो मुझसे चार साल बड़ा है. अर्पित की पढ़ाई वैसे खत्म हो चुकी थी, तो वहां पढ़ाई करने में शांति भी रहती थी. मुझे भी वहां पढ़ाई करने में अच्छा लगता था.
अर्पित एक दिन अपने दोस्तों के साथ बाहर गया था और मामी और मामा को भी कहीं से फ़ोन आ गया था, जिस कारण से उनको भी बाहर जाने का प्रोग्राम बन गया था.
मामी ने मुझसे कहा- तुम पढ़ाई करना और अर्पित आ जाए, तो दोनों खाना खा लेना. हमें शायद आने में देरी हो सकती है.
मैंने कहा- ठीक है मामी जी, आप जाइए मैं सब संभाल लूँगी.
जब वो दोनों गए, तब सुबह के ग्यारह बजे हुए होंगे. मैं पढ़ाई करने लगी. एक बजे के आसपास अर्पित घर पर आया. उसने बेल बजाई, तो मैं दरवाजा खोलने के लिए ऊपर के रूम से नीचे आई. मैंने दरवाजा खोला, तो उसने पूछा- मम्मी पापा कहां गए?
मैंने कहा- उनको कुछ काम आ गया था, तो वो बाहर गए हैं और शायद आने में भी देरी भी हो सकती है.
उसने कहा- ठीक है.
मैंने उससे खाना पूछा, तो वो हां बोल कर हाथ मुँह धोने चला गया. इसके बाद हम दोनों ने खाना खा लिया. खाना खाने के बाद वो अपने रूम में चला गया. मैं भी ऊपर अपने रूम में पढ़ाई करने चली गई.
थोड़ी देर बाद मैंने सुना अर्पित के रूम से टीवी से अजीब सी आवाजें आ रही थीं- आहह अहह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… यासस … याअसस्स. उउउफ्फ़..’
इन आवाजों से मुझे पता चल गया कि अर्पित अन्दर क्या देख रहा है. पर मैं कुछ नहीं बोली. मैं भी वहीं उसके कमरे के बाहर खड़े खड़े उन आवाजों को सुनती रही और मज़े लेती रही. चूंकि मैंने कभी भी ऐसी मूवी नहीं देखी थी. मैं वहां अपनी आंखें बंद करके कल्पना ही कर रही थी.
तभी अचानक मुझे लगा कि अर्पित अपने रूम से बाहर आ रहा है. मैं जल्दी से अपने रूम में चली गई.
थोड़ी देर बाद वो मेरे रूम में आया. मैं पढ़ाई कर रही थी. वो बोला- क्या कर रही हो?
मैंने कहा- बस पढ़ाई.
उसने कहा- मैं तुम्हारी मदद कर दूँ?
मैंने कहा- ठीक है.
वो मेरे पास आकर बोला- तुम्हें क्या नहीं आता … बोलो, मैं तुम्हें वो पढ़ा देता हूँ.
मैंने हंसकर कहा- मुझे सब कुछ आता है. ओके.
मैंने जिस अंदाज में कहा था, उसे समझ आ गया. उसने कहा- अभी तुम बारहवीं में हो और तुम्हें सब कुछ आता है?
उसके मुँह से ये सुनकर मैं थोड़ी शर्मा गई, मैंने कहा- अरे मैं वो नहीं कह रही.
उसने कहा- पर मैं तो वही कह रहा हूँ ना.
अब मैं थोड़ी घबरा गई और अपने पैर सिमटाने लगी.
वो मेरे पास आया और बोला- आशना … मुझे पता है कि अभी तुम मेरे रूम के बाहर खड़ी थीं.
मैं अचकचा कर बोली- नहीं नहीं. मैंने कुछ नहीं सुना था. इसलिए..
उसने मुझसे पूछा- तुमने कभी ऐसी मूवी देखी है कभी?
मैंने कहा- कैसी मूवी?
उसने कहा- ब्लू फिल्म.
मैं शर्मा गई और कहा- वो कैसी मूवी होती है?
उसने कहा- तुमने अभी तक कभी ऐसी मूवी नहीं देखी?
मैंने कहा- नहीं!
वो बोला- क्या तुम देखना पसंद करोगी?
