Search

You may also like

secretwink
7410 Views
चाची की नर्म चूत और टाईट गांड का मजा
लड़कियों की गांड चुदाई

चाची की नर्म चूत और टाईट गांड का मजा

यह मेरी पहली कहानी है. कहानी लिखने में यदि कोई

clown
746 Views
जिगोलो बनने की शुरूआत
लड़कियों की गांड चुदाई

जिगोलो बनने की शुरूआत

कामुक्ताज डॉट कॉम के सभी पाठक और पाठिकाओं को मेरे

1525 Views
गांव के देसी लंड ने निकाली चूत की गर्मी
लड़कियों की गांड चुदाई

गांव के देसी लंड ने निकाली चूत की गर्मी

मेरा नाम रेखा है और मैं देखने में काफी सेक्सी

हैंडसम लड़का पटाकर चूत चुदाई के बाद गांड मरवायी

मेरे प्रिय दोस्तो, मेरा नाम रितिका सैनी है. आपने मेरी पिछली हिंदी सेक्स स्टोरी
स्कूल में पहला सेक्स किया हैंडसम लड़के को पटाकर
को बहुत प्यार दिया, उसके लिए आप सभी का बहुत धन्यवाद. अगर आपने मेरी पहली कहानी नहीं पढ़ी है तो पढ़ लीजिएगा ताकि कहानी का पूरा मजा आए. इससे आपको आगे स्टोरी पढ़ने और समझने में आसानी होगी.

जिन पाठकों को मेरे बारे में नहीं पता है, पहले उनको मैं अपने बारे में बता देती हूँ. अपनी फिगर के बारे में आपको एक आइडिया दे देती हूँ. मेरा साइज कुछ यूं है. चूचियां 34 इंच की एकदम से तनी हुईं, लचकती हुई कमर 28 इंच की है और तोप के जैसे मुँह उठाए हुए मेरी गांड 36 इंच की एकदम गोल है.

मेरी ये फिगर ये सौरव से मिलने से पहले की थी. सौरव ने मुझे इतना चोदा कि मेरा फिगर दो महीने में ही काफी बड़ा हो गया. अब मैं और भी सेक्सी दिखने लगी हूँ. अब मेरा फिगर साइज बदल गया है. मेरी 38 इंच की चूचियां हाहाकारी हो गई हैं, चिकनी कमर 30 की हो गई है और 42 इंच की गांड हो चुकी है.

अपनी मदमस्त फिगर के बाद मैं आप सभी को अपनी फैमिली के बारे में भी बता दूं कि मेरे घर में मैं, मेरी मम्मी और पापा रहते हैं.

मेरी पिछली सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि मेरे बॉयफ्रेंड ने कैसे मेरी चूत मारी और उसने मुझसे कहा कि वो मेरी गांड का दीवाना है. मेरी गांड मारना चाहता है. मगर मैंने मना कर दिया. उसने मुझसे काफी जिद की, पर मेरे कहने पर वह मान गया.
मगर वह भी कहां रुकने वाला था.

अब आगे:

मैं अब सौरव से लगभग रोज ही चुदने लगी थी. उसने मुझे चोदने के लिए एक अलग फ्लैट ले लिया था जो मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर था. वह मुझे स्कूल खत्म होते ही अपने फ्लैट पर ले जाता और तसल्ली से मुझे चोदता था. मुझे भी उससे चुदने में काफी मज़ा आता था, तो मैं भी सौरव को कभी मना नहीं करती थी.

जनवरी के पहले ही दिन से स्कूल में ठंड की वजह से दस दिन की छुट्टी हो गयी थी. इस वजह से मुझे सौरव से मिलने का मौका नहीं मिल रहा था. मैं अपने हाथ से ही अपनी चूत को शांत कर रही थी. उधर सौरव भी अपने हाथ से अपने लंड को शांत कर रहा था.

पूरा एक हफ्ता हो गया था, अब मुझसे सौरव के बिना बिल्कुल ही रहा नहीं जा रहा था. मैंने उसको फ़ोन करके ये बात बताई, तो उसने मुझे घर के पीछे मिलने को कहा.

