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हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम देव है, मैं दिल्ली से हूँ.

मालिश वाले अंकल के लंड से चुदाई

कामुक्ताज डॉट कॉम पढ़ने वाले मेरे प्रिय दोस्तो, मैं आपकी सखी सविता सिंह फिर से हाजिर हूँ. मैं आप सबके लिए आज एक और नई सेक्स स्टोरी लेकर आई हूँ. मेरी रसीली सेक्स कहानी पढ़िए और एन्जॉय कीजिये. स्टोरी कैसी लगी, मुझे जरूर बताना.

जैसा कि आप जानते हैं कि मैं अपने चाचा ससुर से चुदती हूँ और मुझे चाचा ससुर के साथ चुदाई में बहुत मज़ा आता है.

मगर इस बार ये किस्सा उनके साथ चुदाई का नहीं है, बल्कि किसी और के साथ का है.

एक दिन अपने बेटे के स्कूल जाने के बाद मैं घर पर अकेली थी. तभी मेरे हस्बैंड के दोस्त की वाइफ का कॉल आया. हम दोनों बेस्ट फ्रेंड हैं और अपनी सारी बातें एक दूसरे से शेयर करती हैं. साथ ही इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि ये बातें किसी और को पता नहीं चल सकें.

मेरी सहेली का नाम ममता सिंह है. ममता का फिगर 34D-36-38 का है. उसे भी मेरी तरह चुदाई का शौक है. ममता सिंह के हस्बैंड मेरे हस्बैंड के साथ ही जॉब करते हैं.

घर का काम खत्म करके मैं ममता के घर गयी. उसके घर की डोरबेल बजाई, तो ममता की मेड ने गेट खोला.

मैंने पूछा- ममता कहां है?
तो वो बोली- भाभी रूम में हैं.

मैं उसके रूम में गयी, तो ममता मोबाइल में किसी से वीडियो कॉल कर रही थी. मुझे देखकर उसने कॉल कट कर दिया.

वो मुझसे गले लग़कर बोली- कहां रहती है यार … कभी मिलने तो आ जाया कर … या चाचा ससुर तुझे हमेशा नंगी ही रखते हैं.
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है यार.
ममता बोली- यार तेरे तो मजे हैं, घर में ही रोज चुदाई मिलती है.
मैंने कहा- तू कौन सा कम है, तेरा पड़ोसी भी तो तेरी रोज ही लेता है.

इस पर हम दोनों हंसने लगी.

फिर मैंने उससे कहा- वैसे तू अभी किसके साथ बात कर रही थी और मुझे देखकर कॉल कट कर दिया?
वो बोली- एक नया मिला है.
मैंने कहा- कौन है?
वो बोली- उसका नाम बलबीर है … मालिश वाला है. वो मेरे पति की मालिश करने आता था तो मैंने भी अपनी मालिश करवा ली. उसकी पास में ही हेयर ड्रेसर की दुकान है, हेयरकट के साथ मालिश भी करता है.

मैंने कहा- कैसा है देखने में … यंग है या आदमी है?
वो बोली- करीब 48 साल का है … मगर हैंडसम है और चुदाई में बहुत अच्छा है.
मैंने कहा- ये सब हुआ कैसे?
वो बताने लगी:

वो मेरे हस्बैंड की मालिश करने हमेशा आता है और हस्बैंड की मालिश करते हुए मुझे ही घूरता रहता था. मुझे भी अच्छा लगने लगा. एक दिन उसे हस्बैंड की मालिश करने आना था, तभी उस दिन तेरे हस्बैंड का उनके पास कॉल आया, तो वो चले गए.

फिर जब वो मेरे पास आया, तो बोला कि आपके हस्बैंड कहां हैं?
मैंने सोचा कि अगर मैं इससे कह दूंगी वो नहीं हैं, तो ये चला जाएगा. मैंने कहा- बस आने वाले हैं … आप अन्दर आ जाओ.