मेरे हां या ना बोलने से पहले ही वो अपना लैपटॉप लेने चला गया. मैंने कभी उसके साथ पहले ऐसी बातें नहीं की थीं, तो मैं भी शर्मा रही थी.
जल्दी ही वो अपना लैपटॉप लेकर मेरे रूम में आ गया और रूम का दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया.
मैंने कहा- दरवाजा तो खुला रखो.
उसने कहा- अगर कोई आ गया तो … इसलिए बंद किया है.
उसने बेड पर अपना लैपटॉप चालू किया.
मैंने अपनी बुक वगैरह सब एक ओर रख दीं और उसके लैपटॉप की ओर देख रही थी.
उसने अपने लैपटॉप पर एक क्लिप चालू की. उसके चालू करते ही ‘आहह. आअहह … आहह … आअहह…’ के साथ चुदाई की फिल्म शुरू हो गई.
मैं चुदाई देख कर एकदम से शर्मा गई और दूसरी ओर घूम गई.
अर्पित बोला- अरे तुम तो ऐसा कर रही हो, जैसे तुमने पहले कभी ऐसा देखा ही नहीं हो.
मैंने कहा- नहीं मैंने सच में नहीं देखा.
वो बोला- तो अब तुम छोटी नहीं हो … अब तो देख लो.
मैंने कहा- देख तो लूँगी सही, पर तुम हो ना, इसलिए मुझे शर्म आ रही है.
इस पर वो हंसा और बोला- ओह तो मैडम को मेरी वजह से शर्म आ रही है.
मैंने भी हंसकर हां बोल दिया.
वो हंसा और उसने खुल कर कहा- आशना, क्या तुमने कभी हकीकत में मर्द का लंड देखा है कि बस सिर्फ़ मूवी में ही देखा है?
मैं उसकी इस खुल्लम खुल्ला बात से बहुत शर्मा गई और बोली- तुम ये क्या कह रहे हो?
उसने कहा- बोलो ना यार … मुझसे शर्मा क्यों रही हो?
मैंने कहा- नहीं मैंने कभी नहीं देखा.
वो बोला- ठीक है. तुम देखना पसंद करोगी?
मैं डर गई, मुझे समझ में आ गया कि वो क्या कहना चाहता है.
मैंने कहा- तुम ये लैपटॉप बंद करो और अपने रूम में जाओ.
वो बोला- आशना, मम्मी पापा नहीं है और ऐसा मौका हमें कभी नहीं मिलेगा.
मैंने कहा- प्लीज़, तुम अपने रूम में जाओ और मुझे पढ़ने दो.
पर मेरे हाव भाव से वो भी समझ गया था कि अन्दर ही अन्दर मुझे भी चुदवाने की चुल्ल है.
वो लंड सहलाते हुए बोला- ठीक है तुम कहती हो, तो मैं चला जाता हूँ.
वो बेड पर से खड़ा हो गया.
उसके खड़े होते ही मैं बोल उठी- पर मम्मी पापा आ गए तो?
मेरी इस बात पर वो हंस पड़ा और उसके साथ ही मैं भी हंस पड़ी. अगले ही पल उसने मुझे अपनी बांहों में ले लिया. अर्पित बोला- आशना आज मैं तुम्हें जन्नत दिखा दूँगा. आज तेरी चूत ऐसी मारूँगा कि तुम सारी ज़िंदगी याद करोगी मुझे.
उसके ऐसे बोलते ही मैं डर गई, मैंने कहा- नहीं नहीं. वो सब नहीं बस ऊपर ऊपर ही करेंगे.
ये सुनते ही वो फिर से बोला- हां बाबा हां, ऊपर ऊपर ही करेंगे.
ऐसा बोलते बोलते वो हंसता रहा. और मुझे एकदम अपनी बांहों में जकड़ कर अपने मुँह से मेरे होंठों पर जोरदार किस करने लगा.
‘आहह …’ क्या बताऊं दोस्तो … वो मेरी लाइफ की पहली चुम्मी थी, जो मेरे भाई ने ही मुझे की थी.
