मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की पहली चुदाई
दोस्तो, कैसे हो आप लोग … मैं शुभम (बदला हुआ
चूत के प्यासे लौड़ों और लंड की प्यासी गर्म
देसी हनीमून सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरी भाभी मुझसे खुली हुई हैं. उन्होंने मुझे सब बताया कि हनीमून पर शिमला जाकर उन दोनों ने कैसे मजा किया, सेक्स किया.
मेरा नाम विपुल कुमार है. मैं उत्तर प्रदेश के एक शहर में रहता हूँ. गोपनीयता के चलते मैं शहर का नाम नहीं लिखूंगा.
और फिर यार शहर से क्या मतलब … बस कहानी आप लोगों तक पहुंचनी चाहिए. जिन लोगों ने मेरी पिछली कहानियाँ पढ़ी हैं, वे तो पहचान ही गये होंगे.
जिन्होंने नहीं पढ़ी हैं, वे ऊपर मेरे नाम पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
मेरी पिछली कहानियों को पढकर आप लोगों के बहुत सारे कमेंट भी प्राप्त हुए. उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
मेरी प्यारी भाभी जी हैं ही इतनी अच्छी।
तो आज मैं भैया भाभी की हनीमून की घटना बताने जा रहा हूँ जो खुद मुझे भाभी ने ही बतायी थी।
दोस्तो, वैसे शादी के बाद सुहागरात और फिर हनीमून का मज़ा ही कुछ और है.
तो चलिए अब शुरू करते हैं देसी हनीमून सेक्स स्टोरी।
भैया की शादी के बाद सुहागरात हुई सुहागरात पर ही भैया ने सील तोड़ी और भाभी की जमकर चुदाई हुई।
सुहागरात के बाद भाभी पगफेरे की रस्म के लिए अपने मायके चली गई.
अगले दिन भैया उनको लेने के लिए गये थे साथ में मैं भी गया था.
पगफेरे की रस्म पूरी करके भाभी वापस आ गयीं.
अब भैया-भाभी को अगले दिन हनीमून के लिए निकलना था. दरअसल भैया ने शादी से पहले ही भाभी से पूछ लिया था कि जान हनीमून पर कहाँ चलोगी.
तो भाभी ने बताया था कि उन्हें पहाड़ पर घूमना बहुत पसंद है।
भैया ने फिर कुल्लू मनाली शिमला चलने के लिए कह दिया.
और ट्रैवल एजेंट के द्वारा पाँच दिन का हनीमून पैकेज बुक कर लिया।
भैया भाभी हनीमून के लिए रात को बस से निकल गये थे.
सुपर डीलक्स ए.सी. वोल्वो बस थी जिसमें नीचे ऊपर दो लोगों के सोने के लिए सीट होती है.
भैया भाभी चिपक कर आराम से सोते हुए गये. रात का सफर कब पूरा हो गया पता ही नहीं चला.
सुबह लगभग 10 बजे तक भैया भाभी शिमला पहुँच गए।
चूंकि भैया ने ट्रैवल एजेंट के द्वारा हनीमून पैकेज लिया था इसलिए होटल, टैक्सी, कमरे आदि की कोई चिंता नहीं थी।
भैया भाभी अपने होटल में चले गए.
होटल में जाते ही भैया ने भाभी को कसकर पकड़ लिया और किस करने लगे.
तो भाभी बोली- अरे … अरे … आप तो अभी से शुरु हो गए? इतनी भी क्या जल्दी है? हम लोग हनीमून मनाने ही आये हैं. और हमारे पास पूरे पाँच दिन हैं।
भैया बोले- मेरी जान, अब सब्र नहीं हो रहा है. चलो पहले फ्रैश हो लेते हैं. फिर नाश्ता करेंगे. भूख भी लग रही है।
भाभी ने कहा- मैं नहाकर आती हूँ.
और भाभी नहाने के लिए बाथरूम में चलीं गयी.
तभी भाभी ने आवाज़ लगायी और कहा- कोलगेट दे दीजिये, मैंने ब्रश नहीं किया है.
भैया ने कहा- अभी देता हूँ.
