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मेरा नाम मोनिका है। मैं हिमाचल की रहने वाली हूँ।

दोस्त की शादीशुदा बहन की चुदाई

दोस्तो, मेरा नाम आकाश है और मैं 24 साल का हूँ, मेरा रंग गोरा है और लंबाई 5 फुट 11 इंच है. आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ.

यह उन दिनों की बात है, जब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दिल्ली आया हुआ था.
मैं दिल्ली पहली बार आया था और क्योंकि मैं यहां नया था तो मेरे दोस्त ने कहा- तू मेरी बहन के यहां रुक जा, जीजा वहां पे जॉब करते हैं.

मैं जब उनके घर गया और उनसे मिला तो उन्हें बहुत अच्छा लगा. दीदी की उम्र 28 साल थी, उनका फिगर 36-32-36 का बहुत ही सुंदर और भरा हुआ बदन था. मैं उन्हें देखते ही सब भूल गया कि वो मेरी दोस्त की बहन है.

मैंने उनके पैर छुए क्योंकि मेरा दोस्त भी उनके पैर छूता था. उन्होंने मुझसे फ्रेश होने के लिए कहा. मैं बहुत थका हुआ था और मुझे इस वक्त नहाने की सख्त जरूरत थी. दीदी की बात पर मैंने हामी भरते हुए जल्दी से फ्रेश होने चला गया.

तब तक दीदी चाय नाश्ता बना कर ले आईं. फिर हम दोनों ने साथ में बैठ कर चाय पी. चूंकि मैं उनके गाँव से था, तो उन्होंने मुझसे वहां के हालचाल पूछे. दीदी का मन बहुत देर तक बात करने के बाद मानो भरा ही नहीं था. कुछ देर बाद उनके पति आ गए. उन्होंने मुझे उनसे मिलवाया.

अब तक मैं बहुत थक चुका था, मुझे इस वक्त आराम की सख्त जरूरत थी. मेरे चेहरे पर थकान देख कर दीदी ने मुझसे कहा कि आकाश तुम अब आराम कर लो, हम कल बात करेंगे.
फिर मैं डिनर करके सोने चला गया.

दूसरे दिन सुबह जीजा जी जल्दी ही ऑफिस निकल गए. मुझे दीदी ने उठाया और चाय लाकर दी. चाय पीने के बाद मैं फ्रेश होने के चला गया और बाद में दीदी के पास आकर दुबारा से चाय पीने लगा. हमारी अधूरी बातें फिर से शुरू होने लगीं.

बात करते करते मैंने ऐसा फील किया कि उनकी लाइफ में कुछ गड़बड़ चल रही है. मेरे काफ़ी पूछने के बाद उन्होंने बताया कि उनकी सेक्स लाइफ बहुत बेकार चल रही है.
यह सुनकर मुझे पहले थोड़ा अजीब सा लगा कि दीदी मुझसे ये सब क्यों कह रही हैं.

पहले तो मैं सेक्स की बात सुनकर कुछ शर्मा गया. फिर मैंने हिम्मत करके उनसे पूछना उचित समझा.
मैंने पूछा- ऐसा क्या हो गया दीदी?
उन्होंने इस पर मुझे कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. दीदी को पता नहीं क्या लगा कि वो बात खत्म करके उठते हुए मुझसे बोलीं- चल तू अब नहा ले.
उसके बाद मैं अपने कॉलेज के लिए निकल गया.

शाम को जब मैं वापस आया, तो उन्होंने कहा- आज तेरे जीजू ऑफिस के काम से बाहर गए हुए हैं, तो हम आज बाहर डिनर करने चलेंगे.
मैंने तुरंत हां कह दी और शाम को 8 बजे हम दोनों रेडी होकर जाने लगे.

वो जैसे ही रेडी होकर मेरे सामने आईं, मेरा तो मुँह खुला का खुला रह गया.
यार … क्या माल लग रही थीं वो … काले रंग का गहरे गले का सूट पहन कर वो माधुरी दीक्षित से कम नहीं लग रही थीं.

दीदी मेरी तरफ कुछ ऐसी नजरों से देखने लगीं, जैसे वो मुझसे जानना चाह रही हों कि वो कैसी लग रही हैं.
मैंने भी उनको देखते ही उनकी तारीफ कर दी- वाह क्या बात है … यू आर लुकिंग गॉर्जियस … (आप तो बड़ी ही सुन्दर दिख रही हैं.)
दीदी ने मुझे थैंक्यू कहा और हंस दीं.

उनकी यह मोहक हंसी मुझे अन्दर तक छू गई.

उसके बाद हम लोग एक मॉल में गए, वहां पे शॉपिंग की. फिर डिनर करके घर आ गए. पर रास्ते भर मेरे दिमाग में एक ही बात चल रही थी कि इतनी सुंदर होने के बाद भी उनके पति उनके चोदते क्यों नहीं हैं.

घर आकर मैंने दीदी से झट से सवाल कर दिया- आपकी सेक्स लाइफ बेकार क्यों है? आप तो बहुत सुंदर हो.
इतना सुनने के बाद वो रोने लगीं और मेरे साथ चिपक गईं.
मैंने दीदी को ढांढस बंधाया, तो दीदी ने मुझसे ढके हुए शब्दों में जो कहा, वो मैं साफ़ शब्दों में लिख रहा हूँ.