वो अन्दर आकर बैठ गया. मैं उसके लिए पानी लेकर आयी.
तुझे तो मालूम ही है कि मैं घर में हमेशा एक ढीली सी टी-शर्ट और लोअर या लेग्गिंग्स पहनती हूँ. ब्रा और पेंटी तो घर में पहनना मुझे पसंद ही नहीं है. जब मैं पानी उसे देने लगी, तब मेरी टी-शर्ट से उसे मेरे चूचे दिख गए. वो बस मेरे मम्मों को देखता ही रह गया. उसे मेरी टी-शर्ट से मेरे निप्पल पूरे कड़क दिख रहे थे. मैं भी झुक कर उसे नजारा दिखाती रही.

तभी मैंने पूछा- अंकल आप सिर्फ मर्दों की मालिश करते हैं या औरतों की भी करते हैं.
वो बोला- मैं तो दोनों की करता हूँ.
मैंने कहा- तो आज आप मेरी मालिश कर दो.
तभी अंकल ने बोला- क्यों नहीं … मगर आपके हस्बैंड ने अगर देख लिया, तो वो बुरा तो नहीं मानेंगे.

मैंने अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए कहा- उनकी चिंता आप मत करो … आप तो बिंदास, मेरी थकान उतार दो.
उसने भी अपने लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- अरे ऐसी थकान उतारूंगा कि बार बार याद करोगी.
मैंने कहा- मालिश की लिए क्या पहन लूं.
अंकल- कुछ ढीला सा पहन लो.

मैंने दोअर्थी शब्दों में कहा- आपकी और कस्टमर क्या पहन कर करवाती हैं?
उसने भी मेरी बात समझते हुए कहा- वो लोग ब्रा और पेंटी में भी करवा लेती हैं … इससे उनके कपड़े ख़राब नहीं होते है.
मैंने कहा- इससे उनको शर्म नहीं आती है?
अंकल बोला- मैडम में प्रोफेशन मालिश वाला हूँ … मुझे इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता है.
मैंने कहा- ठीक है … आप बैठो मैं अभी आती हूँ.

फिर मैं अन्दर से एक पुरानी ब्रा और एक पेटीकोट पहन कर उसके सामने आ गयी. ये ब्रा पुरानी जरूर थी, लेकिन छोटी से थी. इसमें मेरे आधे से ज्यादा मम्मे साफ़ दिख रहे थे.

वो तो मुझे इस रूप में देखता ही रह गया. वो लंड सहलाते हुए बोला- हां ये ठीक है मैडम.

मैंने बेड पर एक चादर बिछाई और लेट गयी. उसने तेल की बोतल लेकर थोड़ा सा तेल मेरे पेट पर गिराया. मेरी तो चुदास के मारे आंखें ही बंद हो गयी थीं.

पेट से तेल बहता हुआ मेरी नाभि में भर गया. वो तेल से वो मेरे पेट पर मालिश करने लगा. उसके हाथ मेरे मक्खन जैसे पेट पर फिसल रहे थे. उसके मदमस्त स्पर्श से मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी.

तभी उसने एक उंगली मेरी नाभि में डाल दी और भरा हुआ तेल बाहर निकाला.

मैंने कामुक्ताज डॉट कॉम की एक कहानी में पढ़ा था कि नाभि में जब मर्द उंगली डालता है, तो उसका इशारा चुदाई का होता है. उसकी चाहत को मैं समझ गई थी. मुझसे तो खुद अपनी आहें संभालना मुश्किल हो रही थीं.

तभी उसने तेल अपने हाथों में लिया और मेरी चिकनी टांगों पर लगाने लगा. वो मेरी पिंडलियों से शुरू हुआ और मेरे पेटीकोट को हल्के हल्के ऊपर करने लगा. घुटने के नीचे की टांगों से होता हुआ, वो मेरी जांघों तक आ गया. मेरा पेटीकोट मेरी चूत के इर्द गिर्द सिमट गया था. मैंने पैंटी पहनी ही नहीं थी.

मेरी चूत तो पानी पानी हो रही थी.
तभी अंकल ने बोला- मैडम आप पेट के बल लेट जाओ ताकि मैं पीछे टांगों की मालिश कर दूँ.

मैं पेट के बल लेट गयी और उसने मेरा पेटीकोट मेरी गांड तक कर दिया था. उसके हाथ मेरी जांघों पर पकड़ बना रहे थे. मैं उसके मादक मर्दाना स्पर्श से एक अलग ही दुनिया में खोने लगी थी. उसका हाथ जांघों से होता हुआ मेरी गांड पर छू रहा था. इससे वो समझ गया था कि मैंने पेंटी नहीं पहनी है.

