मेरे लंड की दीवानी भाभी ने मुझे मछली खिलाई
दोस्त की बीवी की चूत गांड की चुदाई की मैंने।
दोस्त की बीवी की चूत गांड की चुदाई की मैंने।
कुकोल्ड सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे एक जवान कपल ने मुझसे सम्पर्क किया अपने सेक्स जीवन में कुछ नया करने के लिए! हम एक होटल में मिले और …
हैलो अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी रीडर्स, कैसे हैं आप सब!
अपनी कुकोल्ड सेक्स स्टोरी के साथ मैं आप सबका दोस्त राज एक बार फिर से हाजिर हूँ.
मेरी पिछली सेक्स कहानी
ड्राइविंग सिखाकर बहन की चुदाई
के बाद मुझे काफ़ी सारे मेल आए और आप सभी ने मेरी कहानी को पसंद किया. उसके लिए आपका बहुत धन्यवाद.
इस कुकोल्ड सेक्स स्टोरी को पढ़कर एक कपल ने मुझे मेल किया और मेरी कहानी की काफी तारीफ़ करते हुए मुझसे चैट करने की रिक्वेस्ट की.
मैंने उस कपल को अपना हैंगआउट अड्रेस किया और हमारी बात होने लगी. वो दोनों मेरी ही सिटी से थे और प्राइवेट सेक्टर में जॉब करते थे.
हज़्बेंड का नाम काफ़ील (बदला हुआ) और उनकी वाइफ का नाम आफ़िया (बदला हुआ) था. आफ़िया भाभी एक स्लिम और भर पूरे जिस्म की मालकिन थीं. उनके गोल और सॉफ्ट 36 इंच साइज़ के चूचे किसी को दीवाना बना सकते थे. वैसे भाभी का फुल फिगर साइज़ 36-32-38 का था.
काफ़ील और आफ़िया से लगातार चैट होने के बाद मुझे पता चला कि दोनों अपनी शादीशुदा लाइफ से खुश हैं और हफ्ते में 3-4 बार सेक्स करते हैं.
लेकिन एक ही तरीके के सेक्स से वो दोनों बोर हो चुके थे. इन दोनों को ही सेक्स में कुछ नया चाहिए था.
मेरी स्टोरी पढ़कर उन्होंने तय किया था कि उन्हें चुदाई में कुछ नया ट्राइ करना चाहिए.
इस सोच को लेकर उन्होंने मुझे चुना और मुझसे कॉंटेक्ट किया.
आफ़िया भाभी से मैंने पूछा कि उनको कैसा सेक्स चाहिए.
तो उन्होंने बताया कि उन्हें एक बार बहुत ही वाइल्ड सेक्स करने का मन है, जिसमें कोई मजबूत मर्द उन्हें एकदम रगड़ कर चोदे और उनकी हर इच्छा को पूरी कर दे.
ये सुनकर मैंने उन्हें भरोसा दिया कि आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी, आप बेफिक्र रहें.
फिर मैंने काफ़ील से आगे के प्लान और उनके समय आदि के बारे में पूछा. हमारी दोनों तरफ से हर चीज को लेकर रजामंदी हो गई थी.
हमने अगले महीने की तारीख फिक्स की और सारा प्रोग्राम मेरे ही दोस्त के होटल में फिक्स किया गया, जिससे उनकी प्राइवेसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचे और सब आराम से हो जाए.
मैंने 4 जनवरी की तारीख के लिए होटल बुक करके प्रोग्राम फिक्स कर दिया और उनको डिटेल दे दी.
फिर 4 जनवरी को उन्होंने होटल में चैक-इन कर लिया. उनका रूम मेरे रूम के बगल वाला था ही था. हमारी फोन पर बात हुई और मैंने उनको फ्रेश होने को बोल दिया.
कुछ टाइम बाद मैंने उनके रूम के दरवाजे पर दस्तक दी, तो आफ़िया भाभी ने दरवाजा खोला.
आफ़िया भाभी एक झीनी सी नाइटी में थीं. उनको इस रूप में अपने सामने देख कर मेरा लंड गेट पर ही खड़ा हो गया. भाभी जी सांवली सी थीं … लेकिन आकर्षक चेहरे वाली एकदम गोल गोल मम्मों वाली माल थीं.
अपने सामने भाभी को देख कर मेरा मुँह खुला का खुला ही रह गया.
आफ़िया भाभी ने मुझे हिलाकर कहा- क्या हुआ … क्या गेट पर ही सब कर लेने का इरादा है देवर जी? यहीं खड़े रहोगे या अन्दर भी आओगे?
भाभी के हिलाने से मुझे होश आया और मैं रूम में आकर सोफे पर बैठ कर काफ़ील से बातें करते हुए फिर से भाभी को देखने लगा.