और भाभी ने जैसे ही दरवाजा खोला भैया तुरन्त बाथरूम में अंदर आ गये. भैया अंडरवियर फ्रेंची में थे और भाभी ब्रा पैंटी में थी।
भैया बोले- मेरी जान आज दोनों साथ में नहायेंगे.
इतना कहते ही भैया ने बाथरूम में गर्म पानी का शावॅर चला दिया.
फिर भाभी को कस कर पकड़ लिया और अपने सीने से लगाकर किस करने लगे। किस करते करते भैया ने भाभी की ब्रा का हुक खोल दिया और पैंटी भी निकाल दी.
भाभी थोड़ा शरमा रही थी.
भैया ने कहा- अब कैसा शरमाना? शरमाती क्यों हो मेरी जान! अच्छा लो!
और इतना कहते ही भैया ने एक हाथ से अपनी फ्रेंची अर्थात अंडरवियर उतार कर अलग कर दिया।
अब भैया-भाभी दोनों बिल्कुल नंगे खड़े थे और ऊपर से पानी की बूँदें गिर रही थी.
भाभी तो वैसे भी बहुत गोरी हैं तो पानी की बूँदें मोतियों की तरह चमक रही थी.
भैया लगातार किस कर रहे थे. भाभी के स्तन सख्त हो गये थे और निप्पल कड़क हो गये थे. भैया का लिंग भी पूरा तना हुआ खड़ा था जिसे भाभी सहला रही थी।
अब भैया बोले- मेरी जान इसे चूसो!
तो भाभी ने गर्दन हिलाकर मना कर दिया.
भैया को बहुत गुस्सा आया।
दरअसल भाभी को लिंग चूसना पसंद नहीं है. लेकिन भैया भी कम नहीं हैं, वो चुसवाकर ही मानते हैं।
दोस्तो, अब आप एक मिनट अपने मन में सोचिए कि दो जिस्म एक जान नंगे शावॅर के नीचे चिपके खड़े हो तो कितना मज़ा आयेगा!
जब भाभी जी ये सब मुझे बता रही थी तो मेरा लिंग खड़ा हो गया था.
और अब कहानी लिखते समय भी तना हुआ खड़ा है।
फिर भैया शैम्पू लेकर अपने लंड और भाभी की चूत पर लगाने लगे, दोनों एक दूसरे को साबुन लगाकर नहला रहे थे.
तभी भैया ने भाभी को झुका दिया और पीछे से लंड को चूत में डालकर चोदने लगे।
ऊपर से पानी की बौछार और नीचे चुदाई … आय हाय … मुझे तो सुनकर ही मज़ा आ गया।
भाभी बता रही थी कि वहाँ एक बाथटब भी था जिसमें पानी भरकर लेट कर नहाते हैं.
फिर भैया तो हनीमून मनाने ही आये थे और उस बाथटब का प्रयोग नहीं करते … ऐसा कैसे हो सकता था।
भैया ने पूरा बाथटब गर्म पानी से भर दिया और उसमें लेट गये. उन्होंने भाभी को भी अपने ऊपर लेटा लिया.
उसमें भैया कभी किस करते, स्तन दबाते तो कभी भग्नासा को सहलाते भाभी की तो लगातार सिसकारियाँ निकल रही थी।
ये सब करते-करते जब थोड़ी देर हो गयी तो भैया ने भाभी को बाथटब में ही घोड़ी बना दिया और पीछे से चुदाई करने लगे.
एक तो पानी की छप … थप … छप … छप की आवाज़, साथ में सिसकारियों की गूँज!
दोस्तो, सोचिये उस समय क्या माहौल होगा वहां का।
लगभग बीस मिनट चुदाई करने के बाद भैया उठे और फिर शावॅर में नहाये.
नहाने के बाद भैया ने नाश्ते का आर्डर दे दिया. भाभी ने नहाकर गुलाबी रंग का सेक्सी गाउन पहन लिया जो ऊपर से आधा खुला हुआ और नीचे से जाँघों तक था.
