Search

You may also like

confused
4341 Views
दो लौड़ों के बीच में चुदाई का सफर
कोई मिल गया

दो लौड़ों के बीच में चुदाई का सफर

सफ़र सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं ट्रेन से जाते

surprise
3979 Views
दोस्त की भाभी संग मेरी रंगरेलियां
कोई मिल गया

दोस्त की भाभी संग मेरी रंगरेलियां

देसी भाबी Xxx कहानी मेरे दोस्त की भाभी की है।

1346 Views
प्यासी बंगालन की चूत चुदाई
कोई मिल गया

प्यासी बंगालन की चूत चुदाई

  नमस्कार दोस्तो, अन्तर्वासना सेक्स कहानी पर ये मेरी पहली

confused

कोविड वार्ड में चुत चुदाई का मजा- 1

कोरोना संक्रमण के कारण मैं अस्पताल गया. मैं बेड पर लेटा साले की बेटियों की चुदाई याद करके सोच रहा था कि यहाँ कोई चूत मिल जाए तो मजा आ जाए.

दोस्तो, मैं चन्दन सिंह…

आप सभी का बहुत धन्यवाद.

आज आपके लिए एक सच्ची घटना पेश कर रहा हूँ. इसमें कुछ मसाला डालकर सेक्स कहानी को रोचकता देने का प्रयास किया है.

यह मादक कहानी मेरे साथ अभी हाल में ही घटी थी. इस कहानी में पात्रों के नाम और स्थान आदि बदल दिए हैं.

आप लोगों से एक निवेदन भी है कि कृपया मुझसे उन लड़कियों या महिलाओं के फोन नम्बर न मांगा करें, जो मेरे लंड से चुद चुकी होती हैं. ये मेरे लिए सम्भव नहीं होता है.

साले की अतृप्त लड़कियों की चुदाई की कहानी लिखते समय अचानक ही मेरे श्वसुर के निधन का फोन आया.

अब तक अनलॉक शुरू हो गया था और देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से के लिए आवाजाही शुरू हो गई थी.

समाज के रीति रिवाजों को पूरा करने के लिए मैंने हवाई जहाज की दो टिकट बुक करवाईं और ससुराल आ पहुंचा.

दाह संस्कार करने के पश्चात तीसरे दिन मंदिर जाने का रिवाज था, इस कारण मुझे पत्नी के साथ ससुराल में ही रुकना पड़ा.

तीसरे दिन मंदिर जाकर आने के पश्चात शाम को खाना खाने की तैयारी हो रही थी.

मुझे हल्का बुखार सुबह से ही था. मैंने पेरासिटामोल टेबलेट शाम को ले ली.
मगर थोड़ी देर में श्वांस में दिक्क्त के साथ खांसी और सर दर्द के साथ सर्दी के मारे दांत किटकिटाने लगे.

बड़े वाले साले साब एक मेरी हालत देख कर एक कंपाउंडर को लेकर आ गए. कंपाउंडर ने मुझे देखते ही कोरोना का संक्रमण बता दिया.

तत्काल मुझे सरकारी अस्पताल ले जाया गया. मेरी जांच हुई और भर्ती कर लिया गया.
रात भर मुझे होश ही नहीं रहा.

दूसरे दिन सुबह देर से आंख खुली, तो पाया कि मुँह पर ऑक्सीजन लगी हुई थी … ग्लूकोज की बोतल लगी हुई थी.

साले का फोन आया- आपका टेस्ट हुआ था और डॉक्टर ने बताया है कि आपको कोरोना हुआ है. इस कारण आप अस्पताल में भर्ती हैं. इधर के नियमों के अनुसार यहां मरीज के अतिरिक्त अन्य कोई नहीं रुक सकता है. आपको जो भी जरूरत हो, तो फोन पर बता देना. बाहर गेट से भेज दूंगा.

उसकी बात पहले तो मुझे कुछ भी गलत नहीं लगी. मगर जब आस पास नजर दौड़ाई तो देखा कि हर दूसरे मरीज के साथ उनके घर का सदस्य हाजिर था.

दरअसल ये कोविड के एल-थ्री दर्जे का वार्ड था, यहां सिर्फ एसिम्प्टोमैटिक मरीज ही रखे गए थे. उनको खतरा कम होता है, इसलिए उनके परिवार के सदस्य साथ रुक सकते थे.

