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स्कूलटाइम की पुरानी दोस्त की सीलपैक चुत चुदाई

हॉट क्लासमेट सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मेरी क्लास के सारे स्टूडेंट्स स्कूल में मिले तो एक बहुत सुंदर लड़की दिखाई दी. वो मेरी पुरानी दोस्त थी. बात कैसे बनी?

दोस्तो … मैं देवदास आप सभी के लिए एक नई हॉट क्लासमेट सेक्स की कहानी लेकर आया हूं.

ये कहानी 2019 की एक सच्ची घटना है. उस दिन की बात है जब स्कूल के सारे पुराने छात्रों को स्कूल में बुलाया गया था.
जिसमें 2016 के सारे दसवीं के स्टूडेंट्स आए थे. स्कूल में इतने सालों बाद आने पर जब सब मिले, तो एक दूसरे को देख कर बड़े खुश हुए.
सब मिलकर बात करने लगे और अपनी उसी पुरानी क्लास में जाकर बैठे.

पर अब वो क्लास पुरानी क्लास नहीं रही थी. अब तो पूरा स्कूल ही बदल चुका था. ये देख कर ख़ुशी भी हुई कि स्कूल पहले से काफी अच्छा हो गया है.
पर ये देख कर दुःख भी हुआ क्योंकि स्कूल की कुछ पुरानी यादें, नए पेंट और टाइल्स से दीवारों में दफन हो गयी थीं.

क्लास में जब सब अपनी बातों में लगे थे … तो मैं आगे की बेंच पर बैठा था. तो मेरी नज़र क्लास में आती हुई उस सुन्दर लड़की पर पड़ी.

मैंने अपनी साथ वाले बेंच पर बैठे दोस्त से पूछा कि ये कौन है?
उसने बताया- ये तो अपनी नूपुर है.

मैं देख कर हैरान हो गया क्योंकि मेरी सबसे पक्की फ्रेंड अब वाली नूपुर पहले वाली से बिल्कुल बदल गयी थी.

नूपुर के सुनहरे काले बाल गोरा बदन बड़ी आंखें, उभरे हुए चूचे … अहह ऊपर से गांड तो ऐसी उठी हुई कि बस मन कर रहा था कि इसे यूं ही देखता ही रहूँ … बस देखता ही रहूँ.

उसने उस दिन पिंक कलर का टॉप पहना हुआ था, जो ढीला सा था और नीचे ब्लैक कलर की टाइट जीन्स पहनी थी. जिसे देख कर लग रहा था कि पता नहीं कैसे इसमें इसकी गांड समायी होगी. नूपुर का साइज़ 34-26-36 का था.

मैं जब उससे देख रहा था, तो वो बैठने के लिए जगह ढूंढ रही थी. उसने देखा कि मेरे साथ वाली जगह खाली है तो वो फट से मेरी ओर बढ़ने लगी.

मेरे पास आकर उसने कहा- देवू तेरे साथ कोई बैठा है क्या?
मैं कुछ नहीं बोला क्योंकि मैं तो उसे ताड़ने ने बिजी था.

उसने फिर चिल्लाकर बोला, तो इस बार मेरा ध्यान टूटा.
तो मैंने उससे कहा- हां ये जगह खाली है … आकर बैठ जा.

उसको देखते देखते मेरा लंड खड़ा हो गया था, जिस पर मेरा ध्यान नहीं था पर उसे बैठते समय मेरा खड़ा लंड दिख गया.
उसने शर्मा कर मुंडी दूसरी तरफ घुमा ली. मैं उससे देखने लगा.

फिर मैंने पूछा- क्या हुआ … बैठ जा न. और मुंडी उधर क्यों घुमा ली तूने!
तो नूपुर ने कहा- अबे साले … मैं तो बैठ जाऊंगी … पर पहले उससे तो बैठा ले.

ये कह कर वो हंसने लगी.

मुझे कुछ समझ नहीं आया, तो मैंने कहा किसे बैठा लूं?
तो वो बोली- कुछ नहीं तू सी है.
(हम लोग चूतिया के लिए सी C कहते थे.)

वो मेरे बाजू में बैठ गयी. फिर हम सब स्कूल की पुरानी बातें करने लगे.

मैं नूपुर से उसके बारे में पूछने लगा.
वो सब बताने लगी कि वो क्या कर रही है और क्या नहीं.

पर इन सारी बातों में मेरा ध्यान तो उसके चूचों पर था. क्योंकि वो थोड़ा झुक कर बातें कर रही थी और उसके पहने हुए टॉप से उसके कबूतर दिख रहे थे.
शायद वो जानती थी कि मेरी नजरें कहां है. इसलिए वो मेरी मदद भी कर रही थी.
थोड़ी थोड़ी देर में ज्यादा से ज्यादा झुक कर अपने मम्मे दिखा रही थी.