उसके किस करते ही मेरे शरीर में एक अजीब सी हलचल होने लगी. मेरी आंखें उसके किस करते करते बंद हो गईं. मैं भी उसके साथ मज़ा लेने लगी. मेरे साथ देते ही उसको भी मज़ा आ गया और उसने धीरे धीरे किस करते करते मुझे जकड़ना चालू कर दिया.
अब उसके हाथ मेरी कमर पर आ गए थे. उसने मुझे अपने दोनों हाथों से ज़ोर से दबाया और मुझे बिस्तर पर गिरा दिया. हम दोनों बेड पर लेट गए.
वो मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था. हम अभी भी किस का मज़ा ले रहे थे. थोड़ी देर बाद वो अपने दोनों हाथ मेरे मम्मों पर फेरने लगा. उसके हाथ मेरे मम्मों पर जाते ही मैं मादक अंगड़ाई लेने लगी. आज किसी लड़के ने पहली बार मेरे मम्मों को दबाया था. मेरी आंखें कामुकता के नशे में बंद होने लगी थीं और मैं अपने भाई के मर्दाना हाथों के मज़े ले रही थी.
उसने थोड़ी देर मेरे मम्मों को दबाने के बाद मुझे बेड पर उठाया और अपने हाथों से मेरा ड्रेस निकाल दिया. ड्रेस निकलते ही मैं बहुत शर्मा गयी. ब्रा के अन्दर मेरे मम्मे बहुत ही हॉट लग रहे थे.
तब मेरे मम्मों की साइज़ तीस इंच की रही होगी. मैंने शर्मा कर मेरे दोनों हाथ अपने मम्मों पर रख लिया. उसने धीरे से मेरे हाथ वहां से हटाए और मेरे मम्मों को देखता रहा. फिर उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और धीरे से मेरे पजामे को भी अपने हाथों से निकाल दिया.
आआहह … मैं आधी नंगी मेरे भाई के सामने बेड पर लेटी हूँ, ये सोचकर ही मैं बहुत गर्म होने लगी थी. मुझे लाज आ रही थी.
वो फिर से मुझे ज़ोर से किस करने लगा. अब मैं भी उसके साथ को एन्जॉय करने लगी.
इसके कुछ पल बाद उसने अपनी टी-शर्ट उतार दी.
आह्ह्ह … वाउउ … उसके शरीर का स्पर्श मुझे और ज़्यादा उत्तेजित कर रहा था. धीरे धीरे मेरा भाई मुझे किस करते करते मेरे शरीर को चूमने लगा. पहले मेरे बदन को चूमा. फिर धीरे धीरे मेरे पेट को चूमने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरे मुँह से आह … ओह्ह … की सीत्कार निकलने लगी थी. फिर धीरे धीरे वो मेरे पैरों को चूमने लगा. मैं अपनी जांघों पर उसके होंठों का स्पर्श पाकर बहुत उत्तेजित होने लगी. मैं अपनी दोनों आंखें बंद करके अपने भाई के साथ का पूरा मजा ले रही थी.
फिर धीरे से उसने मुझे बेड पर उल्टा लेटा दिया. मुझे उल्टा लेटा कर उसने पीछे से मेरी ब्रा के हुक को खोल दिया.
‘उउउइई माँआ … आअहह…’ मैं शर्मा गई … पर मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. धीरे से उसने मेरी ब्रा निकाल दी और बेड के नीचे फेंक दी. अब मैं सिर्फ़ पेंटी पहने हुए उसके सामने पट पड़ी हुई थी. वो पीछे से मेरे शरीर पर लेट गया और पीछे से ही मेरे मम्मों को दबाने लगा.
आआहह … उसके हाथों का स्पर्श मुझे पागल किये दे रहा था. मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं शब्दों में बयान नहीं कर पा रही हूँ.
इस अहसास से मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था कि कोई लड़का पहली बार मेरे मम्मों को दबा रहा है.
आज मेरे ममेरे भाई से मेरी पहली सीलतोड़ चुदाई की कहानी रंग लेने जा रही थी. इसका अगला भाग आपको पोरी चुदाई की कहानी से रूबरू कराएगी.
आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
आशना
कहानी का अगला भाग: ममेरे भाई ने मेरी कुंवारी चूत की चुदाई की-2
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मेरी हिंदी सेक्स कहानी मेरी और मेरे पड़ोस रहने वाली