मगर मेरा साला मुझे अकेला छोड़ कर चला गया था. मैं समझ गया कि मेरे साले को कोरोना हो जाने के कारण यहां रुकने से भय बैठ गया था … या उसे कोई गलत सूचना दी गई थी.

अब जो भी था, मैं अकेला था और बाकी के साथ उनके परिजन थे.

तीन दिन तक मुझे ऑक्सीजन लगी रही. इस बीच मेरी हालत काफी ठीक हो गई थी और अब मुझे अपनी पुरानी आदतों की याद आने लगी थी.

पांचवें दिन सुबह सात बजे मेरी जांच की गई. ग्यारह बजे मेरी टेस्ट रिपोर्ट आ गई.
मैं कम संक्रमण वाला मरीज निकला था.

अस्पताल में खाने और चाय आदि की सुविधा बहुत अच्छी थी. मुझे कोई दिक्कत नहीं थी.

मैं बेड पर लेटा हुआ अपनी साले की लड़कियों की चुदाई की याद करता हुआ समय पास कर रहा था.

दोपहर के तीन बजे मेरे बाजू वाले खाली बेड पर एक नौजवान मरीज की आमद हुई. उसकी उम्र 28 साल थी.

उसके साथ तीन औरतें भी आयी थीं. उन सभी उम्र और उस नौजवान के साथ उनका रिश्ता लिख रहा हूँ.

पहली मीनाक्षी थी, जो मरीज की पत्नी थी और 25 वर्ष की थी.
मीनाक्षी दुबली पतली लम्बी पांच फ़ीट से कुछ ज्यादा की थी. उसने अपने ऊपर साड़ी का मास्क बना कर चेहरा ढक रखा था. सर पर पल्लू खींचा हुआ होने के कारण उसकी खूबसूरती दिखाई नहीं दे रही थी. उसकी साइज 28-24-30 की थी. उसके पति को कोरोना साथ खांसी ज्यादा थी.

दूसरी औरत जो कुछ ज्यादा तू तू करके बोल रही थी, उसकी उम्र करीब 50 वर्ष थी. उस औरत का चेहरा ही खूबसूरत नहीं था. मगर बाकी का बदन बड़ा ही जालिम था. उसके बाल एकदम सफेद थे. वो उस मरीज की मां थी. उसकी हाईट सवा पांच फिट थी, रंगत सांवली और साइज 32-28-34 की थी. उसके शरीर में शानदार कसावट थी. दूर से देखने पर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता था. अगर उसका चेहरा थोड़ा खूबसूरत होता, तो भगवान कसम उसे किसी हाल में नहीं छोड़ता.

तीसरी औरत का नाम विमला था, वो मेरे अनुमान से वो 40-45 के बीच की होनी चाहिए थी.
वो मरीज को ‘जी ..’ लगा कर बात कर रही थी, इससे अन्दाज हुआ कि ये उस युवक की सास होगी.
इसकी पुष्टि जब हुई जब 25 वर्षीय लड़की ने अपनी मां से बात करते समय मम्मी बोला.

अब मैं उस 25 वर्षीय लड़की की मां का हुलिया बता देता हूँ.

उसका रंग एकदम गोरा था. साइज़ 36-34-38 का था. पौने पांच फिट की नाटे कद की गोल मटोल बॉडी, बेहद गोरी, आंखें किसी हिरणी की तरह थीं. मगर न ही उसकी मांग में सिन्दूर था और न ही माथे पर बिन्दिया थी.
ये देख कर मेरा माथा ठनक गया. इससे साफ जाहिर हो रहा था कि वो विधवा थी.

अब वो विधवा थी या सधवा थी … मगर उसमें जो सबसे खास बात थी, वो ये कि वो बहुत ही खूबसूरत थी.
उसने अपनी शारीरिक फिटनेस को बड़ा मेन्टेन कर रखा था. हालांकि उसका थोड़ा सा पेट बाहर निकल आया था.

जब से वो वार्ड में आई थी, उसकी एक नजर मेरे ऊपर पड़ी थी. उसी समय मेरी नजरें उसकी नजरों से लड़ गई थीं.
मैंने उसकी आंखों में एक प्यासी औरत की चमक उभरती हुई देखी थी.

बाद में मुझे नजरअंदाज करते हुए अपने मरीज की तीमारदारी में लगी रही.

दो घंटे बाद वो वहीं रुक गयी. मरीज की पत्नी और मां दोनों वापस चली गईं.