घर पर मैंने अपनी माँ से कहा- मैं अपनी सहेली पूजा के घर जा रही हूँ.
चूंकि पूजा मेरे घर काफी बार आती जाती रहती थी, उसे मेरे और सौरव के बारे में सब पता था. माँ भी पूजा से खुश रहती थीं, इसलिए उन्होंने मुझे जाने की अनुमति दे दी.

मैं अपने दिलबर आशिक से मिलने घर से निकल गयी. मैंने घर के पीछे जाकर देखा, तो सौरव मेरा इंतज़ार कर रहा था. वो अपनी बाइक पर था. मैं दोनों टांगें डाल कर बाइक पर बैठ गई और उससे बिल्कुल चिपक कर बैठ गयी. उसने अगले ही पल बाइक को दौड़ा दिया. वो जल्दी ही मुझे फ्लैट पर ले गया.

फ्लैट में आते ही सौरव ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरे होंठों को चूसने लगा. मैं भी बड़ी चुदासी सी थी, उसका साथ दे रही थी. उसने हाथों को नीचे की तरफ लाते हुए मेरी चुचियों पर रख दिए और वो उन्हें बुरी तरह से मसलने लगा. मुझे भी अपनी चूचियों का भुरता बनवाने में बहुत मज़ा आ रहा था. मैं उससे बिल्कुल लिपट गयी थी.

मेरी चूचियों से मन भरने के बाद उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और फिर से मेरे शरीर के अंगों के साथ मज़ा करने लगा. मैं भी चुदाई की आग में मदहोश हो रही थी.

उसने धीरे-धीरे मेरे और अपने सारे कपड़े निकाल दिए. सौरव मेरी चुचियों को चूसता हुआ नीचे आने लगा मेरी नाभि से खेलने लगा. कुछ देर बाद उसने अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और मेरी प्यासी चूत को चाटने लगा.

मैं उसका सिर अपने टांगों के बीच में दबा रही थी, मुझे अपनी चूत में आग लगी हुई महसूस होने लगी थी.

फिर वह उठा और उसने मुझे 69 की पोजीशन में आने को कहा. वो नीचे लेट गया और मैंने 69 में होते हुए अपनी चूत को उसके मुँह के ऊपर रख दिया. उसका लंड मेरे सामने था, मैं उसके लंड को सहलाने ओर चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ, तो मैंने सौरव से लंड डालने के लिए कहा.

उसने मुझे पेट के बल लेटा कर पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और मुझे पीछे से चोदने लगा. वो मेरी पीठ पर चढ़ कर मेरी चूचियों को भींच कर मेरी जबरदस्त चुदाई कर रहा था. मुझे भी अपनी चूत की खुजली शांत होते हुए महसूस हो रही थी. मैं पूरी मस्ती से चुदाई का मजा ले रही थी.

थोड़ी ही देर की चुदाई के बाद मैं झड़ गई, पर सौरव अभी भी मुझे चोदे जा रहा था.

उसके लंड से मुझे मजा नहीं आ रहा था बल्कि अब मेरी चूत में दर्द होने लगा था. मैं हल्का हल्का चिल्लाने लगी, तो सौरव ने मेरी चूत से लंड निकाल कर मेरी गांड पर अपना लंड रखकर धक्का मार दिया.

उसका लंड मेरी चूत के पानी से बिल्कुल गीला हो चुका था. मैं इससे पहले कुछ समझ पाती, मुझे गांड में उम्म्ह… अहह… हय… याह… इतना दर्द हुआ कि मैं रोने लगी. मैंने उसे अपने ऊपर से हटाने की बहुत कोशिश की, पर उसने बिल्कुल एक रांड की तरह मुझे दबोच रखा था.

सौरव थोड़ी देर रुका और बोला- जानेमन, कितने दिनों से तुम्हारी गांड मारने की तमन्ना थी, आज वो भी पूरी हो गयी.

फिर वो मेरी गांड में आराम-आराम से धक्के लगाने लगा. कुछ देर में ही उसके लंड ने मेरी गांड में जगह बना ली थी, जिससे मुझे दर्द होना बंद हो गया था.