ये सब थोड़ी देर तक यूं ही चलता रहा.

फिर हमारी दसवीं क्लास की टीचर आ गईं और सबसे पूछने लगीं कि सब कैसे हैं … वगैरह वगैरह.

तब टीचर ने कहा- ऐसे ही क्लास में बैठे रहोगे … या स्कूल को देखोगे भी!
तो सब स्कूल में घूमने के लिए जाने लगे.

उस समय में नूपुर के साथ ही था. हम दोनों साथ में स्कूल में घूमने लगे और सभी टीचर्स से मिलने लगे.

ऐसे घूमते घूमते मेरी नज़र स्कूल पर कम पर नूपुर की गांड पर ज्यादा थी. जैसे वो चलती … तो उसकी मटकती गांड मेरा दिल जीत ले रही थी.
काश आपको भी मैं वो सब दिखा पाता.

नूपुर भी समझ गयी थी कि मेरी नजरें कहां हैं और वो किस अंग को पाने के लिए प्यासी हैं.

फिर बातों बातों में हम दोनों तीसरे फ्लोर पर आ गए, जहां न ही कोई टीचर थी और न ही कोई स्टूडेंट.

हम सारी क्लासों में घूमने लगे.
फिर नूपुर बोली- चल आ … मेरी कुछ फोटो क्लिक कर दे.
मैं- ओके.

नूपुर फोटो क्लिक करवाने के लिए बहुत हॉट और सेक्सी पोज़ बनाने लगी.
कभी वो अपनी मोटी गांड दिखाकर फोटो क्लिक करवाती, तो कभी अपने होंठों का पोज़ बनाकर सेक्सी लगती.
ऐसे ही चलता रहा.

फिर हम दोनों एक क्लास में बैठ गए और बातें करने लगे.

नूपुर- और बता कितनी जीएफ हैं तेरी!
मैं- एक भी नहीं.

नूपुर- क्यों नहीं बनायीं!
मैं- आज तक तेरी जैसी कोई हॉट सेक्सी दिखी नहीं … इसलिए!
फिर हम दोनों ही हंसने लगे.

नूपुर मोबाइल में खेलने लगी. मैं उसे देखता रहा.

नूपुर बोली- देवू ये देख न मेरे बाल मेरे मुँह में … और आँखों में आ रहे हैं … तो तो इन्हें बांध दे न प्लीज!
मैं- यार, तू खुद कर ले.

नूपुर- प्लीज कर दे न … मैं खेलने में बिजी हूँ ना!
मैं- ओके कर रहा हूँ.

बाल बांधते समय मेरी नज़र उसकी गर्दन पर गयी. फिर पता नई क्यों कुछ अजीब सा लगने लगा और बाल बांधते बांधते मैंने उसकी गर्दन पर किस कर दी.
उसकी कोई प्रतिक्रिया न होने पर मैंने फिर से किस की.
उसने अभी भी कोई रिस्पांस नहीं किया.

मैंने लगातार किस करना शुरू कर दिया और अपनी जीभ से उसकी गर्दन को चाटने लगा.

उसके हाथ से फ़ोन छूट गया और वो बोली- देव प्लीज रुक मत … करता रह बड़ा अच्छा लग रहा है.
वो कामुक सिसकारियां भरने लगी- अहह … देवू आह!

अचानक से वो पलटी और मुझे किस करने लगी. हम दोनों की जीभ आपस में टकराने लगीं और मैं उसके होंठों को बिना रुके चूसता रहा.

कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद वो उठी और मुझे पीछे वाली बेंच पर ले गयी.

मैंने दो बेंचों को आपस में जोड़ा और उसे ऊपर बैठकर किस करने लगा. ऐसे करते करते मैंने उसके टॉप में हाथ डाल दिया और उसके एक कबूतर को पकड़कर कसकर दबाने लगा.
वो गर्म होकर सिसकारने लगी.

उसने अपनी एक हाथ से पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को दबाना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर में मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसकी पिंक ब्रा में कसे हुए उसके मम्मों को देखने लगा.

मैंने उसके एक चुचे को हाथ में भर लिया और दूसरे को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा.

नूपुर- देवू … ब्रा उतर कर चूस न. मुझे और मजा लेना है अहह.

मैंने ये सुनते ही उसकी ब्रा को नीचे कर दिया और उतार दिया. उसके दोनों कबूतर मानो जेल से आजाद हो गए थे.