दीदी- पिछले 6 महीने से मुझे चुदाई का सुख ही नहीं मिला है.

इतना कह कर दीदी मेरे कंधे पे सर रखकर रोने लगीं. मैंने उन्हें संभाला और उनको सहलाने लगा. दीदी मेरे सीने से चिपक गईं. मैंने उनकी गर्माहट को महसूस किया. पहले मैंने दीदी के सर पर हाथ फेरते हुए उनके माथे पर एक चुम्मी ली. दीदी ने मेरी छाती से अपनी छाती चिपका दी थी. मैंने उसी वक्त झट से उनके गुलाबी होंठों पे हल्का सा किस कर दिया. उन्होंने कुछ नहीं कहा, बल्कि वो भी मेरा साथ देने लगीं.

दीदी ने मेरे कान में बोला- आकाश, प्लीज मेरी 6 महीने की प्यास बुझा दो.

इतना सुनते ही मेरा लंड फुंफकार मारने लगा. मैं उन्हें गोद में उठा कर उनके बेडरूम में ले गया. मैं उनके होंठ चूसता हुआ उन्हें ले जा रहा था. दीदी भी मुझे चूमे जा रही थीं.

मैंने उन्हें बेड पे लगभग फेंक सा दिया. मेरे अन्दर का दानव जाग गया. मैंने जल्दी से उनके कपड़े उतारे और वो ब्रा पेंटी में मेरे सामने पड़ी थीं.
हाय … क्या मस्त चुचे थे उनके … मैं एकदम से उनके ऊपर टूट पड़ा और चुचे चूसने लगा. वो भी मेरा सर पकड़ कर अपने चुचों की तरफ दबाने लगीं.

फिर मैंने दीदी के पेट पर किस करते हुए उनकी पेंटी उतार दी और उनकी चुत पे अपने होंठ लगा दिए. मुझे चुत चाटने का असली मज़ा उसी दिन मिला था. पहले तो चूत चटाई सिर्फ ब्लू फिल्म्स में देखी ही. मैं दीदी की चूत चाटते हुए बस अपने आप में खो गया. देखते ही देखते दीदी की चुत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया.

इसके बाद दीदी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा लंड का टोपा अपने मुँह में ले लिया. चूंकि ये मेरा पहला मौका था, तो मैं खुद को उस दिन दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान समझ रहा था. दीदी ने लंड चूसना जारी रखा. मेरे मुँह ने कराहना शुरू कर दिया- आह आहह दीदी और चूसो.

कुछ ही देर में मेरे लंड ने अपना हाहाकारी रूप दीदी को दिखा कर उनको व्याकुल कर दिया.

अब दीदी बोलीं- प्लीज … आज तुम मेरी चुत का भोसड़ा बना दो आकाश.

मैंने उनको बेड पर चित लिटा कर मिशनरी पोजीशन में किया और उनके ऊपर आकर एक धक्का दे मारा. दीदी की चुत गीली थी. मेरा आधा लंड चुत के अन्दर घुसा चला गया. दीदी की चीख निकल गयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

मैंने शॉट मारने प्रारम्भ कर दिए. दीदी के मुँह से ‘आहह आहह आकाश … आई लव यू … फक मी हार्ड..’ निकले जा रहा था.
मैं लंड की लगातार ठोकर देता हुआ उनके कभी होंठ चूसता, कभी मम्मों को दबाता हुआ चुदाई करता रहा.
दीदी अपनी चरम पर पहुंचने को थीं.

दस मिनट बाद मैंने दीदी से बोला- मैं आने वाला हूँ, रस कहां डालूँ?
दीदी ने जल्दी से कहा- मेरी चुत में डाल दो.

मैंने चार धक्के जोरदार मारे और उनकी चुत में ही झड़ गया. झड़ने के 5 मिनट तक मैं उनके ऊपर ही चढ़ा रहा.

उसके बाद मैंने देखा कि दीदी की आंखों में आंसू थे. उन्होंने मुझे गले से लगा लिया.
मेरे पूछने पर उन्होंने कहा कि तुम बहुत अच्छे हो … मुझे पूरा संतुष्ट कर दिया.
मैंने उनको चूम लिया.

दीदी ने फिर से कहा- कम से कम एक बार रोज मुझे तुम्हारा साथ चाहिए होगा.
मैंने कहा- दीदी ,कुछ दिनों तक तो रोज ही मुझे आपका साथ तीन बार चाहिए होगा.

ये सुनकर दीदी हंस पड़ीं और हम दोनों दुबारा चुदाई के लिए चिपक गए.

उस रात हम दोनों ने 4 बार चुदाई की. इसके बाद हम दोनों रोज ही चुदाई का मजा लेने लगे.

फिर एक दिन चुदाई करते टाइम जीजा जी आ गए, तब क्या हुआ. अगली बार मैं आपको वो सब लिखूंगा.

दोस्तो, मेरी ये सेक्स स्टोरी आपको अच्छी लगी होगी, प्लीज कमेंट करें.

Related Tags : कामवासना, गैर मर्द, दोस्त की बहन, सेक्सी कहानी
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