तभी वो कमर की मालिश करने लगा उसका लंड पूरा टाइट हो चुका था, जो मालिश करते हुए मेरी कमर पर लग रहा था.

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने कहा- अंकल थोड़ा ऊपर की मालिश भी कर दो.

वो ऊपर पीठ की मालिश करने लगा. मुझे लगा वो मेरी ब्रा खोलने को बोलेगा मगर उसने ऐसा नहीं किया.

मैंने खुद अपनी ब्रा के हुक खोल दिए और कहा अब ढंग से और आराम से मालिश करो.

वो मेरी पीठ की मालिश करने लगा. मुझे लगा ये बहुत पक्का हरामी खिलाड़ी है. मुझे ही पहल करनी पड़ेगी. तभी मैं एकदम से पलट गयी और मेरे चूचे खुली हुई ब्रा से बाहर आ गए.
वो मेरे मस्त मम्मों को देखता ही रह गया.
मैंने आँख मारते हुए कहा- अंकल, जरा इनकी भी मालिश कर दो.

उसने तेल को मेरे मम्मों के बीच में डाला और मेरे मम्मों को मालिश करने लगा. उसके हाथ मेरे मम्मों पर फिरते हुए मुझे बहुत अच्छे लग रहे थे. वो मेरे निप्पलों को पकड़ कर मालिश करने लगा. अब मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने उसका लंड पकड़ लिया.

मैंने कहा- तुम तो पक्के खिलाड़ी हो, मुझे लगा तुम पहल नहीं करोगे.
अंकल बोला- ये बात तो मैं शुरू से ही जानता था कि आज तुम जरूर कुछ करोगी क्योंकि तुम्हारे पति ने मुझे पहले ही कॉल करके बता दिया था. यहाँ तो मैं सिर्फ तुम्हें देखने आया था.

मैंने कहा- तो देर मत करो, अब मेरी चूत बहुत गीली हो रही है.
अंकल बोला- आज इसका सही से इलाज मैं ही करूँगा.

वो मेरे पैरों के आ पास गया और मेरा पेटीकोट ऊपर कर दिया. मेरी चिकनी बिना बालों की चूत देखकर वो मस्त ही गया. वो बोला- आज तो इसे अच्छे से फाड़ूंगा.
मैंने कहा- अब देर मत करो.

उसने अपने मुँह को मेरी चूत पर लगा दिया और मेरी चूत का सारा पानी चाट चाट कर साफ़ कर दिया. मैं तो जैसे जन्नत में आ गयी थी.

तभी अंकल बोला- एक ट्रिक दिखाऊं?
मैंने कहा- दिखाओ.

उसने 2 उंगलियां मेरी चूत में डालीं और हल्के हल्के उन्हें मोड़कर अन्दर घुमाने लगा. दो मिनट के अन्दर ही वो मेरे जी स्पॉट तक पहुंच गया. मैं ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पायी और मेरा पानी निकल गया. मेरे पानी से साथ थोड़ी सी मेरी सुसु भी निकल गई.

अंकल वो सारा रस चाट गया.

मैंने कहा- तुम सच में औरतों की कमजोर नस जानते हो.
अंकल बोला- मुझे ऐसे ही इस काम में 20 साल नहीं हो गए हैं.
मैंने कहा- तो अब तक कितनों को चोदा है?
अंकल ने बोला- इतनी औरतों को संतुष्ट किया है कि मुझे खुद भी याद भी नहीं है.

मैंने उसके मोटे लंड को पकड़ा, तो वो मेरे मुँह के पास आ गया. मैंने उसका लोअर नीचे कर कर दिया और उसका मोटा लंड मेरे आंखों से सामने आ गया था. उसका सुपारा किसी बड़े टमाटर जैसा था. मोटे फन वाला सुपारा देख कर मेरे तो मुँह में में पानी आ गया था. मैंने तुरंत उसे मुँह में ले लिया और चूसने लगी. अंकल की भी आंखें बंद हो गईं. वो मेरा मुँह पकड़ कर धक्के मारने लगा. उसका लंड मेरे गले तक आ रहा था. मेरी आंखों से पानी आने लगा था. मेरे मुँह से ‘गुआक … गुआक …’ की आवाज आ रही थी.