मैं दोनों मम्मों को एक एक करके चूसने लगा. वो बहुत ज्यादा गर्म हो गयी थी.
फिर मैंने उसके चूचों को छोड़ा, तो दोनों बिल्कुल लाल हो गए थे.

अब उसने तो जैसे मेरी पैंट पर हमला कर दिया था. वो मेरी पैंट उतारने लगी.

मेरे कच्छे को जैसे ही उसने नीचे किया, मेरा खड़ा लंड सीधा होकर उसके होंठों को छूता हुआ नाक पर जा लगा.

मैंने देर न करते हुए अपना लंड पकड़कर उसके मुँह के पास ले जाकर उसके मुँह में देना चाहा, पर उसने मना कर दिया.
मैंने उसे ज्यादा फ़ोर्स नहीं किया और उसकी जीन्स को उतरने लगा.

उसकी जीन्स इतनी टाइट थी कि गांड से नीचे ही नहीं आ रही थी. मैंने थोड़ी जान लगायी … तो उसकी जीन्स उतर गई.

अब वो सिर्फ पैंटी में थी.

मैंने उसे किस किया और उससे लेटा दिया. मैं उसे उसके माथे से चूमते हुए नीचे आने लगा. उसके होंठों को दांतों से काटा … फिर चूमते हुए नीचे आ गया. गले पर चुम्मी की और नीचे आने लगा. फिर नाभि को भी किस करना शुरू किया.

वो मचलने लगी थी.

उसकी पैंटी के ऊपर से मैंने उसकी चूत की खुशबू लेना शुरू की. मैं चुत की महक पालर जैसे मदहोश हो गया था. वो कामुक सिसकारियां भर रही थी और उसकी सांसें भी तेज हो गई थीं.

मैंने उसकी पैंटी को नीचे करते हुए उतारना शुरू किया, तो उसने शर्माकर अपनी पैंटी पकड़ ली.

उसे मैंने किस की और एक झटके में उसकी पैंटी उतार दी.
आह सामने वो जो नजारा था … आज भी मैं उस नजारे को नहीं भुला सकता.

उसकी छोटी सी चूत, जिसपर छोटे छोटे बाल और उसकी चूत से आती हुई तेज खुशबू, जो मुझे पागल कर रही थी.

मैंने उसकी दोनों टाँगें फैला दीं और उसकी चूत पर अपने होंठों को रगड़ने लगा.
वो सिहर गयी और काम्प सी गयी.

मैं बावला सा उसकी चूत चाटने लगा. वो लंबी लंबी सिसकारियां लेने लगी- देवू मेरी जान आई लव यू सो मच ओहहह … अहह!

मैं उसकी चुत को चाटता और वो लम्बी लम्बी सिसकारियां लेती.
मैंने अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में दे दी, तो वो फिर से सिहर गयी. उसने अपने दोनों हाथों से जकड़ लिया और मुझे अपनी चूत पर दबाते हुए चिल्लाने लगी- अहह हहहह अहह स्शीअअ!

बस देखते ही देखते वो झड़ गयी. मैंने उसकी चूत से निकला रस चाट चाट कर साफ कर दिया.

नूपुर- मेरी जान बस अब और मत तड़पा … मुझसे और सहन नहीं होता.
मैंने झट से उसकी दोनों टांगें अपने कंधों पर रखीं … और लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

नूपुर- अहहअहह अहह अब डाल दे अन्दर कुत्ते … बस अब और मत तड़पा.
मैंने लंड को अन्दर धकेला, पर नूपुर तो सीलपैक माल निकली.
मेरा लंड अन्दर गया ही नहीं, उससे पहले ही चिल्लाने लगी.

जैसे ही मैं लंड चुत में पेलने की कोशिश करता, वैसे ही वो चीख उठती.
मैं- नूपुर ये ऐसे अन्दर नहीं जाएगा.
नूपुर- तो कैसे जाएगा?

मैं- तुझे इसे गीला करना होगा.
नूपुर- कैसे!

मैं- मुँह में लेकर चूस.
नूपुर- नहीं मैं नहीं लूंगी … ये इतना बड़ा है … मेरे मुँह में भी नहीं आएगा.

मैं- बस ऊपर ऊपर का गीला कर दे ताकि बस ये अन्दर घुस जाए.
इस पर वो तैयार हो गयी.

मैं उसके आगे अपना लंड लाया, उसने अपनी आँखें बंद की और लंड का सुपारा मुँह में ले लिया.
मैंने उसके बाल पकड़े और अपना आधा लंड उसके मुँह में पूरा भर दिया. फिर भी दो इंच बाहर था.