गाउन में भाभी बहुत खूबसूरत लग रही थी।
भाभी ने मुझे एक बार वह गाउन पहनकर भी दिखाया था. मैं उसको शब्दों में भी नहीं लिख सकता. भाभी ने हनीमून की कुछ फोटो और विडियो भी मुझे दिखाई थी. जिन्हें देखकर पता लग गया कि हनीमून का असली मज़ा तो भैया भाभी ने ही लिया है।
कुछ देर बाद ही वेटर ने चाय नाश्ता देने के लिए दरवाजा खटखटाया.
तो भैया ने जानबूझ कर भाभी को बोला- दरवाजा खोल कर नाश्ता ले लो।
भाभी ने दरवाजा खोला तो सामने वेटर खड़ा था.
उसने नाश्ता पकड़ाया और कहा- मैडम कुछ भी सामान की जरूरत हो तो आप लोग बता देना.
वेटर भाभी को घूर घूर कर देख रहा था. उसके लिए कोई नयी बात नहीं थी. वह तुरंत समझ गया कि चुदाई चल रही है।
और वैसे भी ऐसी जगहों पर होटलों में जब शादीशुदा जोड़े आते हैं तो चुदाई होती ही है।
फिर भईया भाभी ने नाश्ता किया और तैयार होकर आस पास में घूमने के लिए निकल गये जैसे माल रोड़, लक्कड़ बाजार आदि।
दोस्तो, अगर आप लोग कभी शिमला जायें तो इन जगहों पर जरूर घूमें. माल रोड शिमला का सबसे प्रमुख स्थान है. शाम के समय वहां का नजारा देखने लायक होता है।
फिर रात होने के बाद भैया भाभी ने खाना खाया और अपने होटल आ गये.
अब पूरी रात फिर चुदाई होनी थी।
हालांकि भाभी जी मना कर रहीं थीं, कह रही थी कि आज काफी थकान हो गयी है. आराम से सोते हैं, जो करना है कल करेंगे.
लेकिन भैया कहाँ मानने वाले थे, भैया बोले- मेरी जान, मना मत करो।
दोस्तो, वैसे तो भाभी हमेशा घर में साड़ी या सलवार कमीज़ सूट पहनती हैं क्योंकि सब लोग होते हैं. लेकिन इस तरह जब कभी दोनों बाहर घूमने के लिए जाते हैं तो भाभी जींस टापॅ भी पहनती हैं. और जींस टापॅ में भाभी क्या लगती हैं … दोस्तो कसम से … मैं बता नहीं सकता।
वैसे मैंने तो भाभी जी को हर प्रकार के कपड़े पहने हुए देखा है. जब मैं और भाभी घर पर अकेले होते हैं तो भाभी इस तरह के कपड़े पहन लेती हैं जैसे जींस, टापॅ, शाट्स, गाउन, मैक्सी, ब्लाउज पेटीकोट भी! क्योंकि अब वे मुझसे नहीं शरमाती।
भाभी कहती हैं कि आप तो मेरे देवर यानी दूसरा वर हो तो आपसे कैसा शरमाना!
लेकिन हाँ … अगर सास ससुर या कोई बड़ा है तो भाभी के सर पर पल्लू और घूँघट हमेशा रहता है।
दोस्तो, बात कहाँ से कहाँ पहुँच गयी. भाभी ने उस दिन नीली जींस और सफेद रंग का टापॅ पहना हुआ था.
भाभी ने नाईटी पहनने के लिए जैसे ही जींस टापॅ उतारा, भैया ने उनको गोदी में उठा लिया और डबल बैड पर लेट गये.
वे उस समय ब्रा पैंटी में थी।
भाभी मना करने लगी लेकिन भैया नहीं माने और किस करने लगे. कभी जीभ से जीभ लड़ाते, कभी होंट चूसते तो कभी अपनी जीभ भाभी के मुँह में डाल देते. या भाभी की जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसते।
लगातार ऐसे करते करते भाभी गर्म हो गयी. फिर भैया ने भाभी की ब्रा का हुक खोल दिया और पैंटी भी निकाल दी.