मैं कहा- अब जल्दी से मेरी चुदाई कर दो … कहीं कोई आ न जाए.

अंकल ने अपनी पॉकेट से एक कंडोम निकाला और मैंने उनके लंड पर कंडोम चढ़ा दिया.

अंकल झट से मेरी टांगों के पास आ गया और मेरी टांगों को फैला दिया. मेरी चूत तो जैसे उसके लंड से चुदने के लिए पानी बहा रही थी. उसने मेरी टांगें अपनी कंधों पर रखीं और अपने लंड को मेरी चूत में उतार दिया. उसका सुपारा काफी मोटा था और उसका लंड मेरी चूत में पूरा फिट हो गया था. जैसे मेरी चूत के लिए ही बना हो.

मेरी दर्द से आह निकल गई. फिर वो हल्के हल्के मेरी चूत में धक्के मारने लगा. उसका लंड मेरी चूत की दीवारों से रगड़ता हुआ जा रहा था. उसके हर एक धक्के में मेरी आह की आवाज निकल जाती थी. जब उसका लंड मेरी चूत में एडजस्ट हो गया, तब उसने धक्के तेज कर दिए. इस पोज़ में उसने मुझे 5 मिनट चोदा और मेरी चूचियों को चूस चूस कर लाल कर दिया.

फिर उसने अपने लंड को निकाल लिया. मैंने देखा कि उसका लंड पूरा गीला पड़ा हुआ था. मैंने उसका लंड तुरंत मुँह में ले लिया. उसके लंड का और मेरी चूत के पानी मिला जुला स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था.

तभी अंकल ने मुझे कुतिया बना दिया और मेरी चूत में लंड लगा कर मुझे रगड़ने लगा. फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया और मेरे मम्मों को अपने हाथों से मसलते हुए मेरी चुदाई करने लगा. उसकी चुदाई मुझे एक अलग ही मज़ा दे रही थी.

हमारी उस 30 मिनट की चुदाई में मैं 2 बार झड़ी. जब उसका निकलने वाला था, तो वो कंडोम निकालते हुए बोला कि कहां निकालूँ मैडम?
मैंने कहा- जहां आप चाहते हो.
वो बोला- आपके मुँह पर.
मैंने ओके कह दिया.

उसने सारा माल मेरे मुँह पर निकाल दिया. मैंने चखा, बहुत मजेदार स्वाद था. उसका टेस्ट मक्खन जैसा था.
फिर मैं अपना चेहरा साफ़ करके आयी.

मैंने कहा- अंकल सच में बहुत मज़ा आया.
अंकल बोला- एक राउंड और हो जाए.
मैंने कहा- आज नहीं, मैं तुम्हें खुद बुला लूंगी.

फिर वो अपने कपड़े पहन कर जाने लगा, तो मैंने उसे एक डीप किस किया.

मैंने कहा- अंकल, हमारे मोहल्ले की और भी औरतें तुमसे चुदवाती हैं?
वो बोला- हां कई हैं. मगर मैं किसी की बात किसी से नहीं कहता हूँ.

मुझे उसकी ये बात अच्छी लगी.
फिर वो चला गया.
उस दिन के बाद हम दोनों ने कई बार चुदाई की है.

ममता की बातें सुनकर मेरी चूत पूरी गीली हो गयी थी.

तभी ममता बोली- सविता तू तो पूरी गीली हो रही है … तू कहे, तो अंकल को बुला लूं?
मैंने कहा- क्या अभी ऐसा हो सकता है.
वो बोली- हां, वो अभी आ जाएगा.

ममता ने अंकल को कॉल किया और बीस मिनट बाद अंकल आ गया. उसने घंटी बजायी, तो ममता ने गेट खोला.

अन्दर आते ही उसने ममता को किस करना शुरू कर दिया. वो ममता को रूम में लेकर आया, जहां मैं बैठी हुई थी.
मुझे देखकर वो डर गया.
ममता बोली- ये मेरी बेस्ट फ्रेंड है सविता … आज इसकी भी मालिश कर दो.
अंकल बोला- मालिश अपने औजार से करूँ या तेल से?
तब मैंने कहा- औजार क्या बोलते हो अंकल … सीधे बोलो न … मैं आपके लंड से ही मालिश करवा लूंगी, वैसे भी काम तो वही चुदाई वाला करवाना है.