वो खाँसने लगी, मैं अनसुनी करते हुए उसके मुँह में झटके देने लगा और उसके मुँह को चोदने लगा. थोड़ी देर ऐसे ही करते करते मैंने उसके मुँह में ही फुहारा छोड़ दिया और वो उससे पी गयी.
मैंने उसके मुँह से लंड निकाला तो उसने मेरे गाल पर एक चांटा रख दिया.

वो बोली- साले मैं मर जाती तो!
मैं- मरी तो नहीं न मेरी जान … पर अब जरूर मर जाएगी साली.

मैंने उसको किस किया और नीचे होकर उसकी चूत फिर से चाट कर गीली की.

अब मैं अपने लंड के फिर तैयार होने का इंतजार किया. जल्दी ही लंड फिर वापस 7 इंच का हो गया.

इस बार मैंने सीधा उसकी चुत पर हमला किया और एक झटके में ही दो इंच लंड चुत के अन्दर पेल दिया.
नूपुर- देव, दर्द हो रहा है आह निकाल इसे … आह बहुत मोटा है साले … मैं मर जाऊंगी … ओह गॉड … प्लीज निकाल ले.

मैंने लंड चुत से नहीं निकाला और उसके शांत होने तक उसे किस करता रहा.

थोड़ी देर में वो शांत हुई तो इस बार मैंने पूरी जान लगाकर धक्का दे दिया. मैंने अपना पूरा 7 इंच लंड चुत के अन्दर दे दिया.

वो फिर से चिल्लाती, इससे पहले ही मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और धीर धीरे धक्के देने लगा. थोड़ी देर में वो भी मेरा साथ देने लगी और मस्ती से चुदाई होने लगी.

बीस मिनट की धकापेल चुदाई में मैंने उसकी बुर को चुत बना दिया. मस्त चुदाई के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए.

मैं लंड चुत से निकाल कर खड़ा हुआ और कपड़े पहनने लगा. पर शायद अभी उसका मन नहीं भरा था.

वो मेरे पास आयी और इस बार नीचे बैठ कर मेरे लंड को मुँह में लेकर चूस कर खड़ा करने लगी.

मेरी नज़र बेंच पर फैले खून पर गयी.

मैं- नूपुर यहां बहुत ज्यादा खून है. इससे साफ भी करना है … अब छोड़ दे. बाद में कर लियो.
नूपुर मुँह से लंड निकाल कर बोली- मेरी पैंटी से बाद में साफ कर लियो … अभी मुझे मेरी प्यास बुझानी है.

उसके चूसने से मेरा लंड फिर खड़ा हो गया और इस बार मैंने नूपुर से बोला- नूपुर मेरी कुतिया … आ जा आज तुझे कुतिया बना कर चोद दूँ.
नूपुर खड़ी हुई और डॉगी स्टाइल में होकर बोली- आ जा मेरे कुत्ते … तेरी कुतिया गर्म हो गई है. मेरी चूत बहुत प्यासी है बुझा दे मादरचोद अपनी कुतिया की चुत की प्यास.

मैंने अपने लंड को पकड़ा और नूपुर की चुत में पेल दिया.
उसकी आह निकली और मैंने जोर जोर से झटके देने शुरू कर दिया.

नूपुर चिल्लाने लगी- अहहह … ओहहह अहह.
मैं ‘हां हां हूँ ऊं ले ..’ कहते हुए उसकी चुत में लंड पेलने लगा.
नूपुर- आह बहुत सही मेरे राजा … और तेज कर … आह मर गयी अहहह.

मैं नूपुर को चोदते चोदते उसकी गांड पर चांटे मारता जा रहा था. मेरे चांटों से उसकी गांड बिल्कुल टमाटर जैसी लाल हो गयी थी.

फिर नूपुर झड़ गयी और बोली- मेरा काम हो गया.
मैं- मेरा भी होने वाला है.
नूपुर बोली- अन्दर मत निकाल … एक बार निकाल चुका है साले … अब नहीं.

मैंने जल्दी उसका मुँह पकड़ा और उसके मुँह में लंड दे दिया. दो ही झटकों में सारा माल मुँह में ही निकल दिया और वो बिना कुछ बोले सब गटक गयी.

उसके बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और वापस से सबके साथ स्कूल में घूमने लगे.

उस दिन के बाद मैंने फिर उसे चोदा और इस बार उसी के घर जाकर चुदाई का मजा लिया था.

ये जानने के लिए आप बेताब होंगे, तो उसके लिए मेरी अगली सेक्स कहानी का इंतजार करें.

मुझे सेक्स हॉट क्लासमेट सेक्स की कहानी से संबंधित कमेंट करना हो … तो नीचे कमेंट जरूर करें.

Related Tags : College Girl, Desi Ladki, Hindi Sexy Story, Oral Sex, Sex With Girlfriend
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