अब मुझे भी मज़ा आने लगा था. उसका लंड मेरी गांड में अन्दर बाहर हो रहा था, उसके गोल-गोल अखरोट मेरी चूत पर घिस रहे थे. जिससे मुझे दो गुणा मज़ा मिल रहा था. मैं भी अपनी गांड पीछे करके उसका साथ दे रही थी.

कुछ देर बाद उसने मेरी गांड में ही अपना वीर्य छोड़ दिया और मेरे ऊपर से उतर कर मेरे साइड में साथ लेट गया.

मैं उसकी तरफ हल्के गुस्से में देख रही थी. वो मेरी तरफ मुस्करा कर सॉरी मांग रहा था. मैं कुछ देर सौरव से नहीं बोली और बस चुपचाप अपनी गांड की चिनमिनी को मिटाने के लिए गांड सहलाती लेटी रही.

सौरव फिर से आधा मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे होंठ चूसने लगा. पहले तो मैंने कोई रिस्पांस नहीं दिया, फिर थोड़ी देर बाद गुस्सा छोड़ कर मैं भी सौरव का साथ देने लगी.

कुछ ही देर में हमारा फिर से मूड बन गया. सौरव का लंड भी बिल्कुल खड़ा हो गया था. उसने मेरी टांगों को अपने कंधों पर रखा और मेरी चूत पर लंड रखकर अन्दर घुसा दिया. लंड पूरा अन्दर जाते ही वो मुझे चोदने लगा.

इस बार हम दोनों को काफी ज्यादा मज़ा आ रहा था. कुछ देर बाद हम दोनों का रज और वीर्य झड़ गया.

कुछ देर लिपटे रहने के बाद हमने कपड़े पहने और जाने के लिए तैयार हो गए.

फिर सौरव मुझे घर के पीछे वाली गली तक छोड़ कर चला गया. मुझे पहली बार गांड चुदवाने की वजह से चलने में दिक्कत हो रही थी. लेकिन मैं आराम-आराम से चल रही थी ताकि किसी को शक न हो. मैं अपने घर पहुंच गई और एक पेनकिलर ले कर सो गई.

मैं रात को उठी, खाना खाया और सौरव से थोड़ी देर बात करके फिर सो गई. अब मैं रोज ही कोई न कोई बहाना बना कर सौरव से चुदने लगी थी. सौरव पहले तो केवल मेरी चूत ही मारता था. पर अब वो चूत चुदाई के बाद मेरी गांड भी बजाने लगा था. अब तो एक भी दिन ऐसा नहीं जाता था कि मैं सौरव से न चुद पाऊं. मेरी ज़िन्दगी बिल्कुल मज़े में कट रही थी.

लेकिन फिर एक दिन जब सौरव मुझे चोद कर मेरे घर के पीछे छोड़ने आया, तो मेरे पापा ने मुझे सौरव के साथ देख लिया. उस दिन से मेरा स्कूल आना जाना और घर से निकलना भी बंद हो गया.

बाहरवीं कक्षा के पेपर नज़दीक थे, तो पापा ने मुझे घर रहकर पढ़ने के लिए कहा. पेपर देने में भी पापा मुझे बाहर तक छोड़ कर जाते थे और पेपर खत्म होने के बाद घर ले जाते थे.

पेपर खत्म हो गए, तो घर वाले मेरी शादी के लिए लड़का ढूंढ रहे थे.

कुछ ही दिनों में घर वालों ने मेरी शादी रवि नाम के लड़के के साथ कर दी. रवि एक बैंक में मैनेजर था. मेरी सुहागरात वाले दिन रवि मेरे पास बैठ कर बातें करने लगा और अपना हाथ मेरे शरीर पर फिराने लगा. मैं गर्म होने लगी, वह मेरे होंठों को चूसने लगा. थोड़ी देर होंठ चूसने के बाद वह उठा और अपने कपड़े निकालने लगा. सिर्फ अंडरवियर में उसका तना हुआ लंड देख मुझे सौरव की याद आ गयी. सुहागरात वाला काम तो मैं सौरव के साथ पहले ही कर चुकी थी. रवि का लंड सौरव के लंड से थोड़ा बड़ा लग रहा था.