वो मेरे पास आ गया और मेरे बालों को पकड़ कर खींचते हुए बोला- लगता है दोनों जंगली बिल्लियां हैं. आज तो मज़ा आ जाएगा.
तभी ममता बोली- तुम आज इसको ही मज़ा दे दो … मैं बाद में करवा लेती हूँ.

अंकल ने मुझे किस करना शुरू कर दिया. मैंने भी उसका पूरा साथ दिया. उसने मेरे मम्मों को खूब मसला. मैंने भी उत्तेजित होकर उसकी पैंट उतार दी और उसका लंड हाथ में पकड़ लिया. उसका लंड बिना खड़े हुए भी मोटा और लम्बा लग रहा था.

मैंने उसका लंड सहलाया और सीधे अपने मुँह में डाल कर चूसने लगी. उसका लंड खड़ा होने लगा था. बस 2 मिनट में ही उसका लंड पूरा टाइट हो गया था.
उसके बाद उसने मेरा ब्लाउज खींचा और सारे बटन एक ही झटके में खुल गए. ब्लाउज उतारने के बाद उसने मेरी साड़ी भी खोल दी. अब में सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में थी, जो कि उसे बहुत उत्तेजित कर रहा था.

मेरी ब्रा में मेरे बड़े बूब्स, मेरी कमर पर पड़ते बल और मेरी सेक्सी गहरी नाभि को देखकर वो पागल हो रहा था.

उसने मुझे बेड पर लिटा दिया. ममता ये सब देखकर अपनी चूत रगड़ रही थी. अंकल मेरे ऊपर आ गया और मेरे होंठों को किस करता हुआ मेरे बूब्स दबाने लगा. उसने मेरी ब्रा खोल दी और मेरे दोनों मम्मों को अपनी हाथों में लेकर जोर जोर से दबाने लगा. कभी वो मेरे एक मम्मे को अपने मुँह में लेकर चूसता तो कभी मेरे निप्पल को अपनी दो उंगलियों से जोर से उमेठ कर रगड़ देता. इससे मेरी चूत पानी पानी हो रही थी.

तभी अंकल मेरी नाभि में अपनी जीभ डाल दी और खेलने लगा. मेरी नाभि मेरी कमजोरी है, उसकी नुकीली और खुरदुरी जीभ से मैं तो जैसे पागल सी हो गयी थी. मेरी मादक आवाजें तेज हो गयी थीं.

मैंने चुदासी होते हुए कहा- ओह्ह … अंकल … बहुत मज़ा आ रहा है … अंकल अब लंड डाल दो यार … चूत में बहुत आग लगी है.

ममता कंडोम लेकर आयी और मैंने अंकल का लंड चूस कर उस पर कंडोम चढ़ा दिया. अंकल बेड से नीचे उतर गया और उसने मुझे कमर से खींच कर बेड के कोने पर ले लिया. उसका लंड मेरी चूत पर लगने लगा.

अब अंकल ने अपना लंड पकड़ कर मेरी चूत पर लगा दिया और हल्के हल्के मेरी चूत पर रगड़ने लगा. मेरी गीली चूत तो जैसे उसके लंड से लिए तड़प रही थी.

उसने अपने लंड को मेरी चूत में एकदम से पेल दिया. उसके लंड डालते ही मेरी मुँह से आह्ह निकल गई. दो तीन झटकों में ही उसका लंड मुझे बहुत मज़ा देने लगा था. अंकल मुझे पूरी ताकत से चोदने लगा. मेरी कामुक आहें पूरे कमरे में गूंज उठीं.

उसी वक्त ममता को किसी का कॉल आया और वो बाहर चली गयी. अंकल मुझे बहुत जोर जोर से धक्के मार रहा था. उसके हर धक्के पर मेरे चूचे ऊपर नीचे हो रहे थे. अंकल ने मेरे दोनों मम्मों को जोर से दबाया और चूत में धक्के मारने लगा.

मैंने कहा- अंकल, अब मुझे कुतिया बना कर चोदो.
उसने अपने लंड को बाहर निकाला, तभी बाहर से ममता आ गयी.