अब मरीज की सास यानि वो कांटा माल मेरी ओर बार बार देखने लगी थी.
जब वो मेरी तरफ देखती, तब मेरी नजरें नीची हो जातीं, जब मैं उसकी ओर देखता, तब उसकी नजरें नीची हो जातीं.

खैर … हम दोनों के मुँह पर मास्क लगा होने के कारण हम नयनों से नयन मिला कर एक दूसरे को समझने की कोशिश करने में लगे थे.
इससे पहले नयनों की भाषा मैंने नहीं सीखी थी, जो मुझे आज सीखने को मिल रही थी.

इस खेल में समय का पता ही नहीं चला.

दो घंटे बाद वे दोनों सास बहु खाना लेकर वापस आ गईं.
पेशेन्ट की मां ने अपने बेटे को उठाया.

मरीज को नशीली दवा दी हुई होने के कारण वो नींद में था. उस उठा कर खाना खिला कर बेटी अपनी मां को लेकर रवाना हो गई. उस समय उस बेटी की मां मुझे जाते जाते बार बार मुड़ कर देख रही थी.

उन दोनों के चले जाने के बाद मरीज की मां ने अपना स्टूल मेरे बेड के पास खींच कर रख दिया. ऐसे उसने इसलिए किया था क्यों मरीज को काफी देर तक ज्यादा खांसी होने के कारण उसे अपनी कुछ चिंता हुई होगी.

फिर जब उसके बेटे को नींद आ गयी, तब वो मुझसे बतियाने लगी.
मैंने काफी देर तक उससे बात की. इस वक्त अंधेरा हो चला था, मुझे शराब की तलब महसूस होने लगी थी.

मैंने उठ कर बाथरूम में जाकर साले को फोन लगाया.

वो बोला- मैं तो अर्जेन्ट काम से गांव आया हुआ हूँ.

उससे निराश होकर मैंने अपनी जेब को टटोला, तो पूरी जेब साफ दिखी.

तभी मुझे याद आया मोबाईल के पीछे मेरा एटीएम कार्ड है. मैंने देखा, तो वो था. मैं वार्ड से बाहर आया. उस समय आठ बज रहे थे. स्टाफ नर्स की नौ बजे ड्यूटी चेंज होने के कारण वो पहले से ही घर जाने को तैयारी में दिखी. उससे आंख बचा कर मैं बाहर आया. तो गेटमैन खड़ा था. उसकी उम्र करीब साठ साल थी.

मैंने गेटमैन से हाय हैलो की और उससे निवेदन किया कि अगर वो मुझे किसी एटीएम तक ले जाकर वापिस यहां ले आएगा, तो मैं उसे दो हजार रूपये दूंगा.

उसने कारण पूछा, तो मैंने उसको रुपये निकालने का बता दिया.

वो लालच में आ गया और उसने कहा- आप एक घंटा और रुक जाइए.

मैं अंधेरे में तीर चला कर बोला- मुझे अभी अर्जेन्ट जाना है … एक घंटे बाद मुझे जरूरत ही नहीं रहेगी.
गार्ड दो हजार की लालच में बोला- आप अपने बेड पर जाइए, तब तक मैं कुछ सोचता हूँ.

मैं बेड पर वापिस आ गया. वो औरत जो मेरे पास के मरीज की मां थी. उसका कल्पित नाम मैं रोहिणी रख देता हूँ.

वो मुझसे पूछने लगी- आप कहां चले गए थे?

मैंने उसे लेटे लेटे ही पास आने को बोला, क्योंकि हम दोनों के मुँह पर मास्क लगा होने के कारण बोलने के लिए जोर से बोलना पड़ रहा था.

रोहिणी ने बैठने का स्टूल मेरे बेड के सिरहाने की तरफ खींचा और मेरे पास आकर बैठ गयी.

मैं बेड पर लेटा हुआ था, उठ कर उसके कान के पास मुँह करके कहने लगा कि मुझे मेरे साले ने यहां एडमिट करवा करवा दिया है और वो यहां से भाग गया है. इस समय मेरी जेब में पैसा नहीं है, एटीएम कार्ड है. मुझे प्रतिदिन शराब लेने की आदत है. मुझे इस समय शराब की तलब हो रही है. इस कारण गार्ड को साथ ले जाकर एटीएम से पैसा निकाल कर शराब लाने के लिए जुगाड़ फिट कर रहा था.