भैया खुद भी बिल्कुल नंगे हो गये और ऊपर से कम्बल डाल लिया।
ये तो मार्च का महीना था, शिमला में तो मई जून के महीने में भी कम्बल ओढ़े जाते हैं क्योंकि शिमला है ही इतना ठंडा।
भैया लगातार किस कर रहे थे और भाभी भी पूरा साथ दे रही थी. और देती भी क्यों ना … आखिर वे उनकी पत्नी जो हैं।
दोस्तो, सेक्स का मज़ा तब ही है जब आपका पार्टनर आपका पूरा साथ दे। सम+भोग = सम्भोग का अर्थ ही यह है कि दोनों को बराबर आनन्द आये।
फिर भैया ने कहा- जान, एक बार लिंग तो चूसो.
भाभी ने फिर मना कर दिया.
लेकिन इस बार चुदाई डबल बैड पर हो रहीं थीं तो भैया ने 69 पोजीशन बना ली. मतलब भैया ने अपना मुँह भाभी की चूत की तरफ कर लिया और भाभी का मुँह भैया के लिंग की तरफ हो गया, भैया ने फिर कहा- चूसो मेरी जान!
और लिंग होंटों से लगा दिया. अब भाभी ने पहले लिंग पर किस किया और सुपारा होटों से दबाया. जैसे ही भाभी ने सुपारा मुँह में लिया, भैया ने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लंड मुँह में अन्दर कर दिया.
फिर बोले- मेरी जान, अब चूसो!
भैया अक्सर ऐसा ही करते हैं.
अब तो भाभी को चूसना ही था. भाभी चाहकर भी लिंग बाहर नहीं निकाल सकती थी. जब भैया ऐसा करते हैं तो लिंग का सुपारा मुँह के अन्दर सीधा तालू से टकराता है.
दोस्तो, जैसे चूत पर एक मटर जैसा दाना (भग्नासा, क्लिटोरिस) होता है, कुछ उसी तरह हमारे मुँह में तालू पर भी लटका होता है. जब उस पर सुपारा जाकर लगता है तो मज़ा आ जाता है.
लेकिन भाभी की तो जैसे जान ही निकल जाती है. जब खीरे जैसा लम्बा मोटा लिंग हलक़ तक फंसा हो तो जान तो निकलेगी ही!
उस समय भाभी को साँस लेने में भी दिक्कत होती है और भैया दस मिनट से पहले तो बिल्कुल भी नहीं निकालते हैं, बहुत देर तक चुसवाते हैं।
ये तो रही इधर की बात … अब दूसरी तरफ भैया क्या करते हैं.
वे भाभी के चूतड़ों के नीचे एक तकिया लगा देते हैं और दोनों पैरो को पूरा खोल देते हैं जिससे चूत उभर कर ऊपर आ जाती है. और फिर अपनी जीभ भाभी की चूत में अन्दर तक डाल देते हैं जिससे भाभी बहुत छटपटाने लगती हैं.
फिर भैया अपनी जीभ की नोक से भाभी के उस मटर जैसे दाने मतलब भग्नासा को सहलाते हुए टच करते हैं जिससे भाभी किसी मछली की तरह तड़पने लगती हैं.
और भैया भाभी के दोनों पैरों को पूरा खोलकर कसके पकड़े रहते हैं जिससे भाभी अपने पैर बन्द भी नहीं कर पाती हैं।
दोस्तो, जितना संवेदनशील हमारा सुपारा होता है उतनी ही स्त्री की भग्नासा भी संवेदनशील होती है. और मुझे वही सबसे ज्यादा पसंद है.
एक प्रकार से भग्नासा स्त्री की चाभी है जिसको सहलाने या रगड़ने से वह बहुत जल्दी झड़ जाती है.
दोस्तो, किसी भी लड़की की कमजोरी उसकी भग्नासा होती है. जिसको सहलाने से वह बहुत जल्दी स्खलित हो जाती है.
भाभी के साथ भी यही होता है. उन्होंने खुद मुझे यह बात बतायी थी।
दस मिनट के बाद जब भैया लिंग चूसाकर बाहर निकालते हैं तो भाभी इतनी तेज़ हाँफती है ऐसा लगता है कि जैसे भाभी कितनी लम्बी दौड़ लगाकर आयी हैं।
लिंग चूसाने के बाद भैया उठे और भाभी के ऊपर आ गये और मज़े से चूत लेने लगे.
कुछ देर बाद भैया ने भाभी को घोड़ी बना दिया और पीछे से लंड को चूत में डालकर चोदने लगे.
भाभी कि सिसकारियाँ तो लगातार निकलती रहतीं हैं।
चुदाई पूरी होने के बाद भैया नंगे ही चिपक कर सो जाते हैं. फिर अगले दिन सुबह उठकर भैया साथ में ही नहाये और तैयार हो कर घूमने के लिए निकल गये।
आज कुफरी घूमने के लिए जाना था. वहां बर्फबारी होती है, दोस्तो, अगर आप सर्दियों में शिमला जाते हैं और आपको बर्फ गिरते हुए देखना है तो कुफरी जरूर जायें।
वहां भैया भाभी ने बर्फ में आनन्द लिया और शाम को वापस अपने होटल आ गये.
अब पूरी रात फिर चुदाई होनी थी, इस तरह से दो दिन पूरे हो गये।
फिर अगले दिन मनाली जाना था और दो दिन मनाली घूमना था. वहां भी जमकर चुदाई हुई. फिर एक दिन कुल्लू घूमना था.
इस तरह से पाँच दिन का हनीमून पैकेज था।
लेकिन दोस्तो, हर जगह और पाँचों दिन भाभी की चुदाई जमकर हुई अगर मैं पाँचों दिन की चुदाई का वर्णन करूँगा तो कहानी के पाँच भाग बन जायेंगे और कहानी बहुत लम्बी हो जायेगी. इसलिए मैं शिमला में हुई चुदाई को ही लिख रहा हूँ.
भैया का मन तो बर्फ में चुदाई करने का था लेकिन ऐसा मौका नहीं मिला क्योंकि वहां बहुत लोग घूमने आते हैं।
पाँच दिन बाद जब भैया भाभी हनीमून मना कर घर वापस आये तो भाभी ठीक से चल भी नहीं पा रही थी क्योंकि उनकी चूत सूज गयी थी।
भाभी ने एक सप्ताह तक तो भैया को हाथ भी नहीं लगाने दिया, भाभी गरम पानी से चूत की सिकाई करती थी।
उसके बाद भैया भाभी नैनीताल गये, गोवा गये और भी बहुत सी जगह पर घूमने के लिए गये और खूब चुदाई हुई।
दोस्तो, गोवा में तो समुद्र के किनारे लड़कियाँ बिकनी में घूमती नहाती हैं.
भैया ने भाभी से कहा- जान, तुम भी बिकनी या ब्रा पैंटी पहन लो.
पर भाभी ने मना कर दिया.
लेकिन भाभी ने गोवा में शार्ट गाउन और भैया ने फ्रेंची अंडरवियर पहना था. दोनों ने समुद्र में बहुत मज़े किये थे।
ये तो बात थी देसी हनीमून सेक्स की!
इसके अलावा भैया भाभी कहीं ना कहीं घूमने जाते ही रहते हैं. और जहाँ भी जाते हैं चुदाई तो जरूर होती ही है.
भैया को भाभी के साथ बाथरूम में नंगे होकर शावॅर में नहाना बहुत पसंद है. उन्हें जब भी मौका मिलता है, वे ऐसे जरूर नहाते हैं।
एक बार मैंने भाभी से कहा- भाभी, मेरा भी हनीमून मनाने का मन कर रहा है!
तो भाभी बोली- देवर जी, आप भी शादी कर लीजिये. फिर खूब मनाना हनीमून।
मेरा इस तरह से हनीमून मनाने का बहुत ही मन है. और मैं एक दिन अपनी इस ख्वाहिश को जरूर पूरा करूँगा।
अगर आप लोगों में से किसी ने भी इस तरह से हनीमून मनाया है तो मुझे जरूर बताना।
तो दोस्तो, यह थी भैया भाभी की देसी हनीमून सेक्स स्टोरी!
आप लोगों को कैसी लगी? मुझे कमेंट करके जरूर बताएं. आप लोग कहानी पढ़कर निकल जाते हैं लेकिन कमेंट नहीं करते हैं. लड़कियाँ और भाभियाँ मुझे बेहिचक कमेंट कर सकतीं हैं.
आई लव यू भैया भाभी जी।
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