मैंने कुतिया बनते हुए पूछा- किसका कॉल था?
वो बोली- हस्बैंड का.
मैंने कहा- आने वाला तो नहीं है न?
वो बोली- नहीं … तू आराम से मज़ा ले.

तभी अंकल ने ममता को नीचे बैठा दिया और मेरी चूत से निकला हुआ लंड उसके मुँह में दे दिया. ममता मेरी चूत का पानी लगा लंड चूसने लगी. ममता को तो जैसे बहुत मज़ा आ रहा था और अंकल जी का लंड तो जैसे पूरा अकड़ रहा था.

अब मैं उनके सामने कुतिया वाले पोज़ में आ गयी थी. मेरी मोटी गांड और मेरी चूत का खुला छेद तो जैसे उन्हें बुला रहा था.

अंकल जी ने अपने लंड को मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी गांड पकड़ कर जोर जोर से धक्के मारने लगे. अंकल के हर धक्के के साथ थप थप की आवाज आ रही थी. डॉगी पोज़ में चोदते हुए मेरा पानी निकल गया.

तभी अंकल थोड़ी देर के लिए रुक गए. वो बोले- हो गया सविता तेरा?
मैंने कहा- हां अंकल जी … पर आप चोदते रहो.

अंकल धक्के देते रहे. अंकल बोले- तुम थक गयी होगी. चल तुझे दूसरे पोज में चोदता हूँ.

अब अंकल बेड पर लेट गए और मैं उनके लंड पर बैठ गयी. अंकल का लंड पूरा मेरी चूत में समा गया. अंकल ने मेरी गांड को पकड़ कर अपने लंड पर मारने लगे. उनका पूरा लंड सुपारे तक निकल कर फिर से पूरा अन्दर जाने लगा था. मुझे अंकल का लंड का एक एक इंच महसूस हो रहा था.

मैं खुद तेजी से ऊपर नीचे होने लगी. अंकल ने मुझे अपने ऊपर झुका कर किस करना शुरू कर दिया.

पांच मिनट बाद अंकल ने बोला- सविता मेरा भी होने वाला है … मलाई कहां लेगी?
मैंने कहा- जहां आपका मन हो.

तभी अंकल बेड के नीचे खड़े हो गए और कंडोम निकाल कर अलग कर दिया. अंकल ने मुझे फिर से बेड के किनारे लाकर मेरी टांगें फैला दीं. वो नीना कंडोम के लंड से मेरी चुदाई करने लगे.

मैंने कहा- अंकल जी मेरा भी होने वाला है.
अंकल बोले- दोनों साथ में झड़ते हैं.
मैंने हामी भर दी.

अंकल धक्के देते हुए मेरी चूचियों और निप्पल रगड़ रहे थे. तभी मेरा पानी निकल गया.

जब अंकल का होने वाला था, तो उन्होंने तुरंत लंड निकाल लिया और मेरे मम्मों और पेट पर अपना सारा माल निकाल दिया. उनका माल बहुत गाढ़ा था. मैंने अपने मम्मों से उठा कर उसे टेस्ट किया. उनका कुछ माल मेरी नाभि में भर गया था.

उसके बाद में अंकल और ममता लेट गए. थोड़ी चूमाचाटी के बाद ममता ने बिना चुदे ही अंकल को भेज दिया क्योंकि उसके बेटे के स्कूल से आने का टाइम हो गया था इसलिए मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए.

ममता बोली- मज़ा आया तुझे?
मैंने कहा- हां यार बहुत मजा आया.

जब मैं जाने लगी तो ममता बोली- यार मुझे भी अपने चाचा ससुर का लंड चखा दे जरा.
मैंने कहा- जरूर यार … मैं जल्दी ही प्लान करके बता दूंगी.

ममता ने मुझे अपनी बांहों में भर के चूम लिया. मैंने भी उसके दूध दबा दिए.

आगे की सेक्स स्टोरी में मैं आपको बताऊँगी कि मैंने ममता को कैसे अपने गांव में चाचा ससुर के लंड से चुदवाया और मज़ा लिया.

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी चुदाई की कहानी … मुझे कमेंट करके जरूर बताना.

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