काफ़ील सोफे पर बैठ कर वाइन पी रहा था. उसने मुझे भी वाइन ऑफर की … लेकिन मैं तो शराब पीता नहीं हूँ.
तो मैंने आफ़िया भाभी को देखते हुए काफ़ील को बोला- आपको मालूम होगा कि मैं शराब का नशा नहीं करता हूँ. मैं केवल आफ़िया भाभी जैसी हसीनाओं के हुस्न और उनकी नशीली आंखों का नशा करता हूँ.
मेरी बात सुन कर काफ़ील और आफ़िया हंसने लगे.
मैंने भी उनकी हंसी में साथ देते हुए कहा कि तो हम लोग अपना काम चालू करें!
आफ़िया भाभी ये सुनकर बेड की तरफ चल पड़ीं और मैं भी काफ़ील के साथ बेड पर आने को रेडी हो गया.
मैंने महसूस किया कि आफ़िया भाभी अपने शौहर के सामने थोड़ी असहज हो रही थीं और मुझसे बहुत दूर थीं.
मैंने काफ़ील से कहा कि क्या आप अभी भो ड्रिंक जारी रखना चाहते हैं?
काफ़ील ने एकदम से उत्साहित होते हुए कहा- हां हां क्यों नहीं … क्या तुम मेरे साथ ड्रिंक लेने के लिए रेडी हो?
मैंने उनसे हंसते हुए कहा कि नहीं आप मेरे दोस्त सन्नी के साथ ड्रिंक के लिए मेरे वाले रूम में जाकर एन्जॉय कीजिए, तब तक मैं भाभी जी से कुछ बातचीत कर लेता हूँ.
ये कहते हुए मैंने काफ़ील को आंख दबा कर इशारा किया कि आपकी बीवी आपके सामने कुछ असहज महसूस कर रही हैं.
काफ़ील खुद भी शायद यही सोच रहा था, वो झट से मान गया और अपनी बीवी आफ़िया भाभी से बोला- ओके हनी, तुम इधर एन्जॉय करो, मैं उधर जाता हूँ.
सन्नी मेरे रूम में बैठकर ड्रिंक कर रहा था, काफ़ील उधर चलने को उठ गया.
अब मैं कुछ समय आफ़िया भाभी को देकर उनकी झिझक को खत्म कर सकता था. इससे ये होना था कि एक बार भाभी मेरे साथ खुल कर चुदाई का मजा ले लेतीं और अगले राउंड में वो काफ़ील के सामने मेरे साथ सेक्स करने में हिचकिचाहट महसूस नहीं करतीं.
काफ़ील को मैं अपने रूम में सन्नी के पास छोड़ आया. वहां वो दोनों ड्रिंक करने लगे.
मैं वापस आफ़िया भाभी के रूम में आ गया और डोरलॉक करके बेडरूम में आकर भाभी को देखने लगा.
आफ़िया भाभी बेड के एक कोने पर बैठी हुई मेरा ही इंतजार कर रही थीं.
अब उनके चेहरे पर एक सुकून की आभा झलक रही थी.
मैं भाभी के बगल में जाकर बैठ गया और उनकी सुंदरता की तारीफ़ करने लगा.
मैंने भाभी से कहा- आप एकदम विपाशा वसु जैसी लगती हैं.
ये सुनकर आफ़िया भाभी हंसने लगीं और थोड़ा थोड़ा खुलने लगीं.
वो कहते हैं ना दोस्तो … कि किसी महिला की जितनी ज्यादा तारीफ़ करो, वो उतनी ही जल्दी फ्रेंड्ली हो जाती है.
आफ़िया भाभी मुझसे पूछने लगीं- आप पहली बार आते समय गेट पर क्यों रुक गए थे?
तो मैंने उनसे कहा- मैं आपकी सुंदरता में इतना खो गया था कि मुझे कुछ होश ही नहीं रहा.
इस पर भाभी ने मुझसे पूछा कि अच्छा … आपको मुझमें क्या सबसे अच्छा लगा?
मैंने भाभी की आंखों में झांकते हुए कहा कि सच कहूँ?
भाभी ने भी मेरी आंखों में प्यार से देखा और बोलीं- हां … आज सब सच ही कहना.
मैंने उनकी ठोड़ी को अपने हाथ से पकड़ा और कहा- मुझे सबसे ज्यादा सुंदर आपकी गोल गोल और पूरे 36 साइज़ के बूब्स ही मस्त लगे … भाभी सच कह रहा हूँ … मैं बड़े बूब्स का दीवाना हूँ.
भाभी अपने मम्मों को मेरी तरफ तानते हुए मुझसे कहने लगीं- तो आओ न और ध्यान से देखो मेरे बूब्स … और इन्हें चूस लो न!