उसने मुस्कुरा कर कहा- क्या मैं इस समय आपकी मदद कर सकती हूँ?
मैंने पूछा- कैसे?

रोहिणी बोली- आप अपने एटीएम से पैसे बाद में निकाल लाना. अभी मुझसे पैसे ले लो … और शराब मंगवा लो.

इतना बोल कर रोहिणी ने अपने ब्लाउज से एक छोटा सा पर्स निकाला. उसमें से उसने दो हजार के दो नोट दिए. मैंने देखा कि उसके पास काफी ज्यादा रुपये थे.

मैंने उससे दो हजार और ले लिए और बाहर जाने के लिए उठ गया.

मेरे जाते समय वो बोली- एक बात बताओ … यहां अस्पताल में पीना तो बिल्कुल मना है. आप कैसे पियोगे?
मैंने मुस्कुरा कर कहा- सामने बाथरूम है … वो कब काम आएगा!

वो हंस कर बोली- तो एक काम मेरा भी कर देना. वाइन मिनियेचर के दो पैग वाली छोटी बोतल मेरे लिए भी लेते आना.
मैंने हां कर दी.

अब मैं वहां से बाहर आया. सामने गार्ड आता दिखाई दिया.
वो आते ही बोला- सर आप मेरे साथ बाहर चल सकते हैं.

मैंने उससे एक थैला साथ लेने को बोला.

वो नर्स वाले रूम में मुझे भी साथ ले गया. नर्स के रूम में जाते ही एक टेबल लगी हुई थी. उसके पीछे कमरा था.
हम दोनों उस कमरे में पहुंचे. उधर तीन चार बेड लगे हुए और एक अलमारी थी. उस अलमारी से उसने अपना बैग निकाल कर साथ लिया और हम दोनों वापिस नर्स वाले कमरे में आए.

तब एक नर्स ने गार्ड को रोक दिया. गार्ड मुझसे बोला कि आप बाहर मेरा इंतजार करें.

मैं बाहर आकर इंतजार करने लगा.

कुछ ही देर में गार्ड आया. वो मुझे साथ लेकर अस्पताल से बाहर निकलने लगा. अस्पताल की ओर से तीन सुरक्षा चक्र बनाए गए थे. हर सुरक्षा चक्र में गार्ड मुझे अपना रिश्तेदार बता रहा था. बाहर आकर गार्ड ने अपनी एक्टिवा स्टार्ट करके मुझे पीछे बैठाया और एटीएम ले गया.

वहां से मैंने बीस हजार रूपये निकाल कर गार्ड को अपने नजदीक बुलाया और कहा- मुझे कुछ सामान खरीदना है.
वो बोला- ठीक है.

मैंने सबसे पहले एक ऐसा बैग खरीदा, जिसमें मैं ताला लगा सकूं. फिर गार्ड को शराब की दुकान ले चलने को कहा.

गार्ड काफी दूर वाली एक अच्छी दुकान के पिछवाड़े में ले गया. क्योंकि राजस्थान में आठ बजे शराब की दुकान बन्द हो जाती हैं. दुकान के पिछवाड़े जाकर उसने दुकानदार को फोन लगा कर मुझसे पूछा कि किस ब्राण्ड की चाहिए.

मैंने ब्राण्ड बता दिया.
फिर फोन पर दुकानदार ने कहा- आप सामने से आ जाओ.

हम सामने वाले दरवाजे पर पहुंचे, तो दुकानदार ने शटर को थोड़ा ऊंचा करके हम दोनों को दुकान में घुसा लिया.

मैंने दुकान में जाकर देखा, तो मेरी मन पसन्द ब्राण्ड तो थी ही नहीं.
मैंने दूसरी ब्राण्ड पसन्द की और गार्ड को बोला कि आप भी पीने वालों में से हैं. मेरी इच्छा है कि हम दोनों यहीं बैठ कर कुछ पैग बना लेते हैं.

गार्ड दो गिलास के साथ कुछ अतिरिक्त गिलास ले आया. हम दोनों पीने बैठ गए. तीन पैग पीने में हमें आधा घंटे लग गया.

इस दरम्यान मैंने गार्ड से बात की. वो मुझसे काफी खुल गया था. मैं उस गार्ड से उस नर्स के बारे में पूछने लगा.

शराब पीने के बाद आदमी बिंदास हो जाता है और कभी भी झूठ नहीं बोलता है.