रवि ने अपने हाथ मेरे पीछे ले जाकर मेरा ब्लाउज खोल दिया और मेरी ब्रा खोलने लगा. ब्रा खुलते ही मेरी चुचियां आज़ाद हो गईं. रवि ने मुझे लेटा दिया और मेरी चुचियों को दबाने और चूसने लगा. मुझे काफी मज़ा आ रहा था. उसका लंड मेरी चूत पर दस्तक दे रहा था. उसने एक हाथ नीचे ले जाकर मुझे नीचे से भी पूरी नंगी कर दिया. रवि ने अपना लंड अंडरवियर से निकाला और थोड़ा सा थूक अपने लंड पर लगा कर मेरी चूत में डाल दिया. काफी दिनों बाद चुदने से मेरी चूत में दर्द हुआ. चूंकि रवि का लंड सौरव के लंड से बड़ा भी था.

रवि ने जैसे ही लंड डाला और मुझे चोदने लगा, करीब नौ-दस धक्कों के बाद वह झड़ गया.
मुझे लगा वह फिर से मुझे चोदेगा, पर वह मेरे ऊपर से उतर कर सो गया. उस पूरी रात मैंने उंगली से ही काम चलाया. मेरे सारे सपने खत्म हो गए थे. मैंने चुदाई के क्या-क्या सपने देखे थे, सब धरे के धरे रह गए.

सुबह हुई, मैं उठी नहा-धोकर तैयार हुई. मैंने रवि को उठाया और खाना देकर ऑफिस भेज दिया.

उसके जाते ही घर पर खुद को अकेला पाकर अपने सारे कपड़े उतारकर अपनी चुचियों को दबाने लगी और अपनी चूत में उंगलियां डालने लगी.
कुछ देर बाद मुझे शांति मिली. पर हाथ से वो मज़ा नहीं मिल रहा था, जो मज़ा मुझे सौरव के लंड से मिलता था. चूत की खुजली मुझे जीने नहीं दे रही थी. मैं परेशान हो रही थी. मैं सौरव को बहुत याद कर रही थी … पर अब कुछ नहीं हो सकता था.

थोड़े दिन चूत की खुजली भड़कने लगी. अब मैं सारा टाइम सिर्फ अपनी चूत के बारे में सोचती थी. उस गली में कोई भी जवान लड़का भी नहीं था, जो मेरी प्यास को बुझा सके.

आपको मेरी ये हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी, नीचे कमेंट करके जरूर बताये.

लेखक की अगली कहानी : जवानी की प्यास पड़ोसी लड़के से बुझायी

Related Tags : Gand Ki Chudai, Gand Sex, Hot Sex Stories, Kamukta, Kamvasna, Padosan ki Chudai, इंडियन कॉलेज गर्ल, कामुकता, गांड, चोदन स्टोरीज, नोन वेज स्टोरी
Next post Previous post

Your Reaction to this Story?

  • LOL

    0

  • Money

    0

  • Cool

    0

  • Fail

    0

  • Cry

    0

  • HORNY

    0

  • BORED

    0

  • HOT

    0

  • Crazy

    0

  • SEXY

    0

You may also Like These Hot Stories

0 Views
मेरी कुंवारी गांड की खोपरे के तेल से चुदाई
लड़कियों की गांड चुदाई

मेरी कुंवारी गांड की खोपरे के तेल से चुदाई

सेक्सी इंडियन कॉलेज गर्ल Xxx कहानी में एक नादान कॉलेज

1663 Views
बॉयफ्रेंड के बॉस ने मुझे चोद डाला- 2
लड़कियों की गांड चुदाई

बॉयफ्रेंड के बॉस ने मुझे चोद डाला- 2

फ़ास्ट सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मैंने अपने चोदू

0 Views
धोखेबाज जोरू ने गैरमर्द से चूत गांड फड़वाई
Indian Biwi Ki Chudai

धोखेबाज जोरू ने गैरमर्द से चूत गांड फड़वाई

Xxx चीटिंग वाइफ सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी बीवी