उनके ऐसा बोलने पर मैं उनके और करीब सरक गया और उनका हाथ पकड़ कर उन्हें अपनी ओर खींच लिया.
भाभीजान भी कटे हुए पेड़ की तरह मेरे आगोश में समा गईं.
उनकी हिचक खत्म हने लगी थी.
मैंने भाभी के माथे पर एक किस किया और उनके हाथ को सहलाने लगा.
मैं अपनी गर्म सांसें उनके चेहरे पर छोड़ता हुआ उनके जिस्म की खूबसूरती की तारीफ़ करने लगा. साथ ही अपना एक हाथ उनकी गर्दन और कान के पास घुमाने लगा.
इससे भाभी मदहोश होने लगीं और अपने एक हाथ से मेरी जांघें सहलाने लगीं.
मैंने अपने दूसरे हाथ से भाभी के मम्मों को नाइटी के ऊपर से ही दबा दिए. आह क्या बताऊं दोस्तो … उनके चूचे एकदम सॉफ्ट और मखमली से लगे.
मेरे हाथों से मम्मों को दबाने और सहलाने से भाभी की मदभरी सिसकारी निकल गई.
भाभी ने अपना एक हाथ में मेरे हाथ पर रख कर अपने मम्मों को कुछ और जोर से दबा दिया.
उनका दूसरा हाथ मेरे लंड पर चला गया और वो जींस के ऊपर से ही मेरे लंड की साइज़ का जायज़ा लेने लगीं.
मैंने उनके चेहरे को वासना से देखा, तो भाभी ने अपने होंठों को मेरे होंठों के पास ला दिए. मैंने अपने होंठ आगे किए तो भाभी मुझे किस करने लगीं.
मैं भाभी के नीचे के होंठों को चूस रहा था और अपनी जीभ उनके मुँह में दे रहा था. जिसे वो लंड के जैसे चूस रही थीं.
किसी जवान भाभी को ऐसे किस करने में जो मज़ा आता हैं ना … वो बताया भी नहीं जा सकता.
भाभी और मैं हम दोनों बड़ी बेताबी से एक दूसरे के होंठों को मस्ती और पूरी शिद्दत से चूसे जा रहे थे. हमारे जिस्म में रक्तप्रवाह हद से ज्यादा तेज हो गया था.
इसी तरह 10 मिनट तक क़िस करने के बाद मैं भाभी के शरीर पर किस करने लगा. उनकी गर्दन और कान के ऊपर किस करने लगा और कान की लौ को अपने दांतों से दबाते हुए कट्टू करने लगा.
इससे भाभी की मादक सिसकारियां बढ़ती ही जा रही थीं. वो मुझे अपने मम्मों पर खींचने लगीं. मैं नाइटी के ऊपर से ही भाभी का एक बूब चूसने लगा. दूसरे दूध को हाथ से दबाने लगा.
वो लगातार मेरा सर अपनी चूचियों पर दबाए जा रही थीं और ‘ओह्ह … ओह्ह … ह्म्म्म्म म.’ की आवाजें निकल रही थीं.
फिर मैंने आफ़िया भाभी को थोड़ा उठाकर उनके कपड़े उतारने चालू किए.
तो भाभी ने अपनी साइड में हाथ कर अपनी नाइटी उतार दी और उसे मेरे चेहरे पर फेंक कर मार दी और हंसते हुए अपने मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाते हुए मुझे दिखाने लगीं.
उस टाइम भाभी बिल्कुल सन्नी लियोनी लग रही थीं. बस फ़र्क इतना था कि सन्नी लियोनी के बूब्स टाइट हैं … और आफ़िया के सॉफ्ट थे.
भाभी की ऐसी मदभरी अदा से मेरा लंड मेरी जींस में फटने सा लगा और मैंने अपनी जींस ओर टी-शर्ट उतार दी. मैं अपने अंडरवियर के ऊपर से भाभी को लंड का उभार दिखा कर हिलाने लगा.
मेरे लंड के उभार को देख कर भाभी की कामुक सिसकारी निकल गई. वो हाथ की एक उंगली से मुझे अपने पास बुलाने लगीं.
उनकी इस मादक अदा को देख कर मैं भी उत्तेजित हो उठा था. अब तक की मेरी जिन्दगी में ये पहली भाभी थीं जो खुद मुझे एक चुदासी रंडी की तरह अपनी तरफ बुला रही थीं.
अगली बार मैं आपको भाभी की मदमस्त चुदाई की कुकोल्ड सेक्स स्टोरी का अगला भाग लिखूंगा. आप कमेंट करना न भूलिए.
कुकोल्ड सेक्स स्टोरी जारी है.
इस कहानी का अगला भाग: अन्तर्वासना से मिले कपल संग चुदाई- 2
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कामुक्ताज डॉट कॉम पढ़ने वाले मेरे प्रिय दोस्तो, मैं आपकी