गार्ड मुँह से गाली देते हुए बोला- ये साली कुछ नर्सों ने नर्स जाति को बदनाम कर रखा है. जिसने मुझे रोका था, वो साली एक नंबर की रंडी है. पैसे मांग रही थी कुतिया.

मैंने पूछा- किस बात के.
वो गाली देते हुए बोला- साली को एक बार चोद क्या दिया, भैन के लौड़ी जब चाहे पैसे मांगने लगती है.

मुझे गार्ड की बातों में दिलचस्पी होने लगी. मैंने तत्काल चार हजार रुपये निकाल कर गार्ड के सामने रखकर कहा- इसमें दो हजार तो आपकी उस मेहनत के हैं, जो आप मुझे यहां तक लेकर आये हैं, बाकी मैं दो हजार एडवान्स दे रहा हूँ. अगर आज की रात उस नर्स रूम में बने पीछे के कमरे में किसी अच्छी और खूबसूरत नर्स के साथ मेरा टांका भिड़वा दो, तो दो हजार और दूंगा.

गार्ड लालची था, वो रूपए उठाते हुए बोला- हो जाएगा सब इंतजाम … चलो अभी चलते हैं.
मैंने पूछा- क्या उसी को भेजोगे!

वो बोला- नहीं, वो कुतिया तो अब तक चली गई होगी. आज कौन सी नर्स ड्यूटी पर आती है … वो देखता हूँ. अगर कोई मेरे जान पहचान की हुई, तो आप सारी रात मजे कर लेना.

मैंने उठते समय वहां से दो बोतल ले लीं. छह पीस मिनियेचर के खरीदे, कुछ प्लास्टिक की अतिरिक्त गिलास और साथ में नमकीन चखना भी ले लिया.

बाहर आकर मैंने कुछ और नमकीन खरीद लिया और एक सिगरेट की डिब्बी लेकर वापस चलने लगा. एक बार पुनः एटीएम से बीस हजार और निकाल कर अस्पताल पहुंच गया. जब हम वहां से बाजार गए थे, तब वो गार्ड किसी मित्र गार्ड को खड़ा करके गया था. हम दोनों वापिस आए, तब उधर कोई और था, जो उसी गार्ड का दोस्त था.

उसने मेरा परिचय करवाया और बोला- ये अपना सेठ है, इनका कोई नहीं किसी भी प्रकार का काम हो … तो बेहिचक कर देना. तुम्हारा इनाम मैं दे दूंगा … बाकी हर एक बात मेरी गारंटी है. एक बात और ध्यान से सुन लो, कल सुबह तुम्हारी जगह जो भी गार्ड आए, उसे भी बता देना.

इतना कह कर उसने मुझे अपने बेड पर जाने को कह दिया.
मैं बेड की ओर चला गया.

अब अगले भाग में आपको लिखूंगा कि कोविड वार्ड में चुत चुदाई कैसे हुई और कौन कौन लंड के नीचे आया.

मेरी इस सेक्स कहानी के लिए आपके कमेंट का इंतजार रहेगा.

कहानी का अगला भाग: कोविड वार्ड में चुत चुदाई का मजा- 2

Related Tags : इंडियन सेक्स स्टोरीज, गैर मर्द, चुदास, सेक्सी कहानी
Next post Previous post

Your Reaction to this Story?

  • LOL

    0

  • Money

    0

  • Cool

    0

  • Fail

    0

  • Cry

    0

  • HORNY

    0

  • BORED

    0

  • HOT

    0

  • Crazy

    0

  • SEXY

    0

You may also Like These Hot Stories

confused
928 Views
एक अनजान लड़की को दिया सम्पूर्ण आनन्द
Indian Sex Stories

एक अनजान लड़की को दिया सम्पूर्ण आनन्द

नमस्कार दोस्तो, मैं आप आप सभी को धन्यवाद करता हूं,

confused
3007 Views
एक दिन की ड्राईवर बनी और सवारी से चुदी-1
कोई मिल गया

एक दिन की ड्राईवर बनी और सवारी से चुदी-1

सुबह दस बजे का वक्त था, सड़क पर बहुत ट्रैफिक

winkconfusedangel
2928 Views
कैसे बनी मैं चुदक्कड़ औरत
Antarvasna

कैसे बनी मैं चुदक्कड़ औरत

पोर्नविदएक्स डॉट कॉम के अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार.